गोलाबारी की घटनाओं से सीमा पर बढ़ा तनाव, किसान चिंतित
संवाद सहयोगी, हीरानगर : नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की तरफ से हो रही गोलाबारी की घटनाओं की वजह से सी
संवाद सहयोगी, हीरानगर : नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की तरफ से हो रही गोलाबारी की घटनाओं की वजह से सीमा पर बढ़ते तनाव को देखते हुए सीमांत किसानों को अब धान की फसल समेटने और गेहूं की बिजाई की चिंता सताने लगी है। तनाव को देखते हुए सुरक्षाबलों ने भी किसानों को फसल की कटाई का काम जल्द पूरा करने की सलाह दी है। हीरानगर सेक्टर में अभी तक कटाई का काम 50 प्रतिशत ही हो पाया है।
किसान रूपलाल, तारा चंद, विशंभर दास, गुलशन कुमार का कहना है कि हर साल फसल की कटाई के समय पाकिस्तान गोलाबारी शुरू कर देता है। गेहूं की कटाई के समय भी पाकिस्तान ने गोलाबारी की थी। दूसरा बाहरी मजदूर भी पिछले कुछ सालों से क्षेत्र में कम आ रहे हैं। इस कारण किसानों को अपनी फसल समेटने में परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि धान की कटाई के बाद वे लोग गेहूं की फसल लगाते हैं। इस बार काम रुका हुआ है। इस तरह से एलओसी पर पाकिस्तान गोलाबारी करता आ रहा है अगर इस क्षेत्र में भी गोलाबारी होती है तो किसानों की परेशानिया बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि गोलाबारी से बचने के लिए तो सरकार ने पक्के बंकरों का निर्माण शुरू करवा दिया है लेकिन जब खेती ही नहीं होगी तो लोग अपनी गुजर-बसर कैसे कर पाएंगे। गोलाबारी से प्रभावितों की सुध लेने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्रालय की एक टीम ने भी पिछले साल सीमा क्षेत्रों का दौरा किया था। लोगों ने जो समस्याएं उन्हें बताई थी उनका समाधान नहीं हुआ। यहां न तो सरकार ने सुरक्षाबलों की आज तक विशेष भर्ती करवाई और न ही तारबंदी के आगे पड़ी खाली जमीन का मुआवजा दिया। अब दोबारा चुनाव होने वाले हैं सरकार को इससे पहले सीमांत लोगों की समस्याएं हल करनी चाहिए।