पहले लॉकडाउन, अब बरसात के बहाने काम नहीं करेगा लोक निर्माण विभाग
खत्म होने के बाद भी पीडब्ल्यूडी विभाग ने सक्रियता नहीं दिखाई हैहालांकि अनलाक के बाद तो विभाग पूरी तरह से सक्रिय होकर अपने-अपने स्तर पर विकाय कार्य करवा रहे हैंलेकिन पीडब्ल्यूडी विभाग अभी भी कोरोना संकट से उभरता नहीं दिखा है। जिसकी सुस्त कार्यप्रणाली के कारण अब स्थानीय नगर वासियों को बरसा
राकेश शर्मा, कठुआ: पीडब्ल्यूडी विभाग की सुस्त कार्य प्रणाली का खामियाजा अगले चार महीने को शहरवासियों को भुगतना पड़ सकता है, क्योंकि लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने पहले लॉकडाउन की बात कहकर विकास कार्य शहर में शुरू नहीं करवाया, अब बरसात के मौसम शुरू होने की बात करते हुए काम करने को तैयार नहीं है। इस तरह कहा जा सकता है कि शहर में जन सुविधा के लिए लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) ने कोई सक्रियता नहीं दिखाई है, जबकि अनलॉक के बाद तो कई विभाग पूरी तरह से सक्रिय होकर अपने स्तर से जिले में विकास कार्य शुरू करवा चुका है, लेकिन पीडब्ल्यूडी अभी भी कोरोना संकट से उभरता नहीं दिख रहा है।
दरअसल, विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली के कारण अब स्थानीय नगरवासियों को बरसात में भी गढ्डों से दो चार होकर गुजरना पड़ेगा, जबकि विभाग के पास करोड़ों रुपये फंड भी उपलब्ध है, फिर भी पहले से ही ब्लैक टापिग के लिए लंबित सड़कों पर काम शुरू नहीं कराए। अधिकारियों ने कोरोना संकट पर ज्यादा ध्यान देने की बातें करते हुए तारकोल के लिए करीब एक माह अनुकूल मौसम होने की बात करते हुए पहले काम शुरू नहीं कराया और अभी से हाथ खड़े करके अब बरसात के बाद ही तारकोल डालने की बात कर रहा है। जबकि अभी बरसात के मौसम शुरू होने में 15 दिन का समय है, लेकिन हाथ पहले ही खड़े कर दिए हैं। ऐसे में लोगों को अब अगले चार महीने तक गड्ढों से भरे मार्ग से होकर गुजरना पड़ेगा।
बहरहाल, विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली को लेकर नगर परिषद ने उप राज्यपाल (एलजी) को पत्र लिख चुकी है, जिसमें नगर परिषद के प्रधान नरेश शर्मा ने विभाग के कार्यकारी अभियंता को शहर में एक भी सड़क पर ब्लैक टाप नहीं करने के लिए जवाबदेय बनाने की मांग करते हुए विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।
बता दें कि जिले में हर जगह ग्रामीण विकास विभाग, पीएमजीएसवाई आदि ने जगह-जगह लॉकडाउन के दौरान मई माह से ही काम करना शुरू कर दिया था, अब अनलॉक के बाद तो और भी विकास कार्यो में तेजी ला दी है, लेकिन सड़क एवं भवन निर्माण में सबसे आगे रहने वाले पीडब्ल्यूडी विभाग जिले में खासकर शहर में मई माह तो दूर अब अनलॉक के बाद भी कोई काम शुरू नहीं कर पाया है। जबकि लोग एक साल से लंबित ब्लैकटॉप होने का इंतजार कर रहे थे। बाक्स---
इन सड़कों पर की जानी थी ब्लैक टापिग
- वार्ड 3 कृष्णा कॉलोनी से लेकर फ्रूट मंडी तक
-आंबेडकर ब्रिज से लेकर नाग नगर मोहल्ला तक।
-बेड़िया पत्तन रोड से लेकर मग्गर खड्ड तक।
-कठुआ शहर से चन्नग्रा तक।
-सहार खड्ड पुल से हाउसिग कॉलोनी के पास कूके चक तक।
-सावनचक से ड्रीम लैंड पार्क तक।
-जराई से लेकर वार्ड 12 तक।
-इंटर सिटी से लेकर चक देसा सिंह।
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मजबूरी में लिखना पड़ा पत्र: नरेश शर्मा
नगर परिषद के प्रधान नरेश शर्मा ने बताया कि नगर परिषद की ओर से शहर के करीब 15 निर्माण कार्यों की सूची सौंपी गई है, लेकिन एक भी काम पीडब्ल्यूडी ने नहीं करवाया और न ही अभी तक टेंडर लगाए हैं। इसमें मुख्य कार्य शहर के मुखर्जी चौक के शॉपिग कांप्लेक्स के लिए टेंडर, कॉलेज से ड्रीम लैंड पार्क रोड पर आरपीएम फिलिग के लिए मुख्य काम सौंपे गए थे, लेकिन न तो ब्लैकटॉप शुरू किया और न ही टेंडर लगवाएं। इसके लिए कई बार कार्यकारी अभियंता को पत्र लिखे गए, लेकिन जब कोई जवाब नहीं दिया तो उन्हें मजबूरन में एलजी को पत्र लिखना पड़ा।
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इन सड़कों के लिए पीडब्ल्यूडी के पास उपलब्ध है फंड
- कठुआ से चन्नग्रां 1.25 किमी ब्लैक टॉप के लिए 32 लाख।
-वार्ड 14 में 3 किमी ब्लैक टॉप के लिए 80 लाख।
- इंटर सिटी से लेकर चक देसा सिंह 1 किमी के लिए 25 लाख।
-मग्गर खड्ड से कूमका चक डिग्री कॉलेज के पास 2.25 किमी के लिए 50 लाख।
-सहार खड्ड से कूका चक 3.50 किमी के लिए 6 लाख।
-शहर के बीच एक किमी के लिए 12 लाख। कोट्स---
जैसे जैसे विभाग के पास फंड उपलब्ध होंगे,उसी के हिसाब से काम कराए जाएंगे, कुछ सड़कों के फंड उपलब्ध हुए हैं, जिनके काम कराए जाएंगे।
-राजन गुप्ता, कार्यकारी अभियंता, पीडब्ल्यूडी, कठुआ। कोट्स---
सड़क के लिए फंड अभी कुछ दिन पहले ही उपलब्ध हुए हैं, लेकिन अब कार्य बरसात के बाद ही होंगे, अभी ब्लैक टॉप के लिए मौसम अनुकूल नहीं रहेगा।
- एस के गुप्ता, एईई, पीडब्ल्यूडी, कठुआ।