तारबंदी के आगे की जमीन पर खेती करें किसान, प्रशासन ककरेगा मदद
संवाद सहयोगी हीरानगर भारत और पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हीरानगर सेक्टर में
संवाद सहयोगी, हीरानगर : भारत और पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हीरानगर सेक्टर में तारबंदी के आगे खेती करने के लिए प्रशासन की तरफ से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। प्रशासन ने इस संबंध में किसानों को तारबंदी से आगे की जमीन पर खेती करने के लिए हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया है। यदि यह संभव हुआ तो किसानों के लिए यह सकारात्मक प्रयास होगा।
वीरवार को कृषि विभाग के अधिकारियों ने चक चंगा में तारबंदी के आगे जाकर कृषि योग्य जमीन का जायजा लिया था। इसके बाद शुक्रवार को उपायुक्त कठुआ राहुल यादव ने कृषि विभाग तथा किसानों से बैठक कर इस संबंध में विस्तार से विचार-विमर्श किया। उपायुक्त तारबंदी पार खेती करने की दिक्कतों और संभावनाओं पर किसानों से सुझाव भी मांगे हैं।
इस मौके पर किसान रोशन लाल, नरेश कुमार, परबीन कुमार, गुलशन कुमार और दलीप कुमार आदि ने कहा कि वह तारबंदी के पार खेती करने के लिए तैयार हैं लेकिन बीस साल बाद उन्हें खेती शुरू करने में दिक्कत आ रही है। कुछ क्षेत्र में सरकंडे और झाड़ियां आदि उगी हुई हैं। जिसके बीच खेती करना उनके लिए मुश्किल हो गया है। प्रशासन को उसे अपने तौर पर इस जमीन को आबाद करवाना चाहिए। वहीं, किसानों ने यह भी कहा कि कुछ जगहों पर हदबंदी नहीं रही, ऐसी जमीन की हदबंदी कराई जानी चाहिए। उन्होंने खेती करते समय सुरक्षा के प्रबंध करने तथा कृषि विभाग, राजस्व विभाग, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और किसानों को शामिल कर एक कमेटी गठित करने की मांग की। वहीं, किसानों को आश्वस्त करते हुए उपायुक्त राहुल यादव ने कहा कि किसान खेती शुरू करें। उनकी हरसंभव मदद की जाएगी। जिस जगह झाड़ियां उगी हुई हैं। उसे बीएसएफ के ट्रेक्टरों से साफ करवा दिया जाएगा। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को किसानों को मशीनरी पर सब्सिडी मुहैया कराने के निर्देश भी दिए, अगर किसान इसके लिए आवेदन करते हैं। उन्होंने कहा कि शनिवार को वह सीमावर्ती क्षेत्र का दौरा कर बीएसएफ तथा किसानों के साथ बैठक कर विस्तार से विचार-विमर्श करेंगे। बैठक में मुख्य कृषि अधिकारी विजय उपाध्याय, एसएमएस मुरारी ढींगरा भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रेम नाथ डोगरा आदि भी मौजूद थे।