कई किमी सफर कर लाना पड़ता है पानी
संवाद सहयोगी, बसोहली : बनी बसोहली सड़क पर बसे गांव गलुंई धार में पानी का कोई स्रोत न
संवाद सहयोगी, बसोहली : बनी बसोहली सड़क पर बसे गांव गलुंई धार में पानी का कोई स्रोत न होने से ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए कई किलोमीटर का सफर करना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि पानी के लिए उन्हें हर परेशानी झेलनी पड़ती है। गांव में पानी के ऐसे कई स्रोत हैं, जहां इंसान व जानवर एक साथ पानी पीने को मजबूर हैं हालांकि, समस्या के समाधान और ठोस नीति कि लिए कई बार अधिकारियों से मांग की गई, लेकिन अब तक कोई प्रयास नहीं किए गए। पीएचई विभाग हर गांवों में पेयजल आपूर्ति को लेकर प्रयासरत है। गांव के कौसर अली, अली मोहम्मद, मंजूर अहमद, मोहम्मद शरीफ सुलेमान आदि का कहना है कि पानी जिंदगी की सबसे बड़ी जरूरत है। इसके बिना ग्रामीणों की परेशानियों बढ़ गई है। रोजमर्रा की जरूरत के लिए काफी दौड़ लगानी पड़ती है। गांव में न कोई हैंडपंप ओर न ही पानी का कोई स्रोत है। हर बार सरकारें बदली मगर गांव के हालात नहीं बदले। गांव के लोगों का हर दिन पानी की दौड़ से शुरू होता है और पूरे दिन ही पानी के चक्कर में घर के सदस्य लगे रहते हैं। इस गांव में हैंडपंप की सुविधा के लिए कई बार गुहार लगाई गई, मगर किसी ने नहीं सुना। उन्होंने विभाग से मांग की है जल्द से समस्या का समाधान किया जाए।
इस बाबत पीएचई विभाग के एईई संदीप सिंह का कहना है कि गांव का प्लान पहले से भेज दिया गया है। फंड आते ही काम शुरू हो जाएगा।