गुमराह न हों युवा इसलिए सेना खुद दिखा रही राह
आतंकवाद का दंश ङोल चुके किश्तवाड़ को फिर उसी राह पर धकेलने की दुश्मन की साजिशों के बीच सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। ताकि युवाओं को कोई गुमराह न करने पाए।
किश्तवाड़, [बलबीर जम्वाल] आतंकवाद का दंश ङोल चुके किश्तवाड़ को फिर उसी राह पर धकेलने की दुश्मन की साजिशों के बीच सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। ताकि युवाओं को कोई गुमराह न करने पाए। सेना युवाओं को एक बेहतर भविष्य की राह दिखाने में जुट गई है।
किश्तवाड़ की भौगोलिक विवशताओं और पिछड़ेपन का दुश्मनों ने भरपूर लाभ उठाया। शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं को पूरी तरह तबाह किया। जिले के विद्यार्थियों के भविष्य को संवारने के लिए सेना ने पुख्ता तैयारी कर ली है। उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए ऑनलाइन कोचिंग क्लासेस शुरू की जा रही हैं। जिसका पहला बैच आज से शुरू होने जा रहा है।
250 छात्र-छात्रओं ने पंजीकरण कराया है। इनमें पूर्व आतंकियों और आतंकवाद प्रभावित परिवारों के बच्चे भी शामिल हैं। 1ऑपरेशन सद्भावना: जम्मू संभाग के पीर पंजाल पर्वतीय श्रृंखला की गोद में किश्तवाड़ जिला बसा है। बर्फबारी के कारण जिले के स्कूलों में इन दिनों छुट्टियां हैं। सेना ने छुट्टियों में ऑपरेशन सद्भावना के तहत सरकारी ब्वॉयज हायर सेकेंडरी स्कूल किश्तवाड़ में ग्यारहवीं व बाहरवीं के छात्रों को ऑनलाइन कोचिंग देने की व्यवस्था की है। बेंगलुरु की कंपनी से समझौता किया है, जो विद्यार्थियों को पढ़ाएगी। अलग-अलग सत्रों में पढ़ाई जाने वाली ऑनलाइन क्लासेस में विज्ञान, गणित सहित अन्य विषयों के अलावा इंजीनियरिंग और सिविल सर्विसेज के विषयों की तैयारी कराई जाएगी। कक्षाओं में कंप्यूटर व प्रोजेक्टर का प्रयोग होगा। कक्षाएं प्रतिदिन चार घंटे की होंगी। बीच में रिफ्रेशमेंट की व्यवस्था भी होगी।
उत्साहित हैं युवा: पंजीकरण कराने वाले छात्र-छात्रओं में शामिल प्रदीप सेन, रोहित परिहार, आशा देवी, मुदस्सर हुसैन, आयशा ने कहा कि वे इसे लेकर खासे उत्साहित हैं। पंजीकरण के लिए सेना ने कुछ समय पहले विज्ञापन जारी किए थे। स्कूलों में सूचना दी गई थी। बच्चे कहते हैं कि यह उनके लिए अच्छा मौका है क्योंकि बर्फबारी के कारण स्कूल और जिले से बाहर जाने के रास्ते बंद हैं। ऐसे में इस समय का इससे बेहतर उपयोग नहीं हो सकता था।