सीमांत स्कूलों के बच्चों की सुरक्षा के प्रबंध नहीं
संवाद सहयोगी, हीरानगर : पाकिस्तान की गोलीबारी से प्रभावित गावों में लोगों की सुरक्षा के लिए सर
संवाद सहयोगी, हीरानगर : पाकिस्तान की गोलीबारी से प्रभावित गावों में लोगों की सुरक्षा के लिए सरकार ने घरों में पक्के बंकरों का निर्माण तो शुरू कर दिया है, लेकिन सीमात स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की सुरक्षा के लिए अभी तक उचित प्रबंध नहीं किए गए, जिसकी लोग अक्सर माग करते रहे हैं।
हीरानगर सेक्टर में जीरो लाइन पर छनलालदीन, रठुआ, पानसर मनिहारी, कडियाला, गुजरचक लडवाल, लौंडी आदि मिडिल स्कूल पड़ते हैं, जो गोलाबारी की रेंज में आते हैं और अक्सर बच्चों की छुट्टी करनी पड़ती है। कई बार शिक्षकों को बच्चों को स्कूलों के अंदर ही रखना पड़ता है।
ग्रामीणों का कहना है कि सरकार को स्कूलों की चारदीवारी करवा कर वहा सामुदायिक बंकर भी बनवाने चाहिए, ताकि अगर दिन के समय अचानक गोलाबारी होती है तो शिक्षक बच्चों को उनके अंदर सुरक्षित रख सकें। वहीं, लौंडी के पूर्व सरपंच देवराज, प्रकाश चंद, किशन लाल का कहना है कि लौंडी मिडिल स्कूल पाकिस्तान की गोलीबारी की रेंज में आता है। स्कूल की चारदीवारी पांच साल पूर्व टूट गई थी। डीसी कठुआ व अन्य अधिकारियों से भी लोगों ने चारदीवारी करवाने की माग की थी, जो अभी तक नहीं बनी। उन्होंने कहा कि मई में हुई गोलाबारी के दौरान मोर्टार का एक गोला स्कूल के गेट के आगे पड़ा था। ऐसे में सरकार को वहा पढ़ने वाले बच्चों की सुरक्षा के लिए चारदीवारी तथा सामुदायिक बंकर का निर्माण करवाना चाहिए।
स्कूल के हेड मास्टर जगजीत सिंह का कहना है कि चारदीवारी एवं जर्जर इमारत की मरम्मत के लिए उन्होंने लिखित माग की है। चारदीवारी के लिए सिर्फ 40,000 रुपये आए थे, जिससे सिर्फ नींव ही भरी जा सकी है। दीवार के लिए अभी तक फंड मंजूर नहीं हुआ।
वहीं, इस संबंध में तहसीलदार हीरानगर अवतार सिंह का कहना है कि लोगों की माग के बारे में वह डीसी कठुआ को अवगत करवाएंगे।