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धरती की गोद से निकली मां सीता

संवाद सहयोगी, बसोहली : वैसे तो बसोहली की रामलीला देश भर में हो रही रामलीला से अलग पहचान रखती है। मगर

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Oct 2018 07:35 PM (IST)Updated: Sat, 13 Oct 2018 07:35 PM (IST)
धरती की गोद से निकली मां सीता
धरती की गोद से निकली मां सीता

संवाद सहयोगी, बसोहली : वैसे तो बसोहली की रामलीला देश भर में हो रही रामलीला से अलग पहचान रखती है। मगर रात को सीता के जन्म को देख सभी दर्शक यही कह रहे थे कि ऐसी प्रस्तुति बेमिसाल थी। रात की रामलीला का मुख्य आकर्षण मुनि विश्वामित्र द्वारा राक्षसों के वध के लिए अयोध्या के नन्हे राजकुमारों राम और लक्ष्मण को जंगल में ले जाना, ताड़का वध और सुवाहु मारीच के साथ युद्ध और सीता का जन्म रहा।

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राजा जनक के राज दरबार में ग्रामीणों द्वारा अकाल और सूखे से राहत के लिए राजा जनक से गुहार लगाई गई। राजा जनक के गुरु शांतानंद द्वारा सुझाव देना की खुद हल चलाएं तो हल हो सकता है। राजा जनक द्वारा भूमि का पूजन किया गया और खुद हल चलाया गया। इस दौरान बारिश हुई और हल चलाते वक्त धरती से सीता माता का जन्म हुआ। रामलीला मैदान में हजारों की संख्या में दर्शकों ने इस दृश्य का खूब आनंद उठाया।

बसोहली रामलीला का यह दृश्य विश्व विख्यात है और इसे देखने के लिए स्थानीय दर्शकों की भीड़ तो उमड़ती ही है बाहर से भी लोग इस दृश्य को देखने विशेषतौर से आते है। सीता जन्म का दृश्य मनोहारी और उत्कृष्ट था, इसमें आधुनिक तकनीक का भी प्रयोग किया गया था। जब राजा जनक खेतों में बैल लेकर हल चला रहे थे तो कृत्रिम वर्षा के विशेष प्रबंध किए गए थे। मोटर लगा कर फव्वारे को खंभे के ऊपर लगाया गया था, पानी की बौछार से ऐसा लगा मानो सचमुच बारिश हो रही हो। जब राजा जनक का हल जमीन में अटक जाता है और पटाखे की आवाज से जमीन फट जाती है और सीता का जन्म होता है। इस दृश्य के लिए रामलीला मैदान में पहले से ही गुफा का निर्माण करवाया गया है, जिसमें धरती मां की गोद से कमल के फूल पर बच्ची के रूप में सीता का अवतार होता है। इस दृश्य को बनाने में सुनील सोनी, अजय साध, कुक्की मेहरा, रमेश मनकोटिया, कुलदीप पुरोहित आदि ने योगदान दिया।

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महानपुर के छात्र बने किसान

बसोहली रामलीला मंचन में किसान की भूमिका में महानपुर हायर सेकेंडरी के छात्रों ने अहम भूमिका निभाई। स्कूल से छुट्टी के बाद सब छात्र अपने खर्च पर बसोहली आए और रामलीला के मेकअप रूम में किसान का मेकअप करवाया और इस के बाद राजा जनक के दरबार में गुहार लगाने आए। छात्रों ने बताया कि एक तो उन्हें रोल करने का अवसर मिला वहीं बसोहली रामलीला का मंचन देखने का अवसर मिला।


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