एक ही स्कूल में बार बार एडमिशन फीस, अभिभावक परेशान
संवाद सहयोगी, बसोहली : निजी स्कूलों द्वारा एडमिशन के नाम पर अभिभावकों से खुलम खुल्ला लूट खसूट करने प
संवाद सहयोगी, बसोहली : निजी स्कूलों द्वारा एडमिशन के नाम पर अभिभावकों से खुलम खुल्ला लूट खसूट करने पर स्थानीय निवासियों ने सरकार विरोधी प्रदर्शन करने का मन बनाया है। कस्बे केकई अभिभावकों दर्शन सिंह, रमेश कुमार, राम पाल, सुमेश शर्मा, तिलक राज, सोम दत्त आदी ने बताया कि निजी स्कूलों का एडमिशन के नाम पर पैसे वसूलना धंधा बन गया है। कस्बे में स्थित कई स्कूलों ने आज तक पढ़ाई के अलावा खेलों में कभी भी रुचि नहीं दिखाई। बच्चों को स्कूलों में समाचार पत्र देखने को नहीं मिलते है और न ही खेल का मैदान। स्कूलों द्वारा अपनी मर्जी ही अभिभावकों पर थोपी जा रही है। स्थानीय निवासियों ने इसके लिए सीधे तौर पर शिक्षा विभाग की मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि स्कूल में जब बच्चा एक बार एडमिशन ले चुका तो हर वर्ष मनमर्जी का प्रवेश शुल्क क्यों दिया जाए। उन्होंने राज्य सरकार से निजी स्कूलों पर लगाम लगाने की चेतावनी देते हुए कहा कि हर वर्ष का प्रवेश शुल्क बंद किया जाए वर्ना अभिभावक इसके खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं। वहीं अभिभावक भी हर वर्ष निजी स्कूलों द्वारा एंठी जाने वाली भारी भरकम शुल्क के खिलाफ है। स्थानीय राकेश कुमार बहादुर सिंह, नरेश वर्मा आदि ने बताया कि शिक्षा विभाग हर रोज नए नियम चला कर वाहवाही लूट रहा है मगर निजी स्कूल जेब गर्म कर रहे हैं कोई धरपकड़ नहीं और न ही विभाग की ओर से कोई कार्रवाई की जा रही है। ऐसे में निजी स्कूलों की मनमर्जी चल रही है। यहां गरीब परिवारों को बच्चों की फीस दे पाना मुश्किल होती है ऊपर से हर साल यह रूटीन ही बना दी गई है कि पैसे दो और अगली कक्षा में जाओ। यह निजी स्कूलों का तानाशाही भरा तरीका है। स्थानीय लोगों ने इस शुल्क को तत्काल प्रभाव से बंद करने की मांग की है और उपमंडल प्रशासन से टीम बनाकर हर स्कूल की चेकिंग की जाए। एडमिशन लेने वाले अभिभावकों की भी राय ली जाए ताकि इस पर कार्रवाई हो सके।