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Jammu Kashmir: युवा हाथों में पंचायतों की बागड़ोर ने बदली ग्रामीण क्षेत्रों की सूरत

राजौरी से 35 किलोमीटर बुद्धल ब्लॉक में लोअर जमोला पिछड़ी पंचायत में शुमार थी। न सड़क न बिजली-पानी व न ही अन्य सुविधाएं। डेढ़ वर्ष पहले हुए पंचायत चुनाव ने तकदीर की बदल दी।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 25 Apr 2020 10:59 AM (IST)Updated: Sat, 25 Apr 2020 10:59 AM (IST)
Jammu Kashmir: युवा हाथों में पंचायतों की बागड़ोर ने बदली ग्रामीण क्षेत्रों की सूरत
Jammu Kashmir: युवा हाथों में पंचायतों की बागड़ोर ने बदली ग्रामीण क्षेत्रों की सूरत

राजौरी, जागरण संवाददाता। युवा हाथों में पंचायतों की बागड़ोर ने ही ग्रामीण क्षेत्रों की सूरत बदल डाली है। राजौरी जिले की पंचायत अपर ढांगरी और लोअर जमोला के युवा सरपंच धीरज शर्मा व अकीस निसार ने शिक्षा और स्वच्छता के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य कर एक मिसाल कायम की। पहले यही पंचायतें पिछड़ी पंचायतों में आती थी।

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राजौरी से 35 किलोमीटर बुद्धल ब्लॉक में लोअर जमोला पिछड़ी पंचायत में शुमार थी। न सड़क, न बिजली-पानी व न ही अन्य सुविधाएं। डेढ़ वर्ष पहले हुए पंचायत चुनाव ने तकदीर की बदल दी। सरपंच अकीस निसार कहते हैं कि चुनाव के समय लोगों से बड़े-बड़े वादे किए थे। जीत के बाद पूरी पंचायत की समस्याओं को लेकर खाका तैयार किया। इसमें बच्चों को बेहतर शिक्षा देने, स्वच्छता का पूरा ध्यान रखने के अलावा पंचायत को खुले में शौचमुक्त करना लक्ष्य रखा गया। प्रशासन ने भी हर काम में मदद की। पंचायत ने बाल विकास के सभी आयामों में प्रभावशाली उपलब्धि दर्ज की। विशेष रूप से टीकाकरण, नामांकन, स्वच्छता, शिक्षकों की उपस्थिति, खुले में शौच बंद करने, बालिका समृद्धि और मिड-डे मील के सुधार पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा कि आगे भी इसी तरह मेहनत व लगन से काम करेंगे। गांव के लोग आज फख्र कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंचायत को राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा है।

राजौरी से 15 किलोमीटर ढांगरी ब्लॉक के अपर ढांगरी पंचायत का भी कुछ यही हाल था। सरपंच धीरज शर्मा ने कहा कि जब पंचायत की कमान मिली तो हर तरफ समस्याएं मुंह ताक रही थीं। गांव की सामाजिक और आर्थिक संरचना में सुधार के लिए ग्राम सभा बैठकें कीं। गरीब, महिलाओं व अन्य हाशिए के समूहों को समान अवसर सुनिश्चित किए। हमारी पंचायत में जो विकास कार्य हुए हैं, उससे हम देश की किसी भी पंचायत को चुनौती दे सकते हैं। पंचायत फंड से सड़कों का निर्माण करवाया है, जो लोक निर्माण विभाग की तैयार सड़कों से बेहतर है। पंचायत के हर व्यक्ति को मास्क व सैनिटाइजर मुहैया करवाए हैं। पंचायत को पूरी तरह से खुले में शौचमुक्त कर दिया है। लोगों ने हमारे ऊपर विश्वास किया। अब हम उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास कर रहे हैं।

लद्दाख में पंच, सरपंचों ने अलख जगाई: कोरोना को हराने की मुहिम में लद्दाख के लेह व कारगिल जिलों में जागरूकता की मशाल लेकर आगे रहे पंच, सरपंचों ने गांवों में वायरस के प्रवेश पर रोक लगा दी है। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पंचायत प्रतिनिधियों के नाम संबोधन से लद्दाख के दूरदराज इलाकों के पंच, सरपंच भी जोश में दिखे। लेह ब्लॉक के ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल चेयरमैन स्कालजांग दोरजे ने बताया कि पंचों व सरपंचों ने सुनिश्चित किया कि ग्रामीणों को जागरूक कर संक्रमण से बचाया जा सकता है। पंचों व सरपंचों ने मार्गदर्शक बनकर लद्दाख को कोरोना से बचाया। यही कारण है कि लद्दाख में 18 कोरोना प्रभावितों में से 16 ठीक होकर घर जा चुके हैं। लद्दाख ऑटोनामस हिल डेवलपमेंट काउंसिल के चीफ एग्जीक्यूटिव काउंसिलर फिरोज खान ने बताया कि पंचों व सरपंचों के बिना लड़ाई जीतना संभव नहीं था। कारगिल के पंचों, सरपंचों को प्रेरित किया गया कि वे भी लाटू गांव की तर्ज पर सतर्कता बरतें।

जम्मू कश्मीर में भी मदद करने की मुहिम शुरू : जम्मू कश्मीर के पंचायत प्रतिनिधियों ने भी पंचायती राज दिवस को सहयोग दिवस के रूप में मनाते हुए लॉकडाउन में प्रभावित परिवारों की मदद करने की मुहिम छेड़ी। प्रदेश के पंचों, सरपंचों व ब्लाक डेवलपमेंट काउंसिल के अध्यक्षों ने प्रधानमंत्री का संबोधन सुनने के बाद मुहिम शुरू कर दी। खासी पंचायतों में सरपंचों ने अपनी जेब से पैसे खर्च कर लोगों को राशन दिलाया।  


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