Amarnath Yatra 2022 : भारी बारिश के बाद पहलगाम-बालटाल मार्ग पर यात्रा स्थगित, जम्मू से श्रद्धालुओं का सातवां जत्था रवाना
Amarnath Yatra 2022 उपराज्यपाल मनोज सिन्हा स्वयं यात्रा प्रबंधों का जायजा लेने के लिए गत सोमवार को बालटाल आधार शिविर पहुंचे थे। उन्होंने न सिर्फ श्रद्धालुओं के लिए वहां किए गए प्रबंधों की समीक्षा की बल्कि देश के दूसरे राज्यों से यात्रा पर आए श्रद्धालुओं से बातचीत भी की।
श्रीनगर, जेएनएन : रात से हो रही बारिश और खराब मौसम की वजह से अमरनाथ यात्रा रोक दी गई है। भारी बारिश की वजह से पहलगाम व बालटाल मार्ग पर भूस्खलन की आशंका के चलते प्रशासन ने बालटाल व पहलगाम मार्गों से आज सुबह रवाना होने वाली यात्रा को स्थगित कर दिया है। श्रद्धालुओं को मौसम साफ होने तक आधार शिविरों में ही रहने को कहा गया है। हालांकि बारिश के बीच जम्मू से बाबा अमरनाथ श्रद्धालुओं का सातवां जत्था कश्मीर घाटी के लिए रवाना कर दिया गया। आज मंगलवार को रवाना किए गए जत्थे में 6351 श्रद्धालु शामिल थे।
प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर में बारिश का सिलसिला रात को ही शुरू हो गया था। पहलगाम व बालटाल मार्ग पर बारिश की वजह से भूस्खलन की आशंका रहती है। श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा पर भी मौसम साफ नहीं है। बारिश की वजह से ठंड भी काफी बढ़ गई है। यही वजह है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए बारिश थमने और मौसम के साफ रहने तक यात्रा को स्थगित कर दिया गया है। शिविरों में रोके गए श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है। आधार शिविरों में श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त प्रबंध मौजूद हैं।
आपको बता दें कि पिछले छह दिनों में 65 हजार से अधिक श्रद्धालु श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा में विराजमान बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं। इस दौरान पांच लोगों की जान भी गई है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा स्वयं यात्रा प्रबंधों का जायजा लेने के लिए गत सोमवार को बालटाल आधार शिविर पहुंचे थे। उन्होंने न सिर्फ श्रद्धालुओं के लिए वहां किए गए प्रबंधों की समीक्षा की बल्कि देश के दूसरे राज्यों से यात्रा पर आए श्रद्धालुओं से बातचीत भी की। श्रद्धालुओं ने यात्रा इंतजाम पर संतुष्टि जाहिर करते हुए उपराज्यपाल से कहा कि वे पिछले कई सालों से लगातार यात्रा पर आ रहे हैं परंतु इस बार जिस तरह से उन्हें सुविधाएं दी गई हैं और सुरक्षा को यकीनी बनाया गया है, वह सराहनीय है।
वहीं एक अधिकारी ने बताया कि बारिश थमने के बाद दोनों ही मार्गों का जायजा लिया जाएगा। यदि यात्रा मार्ग श्रद्धालुओं की आवाजाही के लिए बेहतर पाया गया तो यात्रा को तुरंत शुरू कर दिया जाएगा। सेना, अर्द्धसैनिक बल व विभिन्न विभागों की टीमें लगातार यात्रा मार्ग पर नजर बनाए हुए हैं।