ट्रेन नहीं चलने से अपने राज्य नहीं जा पा रहे श्रमिक
जम्मू से रेल यातायात बहाल ना होने से श्रमिकों में रोष
जागरण संवाददाता, जम्मू : लॉकडाउन के चलते जम्मू में फंसे दूसरे राज्यों के श्रमिकों को अपने घर जाने के लिए रेल यातायात के पूरी तरह बहाल होने का इंतजार करना होगा। जम्मू में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उड़ीसा समेत अन्य राज्यों के करीब 5000 श्रमिक घर लौटना चाहते हैं। ट्रेनें चलने के बारे में कोई सूचना नहीं मिलने से कई बार श्रमिकों का जत्था अपने सामान और बच्चों के साथ जम्मू रेलवे स्टेशन पहुंच जाता है। वहां जब उनको पता चलता है कि अभी कोई ट्रेन नहीं चल रही है, तो उनको वापस लौटना पड़ता है। ऐसे में श्रमिकों में भारी रोष है। उनका कहना है कि अब उनके पास पैसा और राशन सब खत्म हो चुका है। इसलिए वे अपने घर लौट जाना चाहते हैं।
रेलवे स्टेशन से जम्मू से दिल्ली के बीच विशेष राजधानी एक्सप्रेस को छोड़कर और कोई रेलगाड़ी नहीं चल रही है। एक जून से रेलवे देशभर में 200 ट्रेनें चलाने जा रहा है, लेकिन इसमें जम्मू के लिए कोई रेलगाड़ी नहीं है। एक जून से शुरू होने वाली रेलगाड़ियों में एसी और नान एसी दोनों श्रेणी की हैं। आइआरसीटीसी की वेबसाइट पर लोगों ने आनलाइन बुकिग भी शुरू कर दी है। इन रेलगाड़ियों में आरएसी और प्रतीक्षा सूची भी होगी, लेकिन यात्री तत्काल टिकट बुक नहीं करवा पाएंगे। फिरोजपुर रेल डिवीजल के डिवीजनल रेलवे मैनेजर राजेश अग्रवाल ने बताया कि लॉकडाउन में फंसे छात्रों, श्रमिकों व अन्य लोगों की सुविधा के लिए श्री माता वैष्णो देवी कटड़ा रेलवे स्टेशन और ऊधमपुर रेलवे स्टेशन से अब तक 10 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें देश के विभिन्न हिस्सों के लिए गई हैं। आने वाले दिनों में भी कुछ और ट्रेनों को रवाना किया जा सकता है।
जम्मू कश्मीर सरकार की इजाजत मिलने पर बहाल होगा रेल यातायात
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एक जून से भारतीय रेलवे ने जिन राज्यों के लिए रेलगाड़ियों को चलाने का फैसला लिया है, उनके लिए पहले अनुमति ली गई है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर ने अभी रेल यातायात को सुचारु करने के लिए मंजूरी नहीं दी है। अभी दूसरे राज्यों में फंसे जम्मू कश्मीर के लोगों को वापस लाने के लिए श्रमिक रेलगाड़िया ही चलाई जा रही हैं।
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सड़क मार्ग से भेजे जा रहा श्रमिक
श्रम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि जम्मू में फंसे बाहरी राज्यों के श्रमिकों को उनके घरों में भेजने के लिए बसें उपलब्ध करवाई जा रही हैं। श्रमिक उनके विभाग में पंजीकरण करवा रहे हैं। उनकी संख्या के हिसाब से उन्हें अपने घरों तक सड़क मार्ग से भेजा जा रहा है। बनतालाब, केरन में राधा स्वामी सत्संग घर से 406 लोगों को बसों से उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में प्रशासन द्वारा भेजा गया था। इसके अलावा 150 श्रमिकों को बसों में छत्तीसगढ़ के लिए रवाना किया जा चुका है। पंजीकरण के शुरुआती दिनों में श्रमिकों उनके पास काफी संख्या में आया करते थे, लेकिन अब जम्मू में फिर से निर्माण कार्यों को मंजूरी मिलने के बाद श्रमिकों को फिर से रोजगार मिलना शुरू हो गया है। इससे अब घर वापसी के लिए पंजीकरण करवाने वाले श्रमिकों की संख्या काफी कम हो गई है। ----
सैनिकों की सहूलियत के लिए खुला है आरक्षण काउंटर
करीब दो माह तक रेलवे स्टेशन के टिकट आरक्षण केंद्र को बंद रखने के बाद वीरवार को रेलवे ने एक टिकट काउंटर को खोलने का फैसला लिया है। डिवीजनल रेलवे मैनेजर चेतन तनेजा ने अनुसार इस काउंटर में केवल सैनिक ही विभिन्न श्रेणियों की यात्रा टिकट अपने वारंट से बनवा सकते हैं। आम लोगों के लिए यह काउंटर अगले आदेश तक बंद रहेगा।