Jammu Kashmir : माॅस्क बनाने में जुटी सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाएं
लोगों की इस परेशानी को दूर करने के लिए जिला रियासी का ग्रामीण विकास विभाग आगे आया है|
कटड़ा, संवाद सहयोगी । कोरोनावायरस की महामारी को लेकर जहां एक और लोगों में भय का माहौल है तो वहीं दूसरी ओर हर कोई माॅस्क की डिमांड कर रहा है जिसको लेकर कालाबाजारीयों की चांदी हो रही है क्योंकि बाजारों में यह माॅस्क कई गुना अधिक दामों पर लोगों को मिल रहे हैं| तो कहीं दूसरी ओर अधिकांश लोगों को अभी तक माॅस्क उपलब्ध नहीं हुई हुए हैं| लोगों की इस परेशानी को दूर करने के लिए जिला रियासी का ग्रामीण विकास विभाग आगे आया है| जिसकी गैर सरकारी संस्था उम्मीद के बैनर तले सेल्फ हेल्प ग्रुप की मालाएं दिन-रात माॅस्क को बनाने में जुटी हुई हैं|
माॅस्क बनाने में पहले ही दिन यानी रविवार को इन महिलाओं द्वारा करीब 1000 मास्क बनाए गए हैं तो दूसरी ओर माॅस्क बनाने को लेकर महिलाएं निरंतर जुटी हुई हैं| विभाग ने आगामी एक सप्ताह के भीतर करीब 55000 माॅस्क बनाने का लक्ष्य रखा है जिसके लिए कटड़ा की पंचायत आधार जित्तो में करीब 9 सेल्फ हेल्प ग्रुप काम कर रहे हैं तो दूसरी ओर कटड़ा की ही एक अन्य पंचायत गरन पगाल में एक सेल्फ हेल्प महिला ग्रुप कार्य कर रही है।
प्रत्येक सेल्फ हेल्प ग्रुप में करीब 15 महिलाएं हैं जो लगातार माॅस्क बनाने में जुटी हुई है हालांकि माॅस्क बनाने के लिए कपड़ा ग्रामीण विकास विभाग द्वारा उपलब्ध करवाया गया है| दूसरी ओर विभाग द्वारा प्रत्येक महिला को पांच से ₹ 10 प्रति मास्क का बनाने का शुल्क दिया जाएगा परंतु दूसरी ओर लोगों को यह मास्क निशुल्क उपलब्ध करवाए जाएंगे ताकि लोगों को किसी भी तरह की परेशानी ना हो|
ब्लॉक डबलमेंट अधिकारी यानी वीडियो कटड़ा संजीव शर्मा ने बताया कि जिला रियासी में पहले चरण में करीब 55000 लोगों को निशुल्क मास्क उपलब्ध करवाए जाएंगे उसको बांटने की जिम्मेदारी बीडीसी चेयरमैन के साथ ही सरपंच तथा पंच आदि को सौंपी गई है| हालांकि शुरुआत में इन सेल्फ हेल्प ग्रुप महिलाओं द्वारा पहले दिन करीब 1000 मास्क बनाए गए हैं और आने वाले दिनों में इनको और ज्यादा तादाद में मास्क बनाने के लिए बोला गया है ताकि एक सप्ताह के भीतर 55000 मास्क का आंकड़ा पूरा किया जा सके| यह सभी सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाएं अपने अपने घरों में मास्क बनाने में जुट गई हैं परंतु इन सभी महिलाओं को निर्देश दिए गए हैं कि वह सबसे पहले जिस कमरे में माॅस्क बनाया जाए उसको पूरी तरह से सैनिटाइज करें इसके उपरांत कपड़े को सैनिटाइज करने के बाद ही माॅस्क आदि बनाए ताकि मास्क पहनने वाले को किसी भी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े और हर एक जिले के आदमी को सैनिटाइज हुआ मास्क उपलब्ध हो सके| इसके साथ ही जिले के अन्य महिलाओं को भी प्रेरित कर सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाए जाएंगे ताकि अधिक से अधिक मास्क बन सके और जिले के लोगों को आसानी से निशुल्क मास्क उपलब्ध हो सकें|