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Jammu Kashmir: महबूबा के विवादित बोल- जम्मू-कश्मीर के झंडे के अलावा नहीं उठाऊंगी कोई दूसरा झंडा

महबूबा ने चुनावी सियासत से दूर रहने का एलान करते हुए कहा कि जब तक हमें हमारा संविधान और झंडा नहीं लौटाया जाएगा हम किसी भी चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे। कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए हजारों लोगों ने अपनी जान दी है अब नेताओं की बारी है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 03:58 PM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 06:35 PM (IST)
Jammu Kashmir: महबूबा के विवादित बोल- जम्मू-कश्मीर के झंडे के अलावा नहीं उठाऊंगी कोई दूसरा झंडा
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती

श्रीनगर, जेएनएन: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की रिहाई के साथ ही घाटी में ठंडी पड़ी सियासी गतिविधियां अब आने वाले दिनों में तेज होती नजर आएंगी। अपनी 14 महीने की हिरासत के बाद आज पहली बार पत्रकारों के समक्ष रूबरू हुई महबूबा मुफ्ती के बयानों ने यह स्पष्ट कर दिया कि उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर को वहीं दर्जा वापस दिलाने में जमीन-आसमान एक कर देगी। उन्होंने कहा कि भाजपा ने जिस तरह पिछले साल जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया है वह हमारे लोगों के साथ डकैती से कम नहीं है। उनका यह कदम गैरकानूनी और असंवैधानिक था।

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केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि भारत जम्मू-कश्मीर की भूमि चाहता है न कि उसके लोग। अपने आवास पर बुलाई गई इस पत्रकारवार्ता में महबूबा मुफ्ती ने कहा कि वह अनुच्छेद 370 फिर से लागू होने तक कोई झंडा नहीं उठाएगी। देश के ध्वज (तिरंगे) के साथ हमारा संबंध इस ध्वज (जम्मू-कश्मीर के ध्वज) की वजह से है। जब हमारा झंडा हमारे हाथ में आएगा, हम उस झंडे को भी उठाएंगे। 

उन्होंने पत्रकार सम्मेलन के दौरान भी अपने टेबल पर जम्मू-कश्मीर के झंडे के साथ पार्टी का झंडा ही रखा हुआ था। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के झंडे की तरफ इशारा करते हुए कहा कि जब तक मेरा झंडा हमारे पास वापस नहीं आ जाता है। कोई भी दूसरा झंडा (तिरंगा) नहीं उठाएगा, मेरा झंडा उठने के बाद ही दूसरा झंडा उठाएंगे। मेरा झंडा मेरे सामने है। 

चुनावी सियासत से दूर रहने का एलान: महबूबा ने अनुच्छेद 370 की पुनाबहाली का यकीन दिलात हुए कहाकि जिन्होंने हमसे हमारा हक छीना है, उन्हें हमारा हक लौटाना है। मैं अपने लोगों को जम्मू-कश्मीर की अवाम को इसका यकीन दिलाती हूं। महबूबा मुफ्ती ने इस दौरान चुनावी सियासत से दूर रहने का एलान करते हुए कहा कि जब तक हमें हमारा संविधान और झंडा नहीं लौटाया जाएगा, हम किसी भी चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए हजारों लोगों ने अपनी जान दे दी है, अब राजनीतिक नेताओं के लिए भी समय है।" अनुच्छेद 35A और 370 की बहाली की लड़ाई किसी पार्टी की लड़ाई नहीं है, बल्कि जम्मू कश्मीर के लोगों की लड़ाई है। "लोगों को भी हमारा समर्थन करना चाहिए।"

भाजपा हर मोर्चे पर नाकाम हो चुकी है: महबूबा मुफ्ती ने इस दौरान बिहार चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अनुच्छेद 370 का मुद्दा उछाले जाने पर कहा कि बिहार में वोट हासिल करने के लिए उनके पास दिखाने को कुछ नहीं है। वहां वहां के लोगों को कह रहे हैं कि हमने अनुच्छेद 370 रद कर दिया है अब आप जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीद सकते हैं। लोगों को पेश आ रहे मुद्दों का वह जिक्र नहीं कर रहे हैं। केंद्र सरकार गरीबी उन्मूलन, बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था और विकास से जुड़े मुद्दाें पर नाकाम हाे चुकी है। लोगों को दिखाने के लिए कुछ नहीं है, इसलिए वहां भी अनुच्छेद 370 के नाम पर मूर्ख बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

भाजपा से गठजोड़ हमारी सबसे बड़ी भूल: महबूबा ने पत्रकारों के समक्ष एक बार फिर अपने गठबंधन का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा से हाथ मिलाना उनकी सबसे बड़ी गलती थी। भाजपा के साथ अपने गठबंधन के फैसले पर महबूबा ने कहा कि उन्होंने जिन्न को एक बोतल में डालने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हुए। "स्वर्गीय मुफ्ती मोहम्मद सईद को पता था कि दक्षिणपंथियों का तूफान आ रहा है, उन्होंने उनसे हाथ मिलाने की कोशिश की और जम्मू-कश्मीर को चलाने के बारे में कहा।"


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