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जंगल में लग रहे फलदार पौधे मिटाएंगे वन्यजीवों की भूख

वन और वन्यजीव से ही पर्यावरण बना हुआ है। अगर पेड़ हैं तो वन्यजीव हैं। इसमें अगर फलदायक पेड़ बढ़ जाएं तो वन्यजीवों के लिए सोने पर सुहागा सा है।

By Edited By: Published: Tue, 02 Oct 2018 02:34 AM (IST)Updated: Tue, 02 Oct 2018 04:31 PM (IST)
जंगल में लग रहे फलदार पौधे मिटाएंगे वन्यजीवों की भूख
जंगल में लग रहे फलदार पौधे मिटाएंगे वन्यजीवों की भूख

जागरण संवाददाता, जम्मू । वन और वन्यजीव से ही पर्यावरण बना हुआ है। अगर पेड़ हैं तो वन्यजीव हैं। इसमें अगर फलदायक पेड़ बढ़ जाएं तो वन्यजीवों के लिए सोने पर सुहागा सा है। इससे इन जीवों को अपने भोजन के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। लोगों की बस्तियों के नजदीक नहीं जाना पड़ेगा। यह जानने के बाद वन्यजीव संरक्षण विभाग जम्मू कश्मीर ने इन जीवों के बारे में सोचा है।

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जंगलों में फलदायक पौधे लगाने का काम शुरू हो गया है। अब तक कैंथ, नाशपाती के चार लाख पेड़ों की ग्राफ्टिंग कर इनको बेहतर फलदायक पौधों में बदल दिया गया है। इस पर फल लगेंगे और जीवों को लुभाएंगे। जम्मू के तीनों सर्किल क्षेत्र में करीब आठ लाख फलों के पौधे रोपे गए हैं। इसमें जामुन, शहतूत, आंवला, अमरूद, आम, बेर आदि शामिल हैं। ऐसे पौधे भी लगाए गए हैं, जो इन जीवों की खुराक है। पिछले एक साल में अभियान के तहत कुल लगे पौधों में 25 से 30 फीसद फलदार पौधे शामिल किए गए हैं।

इससे पक्षियों के अलावा भालू, बंदर, हिरण, जैसे जीवों को खुराक मिलेगी। सबसे ज्यादा लाभ बंदरों को होने वाला है जो कि जंगल में खुराक की कमी के कारण सड़कों पर आ रहे हैं। यह कई बार खेतों में आकर फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। इसी को लेकर जम्मू संभाग के रामनगर, सुदमहादेव, त्रिकुटा हिल्स, मांडा, ऊधमपुर, रियासी के जंगलों में बड़े तौर पर फलों के पौधों को जंगलों में लगाया गया है। कश्मीर संभाग में भी इसी गति से काम चला है। पर्यावरणविद् मंजीत ¨सह का कहना है कि वनों में फलों के पौधे लगाना बड़ा काम है। राज्य प्रशासन ने सही दिशा में कदम उठाया है। यह काम बहुत पहले किया जाना चाहिए था।

दरअसल जंगलों में पहले भी पौधे लगते रहे हैं मगर सामान्य पौधे ही लगाए जाते रहे हैं। जंगलों में ऐसे जीव भी हैं जोकि महज फल ही खाते हैं। ऐसे में जंगलों में फलों का होना बहुत जरूरी है। हमने देखा कि पिछली सरकार के वनमंत्री ने इस दिशा में गंभीरता दिखाई और बड़े तौर पर फलों के पौधे जंगलों में उतारने का क्रम आरंभ किया। इसका लाभ आने वाले सालों में दिखेगा। मीरां साहिब के समाज सेवक किशोर कुमार का कहना है कि पक्षियों की अधिकतर प्रजातियां फलों का सेवन ही करती हैं। अगर इन जीवों को जंगलों में बेहतरीन वातावरण देना है तो इनके हिसाब से पेड़-पौधे जंगलों में उतरना जरूरी है। वन्यजीव संरक्षण विभाग ने फलों के पौधों को जंगलों में उतारना और पौधों की ग्राफ्टिंग करने का जो क्रम शुरू किया है, प्रशंसनीय है।

वर्जन--- वन्यजीव संरक्षण विभाग के चीफ वार्डन रवि केसर ने कहा कि आने वाले समय में भी फलों के पौधों का काम तेजी से ही चलेगा। यह जानवरों को जंगलों में रोकने की दिशा में अहम कदम है। जब जंगलों में जीवों को उनकी जरूरत की खुराक मिलेगी तो वे बाहर नही आएंगे। इसलिए फलों के पौधों की भी जंगलों में बहुत अहमियत है। -रवि केसर, चीफ वार्डन, वन्यजीव संरक्षण विभाग


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