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Jammu: स्कूल में पढ़ते हुए साइबर सुरक्षा क्षेत्र में कर सकते हैं कौशल विकास, Whizhack दे रहा अवसर

मौजूदा वर्ष की पहली तिमाही में भारत में प्रतिदिन औसतन करीब दो लाख साइबर खतरा देखा गया। 18 मिलियन से अधिक साइबर हमले हुए या खतरा देखा गया। अच्छी बात यह है कि अमेरिका और यूके के बाद भारत तीसरा ऐसा देश है।

By Jagran NewsEdited By: Vikas AbrolPublished: Thu, 24 Nov 2022 04:45 PM (IST)Updated: Thu, 24 Nov 2022 04:45 PM (IST)
आइटी विशेषज्ञ विजय कुमार ने बताया कि किशोरवय में साइबर सुरक्षा कौशल विकसित करना महत्वपूर्ण है।

कटड़ा, संवाद सहयोगी : तेजी से बदलते तकनीकी युग में शिक्षा की आवश्यकताएं भी बदलती जा रही हैं। अब समय आ गया है कि बच्चों के स्किल को समझें और उनमें तकनीकी ज्ञान को बढ़ाने में हम सहयोग करें। आज साइबर सुरक्षा ऐसा विकल्प बनकर उभर रहा है जो तेजी से कोडिंग की जगह ले रहा है। जम्मू कश्मीर जैसे संवेदनशील राज्यों के साइबर सुरक्षा और भी अधिक महत्वपूर्ण है। इसलिए साइबर सुरक्षा में कौशल विकसित कर भविष्य संवारा जा सकता है।

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अमेरिका के साइबर सुरक्षा फर्म नॉर्टन रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा वर्ष की पहली तिमाही में भारत में प्रतिदिन औसतन करीब दो लाख साइबर खतरा देखा गया। 18 मिलियन से अधिक साइबर हमले हुए या खतरा देखा गया। अच्छी बात यह है कि अमेरिका और यूके के बाद भारत तीसरा ऐसा देश है जो मजबूत बुनियादी ढांचे और डिजिटल वित्तीय प्रणालियों की वजह से साइबर हमलों का सामना करने में सक्षम है।

नैसकाम के अनुसार डाटा सुरक्षा और गोपनीयता कानूनों के साथ-साथ साइबर हमलों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए वर्ष 2025 तक लाखों भारतीय पेशेवरों के लिए नौकरी के अवसर पैदा होने का अनुमान है। इसलिए साइबर सुरक्षा एक बहुत तेजी से विकसित होने वाला क्षेत्र है। इसमें करिअर बनाने के लिए कक्षा की डिग्री पर्याप्त नहीं है। इससे सबंधित जानकारी को शौक से सीखा जाता है। इसके लिए अपने बच्चों को मुंबई, दिल्ली या बैंगलोर भेजने की आवश्यकता नहीं है। इलाहाबाद, रायपुर या भोपाल में बच्चे भविष्य में बेहतर करिअर के लिए साइबर सुरक्षा कौशल विकसित कर सकते हैं।

किशोरवय में शुरुआत करना महत्वपूर्ण

आइटी विशेषज्ञ विजय कुमार ने बताया कि किशोरवय में साइबर सुरक्षा कौशल विकसित करना महत्वपूर्ण है। साइबर सुरक्षा क्षेत्र में नौकरियां बढ़ रही हैं। उन्होंने बताया कि Whizhack Technologies ने साइबर रक्षा पर भारत का पहला किशोरवय कार्यक्रम WhizTeens शुरू किया है। इसमें आनलाइन क्षेत्र के साइबर हमलों से निपटने के लिए शिक्षित किया जाता है। WhizHack ने आइआइटी जोधपुर में साइबर सुरक्षा में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया है।

Whizhack Technologies के सीईओ कौशिक रे ने बताया कि टीनएजर प्रोग्राम करने के बाद वे बच्चे बाद में उन्नत पाठ्यक्रमों का लाभ उठा सकते हैं। Whizteens प्रोग्राम में तीन स्तर होते हैं। निंजा, समुराई और गुरु। तीनों का कांबो भी लिया जा सकता है। साइबर सुरक्षा कौशल विकसित करने के लिए किसी तरह के पूर्व ज्ञान या सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं है। कोई भी सीख सकता है। 


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