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तीन आतंकियों के छिपे होने पर चलाया कासो, दो और युवक आतंकी संगठन में हुए शामिल

राज्य सरकार की ओर से युवकों की आतंकी संगठनों में भर्ती पर अंकुश लगाने के तमाम प्रयासों के बावजूद मंगलवार को दो और युवकों के आतंकी बनने का मामला प्रकाश में आया है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 28 Mar 2018 11:41 AM (IST)Updated: Wed, 28 Mar 2018 11:41 AM (IST)
तीन आतंकियों के छिपे होने पर चलाया कासो, दो और युवक आतंकी संगठन में हुए शामिल

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। सुरक्षाबलों ने मंगलवार को दक्षिण कश्मीर के पोहरु, पुलवामा में तीन आतंकियों के छिपे होने की सूचना पर घेराबंदी कर तलाशी अभियान (कासो) चलाया। सूत्रों ने बताया कि सूर्यास्त के बाद स्वचालित हथियारों से लैस तीन आतंकियों को पोहरु-नौगाम इलाके में घूमते देखा गया।

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लोगों ने निकटवर्ती सेना के शिविर में जानकारी दी। उसी समय सेना,पुलिस व सीआरपीएफ के एक संयुक्त कार्यदल ने पूरे इलाके में कासो चलाया जो देर रात तक जारी था। ऊधर, त्राल के पसतुना में सोमवार रात चलाया कासो करीब 16 घंटे बाद समाप्त हो गया। आतंकियों का कोई सुराग नहीं लगा।

दो और युवक आतंकी संगठन में हुए शामिल

राज्य सरकार की ओर से युवकों की आतंकी संगठनों में भर्ती पर अंकुश लगाने के तमाम प्रयासों के बावजूद मंगलवार को दो और युवकों के आतंकी बनने का मामला प्रकाश में आया है। पुलिस ने दो और युवकों के आतंकी बनने की पुष्टि नहीं की है, लेकिन दोनों युवकों ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरों को वायरल कर आतंकी बनने का एलान किया है। इनमें एक युवक श्रीनगर शहर में खनयार का रहने वाला है। युवक का नाम फैयद मुश्ताक वाजा पुत्र मुश्ताक अहमद वाजा बताया जा रहा है। फैयद ने कथित तौर पर लश्कर-ए-तैयबा का दामन थामा है।

आतंकी संगठन ने उसका कोड अबु उसामा रखा है। आतंकी बनने वाला दूसरा युवक दक्षिण कश्मीर में जिला अनंतनाग के अंतर्गत दहरुना गांव का रौफ खांडे बताया जाता है।सूत्रों की मानें तो यह दोनों युवक पिछले एक सप्ताह से भी ज्यादा समय से लापता थे। इस बीच, लश्कर ने आज उत्तरी कश्मीर के हलमतपोरा, कुपवाड़ा में पोस्टर जारी कर लोगों को सुरक्षाबलों से दूर रहने की ताकीद की है। पोस्टर में लश्कर ने छह से सात ग्रामीणों के नाम भी लिखे हैं और उन्हें अपनी हरकतों से बाज न आने पर मौत के घाट उतार देने की चेतावनी दी है।

इन पोस्टरों में लश्कर ने गत सप्ताह हलमतपोरा में अपने पांच लोगों की सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मौत का जिक्र करते हुए कहा कि हम लोग यहां जिहाद और आजादी के लिए आते हैं, लेकिन कुछ लोग सुरक्षाबलों के लिए मुखबिरी करते हुए हमारे मुजाहिदों को मरवाते हैं। हमारे लोग मस्जिद में नमाज अदा कर रहे थे, जब उनकी मुखबिरी की गई। आगे से ऐसा न हो और जो लोग ऐसा करेंगे वह अपने अंजाम के लिए खुद जिम्मेदार होंगे।


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