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Domicile Certificate: पश्चिमी पाक रिफ्यूजियों ने कहा- डोमिसाइल प्रमाण पत्र बनने से मिलेंगे हकूक

गुलाम कश्मीरी के विस्थापितों की संस्था एसओएस इंटरनेशनल ने भी डोमिसाइल प्रमाण पत्र बनाने को लेकर लिए फैसले को सराहा है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 20 May 2020 03:21 PM (IST)Updated: Wed, 20 May 2020 03:21 PM (IST)
Domicile Certificate: पश्चिमी पाक रिफ्यूजियों ने कहा- डोमिसाइल प्रमाण पत्र बनने से मिलेंगे हकूक

जम्मू, जागरण संवाददाता: जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद अब डोमिसाइल प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया आरंभ होने को लेकर पश्चिमी पाकिस्तानी रिफ्यूजियों ने स्वागत किया है। वेस्ट पाक रिफ्यूजी फ्रंट के प्रधान लब्बा राम गांधी ने कहा कि ऐतिहासिक फैसला है। पश्चिमी पाकिस्तान से आए रिफ्यूजी लोगों के बच्चों को अब जम्मू कश्मीर में आसानी से नौकरियां व दूसरे हकूक मिल सकेंगे। 72 साल से यह लोग जम्मू कश्मीर के निवासी नहीं बन पाए थे। लेकिन केंद्र सरकार ने सारी अड़चनें दूर कर दी। पहले अनुच्छेद 370 हटाया और अब जम्मू कश्मीर में रहने वाले लोगों को डोमिसाइल प्रमाण पत्र दिलाने का क्रम आरंभ करवा दिया।

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पश्चिमी पाकिस्तानी रिफ्यूजियों के युवा नेता शक्ति कुमार ने कहा कि पिछले सरकारों ने रिफ्यूजियों के साथ इंसाफ किया ही नकें। सभी 370 का बहाना बनाकर किनारा कर लेती रही। लेकिन भाजपा ने इस अनुच्छेद को ही हटाकर दिखा दिया और आज पश्चिमी पाकिस्तानी रिफ्यूजी जम्मू कश्मीर के निवासी बन गए हैं।

बलवीर कुमार ने कहा कि युवा होने के नाते महसूस किया है कि जम्मू कश्मीर में पश्चिमी पाकिस्तानी रिफ्यूजियों के बच्चों को बहुत परेशानियां ङोलनी पड़ी थी। जम्मू कश्मीर की सरकारों ने इन युवाओं को नौकरियां तक नहीं दी। लेकिन अब रास्ते खुल गए हैं।

सुखदेव सिंह ने कहा कि डोमिसाइल प्रमाण पत्र बनाने का काम आरंभ होने जा रहा है। यह हमारे लिए एक सुखद अहसास है। असल आजादी तो हमें आज मिल रही है।

डोमिसाइल लागू करने से लोगों को होगा लाभ : भाजपा की आरएसपुरा जिला इकाई ने डोमिसाल लागू किए जाने का स्वागत किया है। कुलियां स्थित भाजपा जिला कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए जिला प्रधान हरभजन सिंह पम्मी ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में डोमिसाइल प्रदेश के लिए लोगों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। पम्मी और पूर्व विधायक गारू राम भगत ने कहा कि डोमिसाइल लागू कर वेस्ट पाकिस्तानी रिफ्यूजी परिवारों और यहां रहने वाले वाल्मीकि एवं गोरखा समाज के लोगों के साथ न्याय किया गया है। वे वर्षो से अधिकारों से वंचित थे। इतना ही नहीं डोमिसाइल प्रमाण पत्र लागू होने से बाहरी प्रदेशों में शादी करने वाली महिलाओं के बच्चों को भी इसका पूरा फायदा मिल पाएगा। डोमिसाइल के तहत केंद्रीय कर्मचारियों को भी लाभ मिलेगा। केंद्र सरकार का यह फैसला ऐतिहासिक है। जम्मू कश्मीर की जनता इससे काफी खुश है। प्रदेश के लोगों को अब स्थाई प्रमाण पत्र बनाने से भी निजात मिली है। सरकार ने फैसला लिया है कि आवेदन करने के 15 दिन के भीतर डोमिसाइल बनना ही होगा। किसी को इसके लिए बार-बार चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने यह भी कहा कि पहले केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाकर जम्मू कश्मीर के लोगों को एक तरह की गुलामी की जंजीरों से निकाला और अब सरकार के इस फैसले का भी हर कोई स्वागत कर रहा है। इस मौके पर भाजपा एससी मोर्चा के जिला प्रधान बहादुर चंद, विकास डोगरा सहित अन्य लोग भी मौजूद थे।

एसओएस ने भी फैसले का किया किया स्वागत: गुलाम कश्मीरी के विस्थापितों की संस्था एसओएस इंटरनेशनल ने भी डोमिसाइल प्रमाण पत्र बनाने को लेकर लिए फैसले को सराहा है। चेयरमैन राजीव चुनी ने कहा कि 5300 परिवारों को लाभ मिलेगा, जो कि जम्मू कश्मीर के अलग-अलग हिस्सों में जाने को मजबूर हो गए थे। चुनी ने कहा कि जो फैसले लिए गए हैं, उससे पता चलता है कि केंद्र सरकार रिफ्यूजी, विस्थापित लोगों की दिक्कतों के लिए गंभीर है।

पनुन कश्मीर ने भी किया स्वागत: कश्मीरी पंडितों की संस्था पनुन कश्मीर ने कहा कि जम्मू कश्मीर से बाहर रह रहे कश्मीरी पंडितों को भी प्रदेश की नागरिकता मिल जाएगी। 1990 के बाद हजारों परिवार देश के अलग-अलग हिस्से में तो गए ही थे, वहीं दूसरी 1944 में भी और उसके बाद भी कश्मीरी पंडित यहां से देश के अन्य हिस्सों में चले गए थे। अब ये लोग भी डोमिसाइल प्रमाण पत्र हासिल कर सकेंगे। केंद्र सरकार का फैसला कश्मीरी पंडितों के लिए बहुत अच्छा है। 


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