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50 वर्ष पुराना पानी का जर्जर टैंक गिरा, पोती-दादा घायल

रामगढ़ कस्बे के पास अग्रिम जीरो लाइन सीमांत गांव जेरडा पंचायत चक नाजर में एक रिहायशी मक

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Mar 2019 02:22 AM (IST)Updated: Sun, 24 Mar 2019 02:22 AM (IST)
50 वर्ष पुराना पानी का जर्जर टैंक गिरा, पोती-दादा घायल
50 वर्ष पुराना पानी का जर्जर टैंक गिरा, पोती-दादा घायल

रामगढ़ : कस्बे के पास अग्रिम जीरो लाइन सीमांत गांव जेरडा पंचायत चक नाजर में एक रिहायशी मकान पर पीएचई का जर्जर ओवर हेड टैंक गिरने से पोती और दाता गंभीर रूप से घायल हो गए। घर में रखे काफी सामान को नुकसान पहुंचा है। दोनों घायलों को उपजिला अस्पताल सीएचसी रामगढ़ पहुंचाया गया, वहां से जीएमसी रेफर कर दिया गया।

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शनिवार दोपहर बाद करीब पौने चार बजे गांव जेरडा निवासी परमजीत सिंह पुत्र सेवा सिंह के रिहायशी मकान के पिछवाड़े जर्जर टैंक अचानक मकान की छत पर आ गिरा। जिस समय हादसा हुआ, घर में पोती दाता के अलावा परिवार के पांच सदस्य मौजूद थे। हादसे में रमनदीप कौर (13) पुत्री परमजीत सिंह और उसके दादा सेवा सिंह (87) पुत्र स. महंगा सिंह गंभीर घायल हो गए। हादसे के समय दादा सेवा सिंह, पुत्र परमजीत सिंह, बहू सुरिद्र कौर, बेटी रमनदीप कौर तथा दस वर्षीय कमलजीत सिंह घर पर मौजूद थे। दादा सेवा सिंह तथा पोती रमनदीप मकान के भीतर थे। अन्य घर परिसर में काम में व्यस्त थे। जैसे ही टैंक गिरा, हड़कंप मच गया। लोग तुरंत हादसा स्थल की तरफ दौड़े। घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। गनीमत रही कि टैंक में पानी नहीं था, अन्यथा जानी नुकसान का खतरा था। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस पहुंची और मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। फोटो केप्शन : रिहायशी मकान पर गिरा ओएचटी तथा घायल पौती दादा -खतरे अनजान बना रहा विभाग

पच्चास वर्ष पुराने जर्जर टैंक की समस्या से प्रशासन व विभाग के अधिकारी वाकिफ थे। इसके बाद भी इसकी अनदेखी की गई। पुराने जर्जर टैंक के खतरे को स्थानीय लोगों ने भांप लिया था। वर्ष 2014 में विभागीय अधिकारियों ने भी टैंक से सप्लाई न करने का फैसला किया था। इसकी मरम्मत व स्थानांतरित करने के लिए लिखित कार्रवाई की। जिस जगह पर ओएचटी को स्थापित किया गया था, वर्तमान में उस रिहायशी मकान बन गए हैं। पंचायत प्रतिनिधियों ने भी इस जर्जर टैंक के मामले को उठाया था। अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। पूर्व सरपंच एवं किसान क्लब जेरडा के चीफ वालंटियर स. मोहन सिंह भट्टी के अनुसार दशकों से स्थानीय रिहायशी घरों पर मंडराते खतरे को अगर सबंधित विभाग व प्रशासन ने दूर करने का काम किया होता, तो आज इस तरह का हादसा पेश नहीं आता। वर्जन---

जेरडा के रिहायशी घरों पर मंडराते जर्जर पीएचई ओएचटी की समस्या व खतरे को संबंधित अधिकारियों ने अपने आला अधिकारियों को समय पर अवगत करवाने की बात कही। विभागीय एक्सईएन सांबा एनके गुप्ता के अनुसार वर्ष 2014 के दौरान ही इस खतरे को महसूस करते हुए सबंधित विभाग ने इस ओएचटी को सप्लाई से वंचित रखकर हर जानकारी उच्च विभाग व प्रशासनिक अधिकारियों को दी थी। समय पर कार्रवाई न होने और विभागीय रिपार्ट पर अमल न होने से आज यह हादसा हुआ। विभागीय स्तर पर इसकी निजी मरम्मत और स्थानीय रिहायशी घरों को खतरा मुक्त बनाना संभव नहीं था। -सहायता का आश्वासन

पूर्व भाजपा विधायक चंद्रप्रकाश गंगा ने पीड़ित परिवार को अपने निजी फंड से तुरंत दस हजार की राहत राशि और घर की मरम्मत के लिए सबंधित विभाग से मदद दिलाने का यकीन दिलाया। नेकां के पूर्व विधायक सुरजीत सिंह सलाथिया ने भी मौके पर पहुंचकर लापरवाही के खिलाफ सबंधित विभाग व प्रशासन के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने और पीड़ित परिवार की मदद का आश्वासन दिया।


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