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कश्मीरी भाषा के संरक्षण पर वोमेध का नाट्योत्सव, मातृभाषा के संरक्षण की अनूठी पहल

वोमेध के सह-संस्थापक राकेश रोशन भट्ट ने कहा कि वह अपनी मातृभाषा के संरक्षण की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो बहुत तेजी से अपनी जमीन खो रही है। कश्मीरी का उपयोग अब घर में पहली भाषा के रूप में नहीं किया जाता है।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Thu, 19 May 2022 04:31 PM (IST)Updated: Thu, 19 May 2022 04:31 PM (IST)
कश्मीरी भाषा के संरक्षण पर वोमेध का नाट्योत्सव, मातृभाषा के संरक्षण की अनूठी पहल
कश्मीरी भाषा के सरंक्षण की दिशा में यह एक पहल है।

श्रीनगर, जागरण संवाददाता: एक तरफ यहां कश्मीर में टारगेट किलिंग को लेकर कश्मीरी पंडित समुदाय में रोष है तो वहीं नाट्य संस्था वोमेध अपने 14वें स्थापना दिवस पर कश्मीर में साप्ताहिक कश्मीरी नाट्योत्सव करवा रही है। नाट्योत्सव गत बुधवार को शुरू हुआ। यह नाट्योत्सव 23 मई तक जारी रहेगा। वोमेध ने नाट्योत्सव को कश्मीरी भाषा के प्रचार-प्रसार का हिस्सा बताया है। उनका कहना है कि कश्मीरी भाषा के सरंक्षण की दिशा में यह एक पहल है।

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कश्मीरी नाट्योत्सव का उद्घाटन वोमेध के सह संस्थापक और संयोजक राकेश रोशन भट्ट और कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने किया। गणमान्य व्यक्तियों में थियेटर निर्देशक मंजूर अहमद मीर, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष जी ए वार, अनुभवी थियेटर निर्देशक बंसी रैना, अभिनेत्री ज्योति कौल, शिक्षाविद् निर्जा मट्टू और होटल व्यवसायी नेहरू शामिल थे। महोत्सव में जम्मू-कश्मीर के सात प्रमुख थियेटर समूह भाग ले रहे हैं।

वोमेध के सह-संस्थापक राकेश रोशन भट्ट ने कहा कि वह अपनी मातृभाषा के संरक्षण की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो बहुत तेजी से अपनी जमीन खो रही है। कश्मीरी का उपयोग अब घर में पहली भाषा के रूप में नहीं किया जाता है और समग्र रूप से भाषा का भविष्य धूमिल लग रहा है। भट्ट ने कहा कि उन्होंने इस साल अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर विशेष रूप से कश्मीरी भाषा के संरक्षण के लिए काम करने के लिए पगह परियोजना की घोषणा की। नाट्योत्सव वोमेध संस्थापक भट्ट भाइयों राकेश और रोहित की परिकल्पना है। वोमेध ने शहर के 10 से अधिक स्कूलों के 80 बच्चों को सम्मानित किया। जिन्होंने पिछले महीने जबरवां पार्क में वोमेध द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम नवरेह मिलन में एक पेंटिंग प्रतियोगिता में भाग लिया था।

मंजूर मीर ने कला, भाषा और संस्कृति के क्षेत्र में इसके प्रयासों की सराहना की। उन्होंने थिएटर प्रेमियों और दर्शकों से इस फेस्टिवल को देखने और थिएटर का पोषण करने का आग्रह किया जो प्रदर्शन कला का एक महत्वपूर्ण रूप है। बच्चों के साथ आए माता-पिता को खुशी हुई कि इस तरह की प्रतियोगिताएं छात्रों को बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष जी ए वार ने कहा कि वोमेध स्कूली बच्चों से जुड़कर जमीनी स्तर पर भाषा को अपनाने पर जोर दे रहा है। जम्मू-कश्मीर के निजी स्कूल एसोसिएशन इस नेक काम में वोमेध के साथ जुड़कर खुश है। 


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