सेना के तोपखाने के वायरल वीडियो व तस्वीरें सोशल मीडिया पर जाने के बाद ही पाक ने दागे थे गोले
सेना के तोपखाने के वीडियो वायरल होने की जांच वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर जाने के बाद ही पाक ने गांवों में दागे थे गोलेजवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना को भी भारी नुकसान
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। उत्तरी कश्मीर के उड़ी सेक्टर में एलओसी पर भारतीय सेना के तोपखाने की पोजीशन की तस्वीरों और वीडियो फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल होने के मामले में सैन्य प्रशासन ने उच्च स्तरीय जांच शुरू कर दी है। इन तस्वीरों और वीडियो के वायरल होने के बाद ही पाकिस्तानी सेना ने उन इलाकों पर गोलाबारी की, जहां से इन्हें लिया गया था।पाकिस्तानी सेना ने रविवार को उड़ी सेक्टर में संघर्ष विराम का उल्लंघन किया था।
इसका भारतीय सेना ने कड़ा जवाब दिया था। इससे हताश पाकिस्तानी सैनिकों ने कुपवाड़ा जिले में एलओसी के साथ सटे चौकीबल, पंजगाम, टुमना व आसपास की बस्तियों पर तोपखाने से गोलाबारी थी। इसमें महिला समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी और सात ग्रामीण जख्मी हो गए।
सूत्रों ने बताया कि दरअसल, भारतीय सेना जब अग्रिम इलाकों में तोपखाने की पोजीशन बदलते हुए अपने साजो-सामान के साथ उड़ी सेक्टर के ही टुमना गांव के पास पहुंची थी तो कुछ ग्रामीणों को लगा कि सेना वहां उसे शिफ्ट कर रही है। तब उन्होंने सैन्य अधिकारियों से एतराज जताया कि वह अपने युद्धक सामान को सार्वजनिक न करे। इसका नकारात्मक परिणाम हो सकता है। इसी दौरान कुछ शरारती तत्वों ने इसे मोबाइल से शूटकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। यह वीडियो वायरल होने भर की देरी थी कि पाकिस्तानी गोले इस इलाके में गिरने लगे।
सूत्रों ने बताया कि इसे पूरे घटनाक्रम से पता चलता है कि कुछ लोगों ने पाकिस्तानी सेना तक भारतीय सेना की गतिविधियों की जानकारी पहुंचाने के लिए ही इस वीडियो को वायरल किया था। इस पूरे मामले की सघन जांच की जा रही है। जल्द ही इन तत्वों को चिन्हित कर पकड़ लिया जाएगा।
भारतीय सेना ने भी दिया था जवाबभारतीय जवानों ने जवाब में एलओसी के पार केल और शारदा इलाके में पाक सेना के ठिकानों पर गोलाबारी की थी। इसमें पाकिस्तानी सेना के 32 ब्रिगेड मुख्यालय और आतंकियों के दो से तीन लां¨चग पैड तबाह हो गए थे। इतना ही नहीं, पाकिस्तानी सेना के पांच से छह जवानों के मारे जाने की सूचना भी है।
पाक ने नीलम घाटी रोड पर आवाजाही बंद कीउत्तरी कश्मीर में मुंह की खाने के बाद पाकिस्तानी बंदूकें रविवार की रात 11 बजे से पूरी तरह खामोश हो गई। सूत्रों की मानें तो नीलम घाटी की सड़क को पाकिस्तानी सेना ने आम लोगों की आवाजाही के लिए पूरी तरह बंद रखा है। टंगडार के सामने एलओसी पार स्थित गुलाम कश्मीर के गांवों में कोई भी व्यक्ति बाहर नहीं देखा गया है।
पाकिस्तान को हमदर्दी नहीं:
ग्रामीण गांव के पास ही भारतीय सेना का शिविर होने पर एक ग्रामीण ने कहा कि इससे क्या फर्क पड़ता है? पाकिस्तान को अगर हम लोगों से हमदर्दी होती तो वह एलओसी पर फौज के ठिकानों को निशाना बनाता, यहां गांवों पर गोले क्यों दागता? यहां लोग कोरोना के डर से किसी को हाथ लगाने से डरते हैं, घर से बाहर नहीं निकल सकते और वह हमें बेघर कर रहा है।