Jammu: जमीन का कम मुआवजा मिलने पर ग्रामीणों ने रुकवाया रिंग रोड का काम
किसानों को जितनी जमीन का मुआवजा दिया गया है उससे ज्यादा जमीन रिंग रोड के लिए ले ली गई है ऐसे में उनको दिया जाने वाला मुआवजा काफी कम है। सरकार एक लाख 32 हजार रुपये प्रति कनाल के हिसाब से उन्हें मुआवजा दे रही है जो काफी कम है।
संवाद सहयोगी, मीरां साहिब : क्षेत्र के कोटली मियां फतेह गांव के ग्रामीणों ने गांव से गुजरने वाली रिंग रोड का काम वीरवार को रुकवा कर रिंग रोड अथारिटी और प्रशासन के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया। किसानों का कहना था कि रिंग रोड में उनकी जमीन आई है, जिसका उनको बहुत मुआवजा दिया गया है।
प्रदर्शन में बीडीसी चेयरमैन दिलीप कुमार भी लोगों के साथ मौजूद रहे। ग्रामीणों के प्रदर्शन की सूचना मिलने पर आरएसपुरा के तहसीलदार गंदीप कुमार, नायब तहसीलदार सतपाल कुमार सहित रिंग रोड अथारिटी के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों ने अधिकारियों को बताया कि वे रिंग रोड बनाने के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन सरकार मुआवजा राशि देने में भेदभाव कर रही है।
किसानों को जितनी जमीन का मुआवजा दिया गया है, उससे ज्यादा जमीन रिंग रोड के लिए ले ली गई है, ऐसे में उनको दिया जाने वाला मुआवजा काफी कम है। किसानों ने कहा कि सरकार मौजूदा समय में एक लाख 32 हजार रुपये प्रति कनाल के हिसाब से उन्हें मुआवजा दे रही है, जो काफी कम है। उनकी मांग है कि उन्हें आठ लाख रुपये प्रति कनाल के हिसाब से मुआवजा राशि दी जाए। इसके अलावा जितनी जमीन उनसे रिंग रोड के लिए लेने की बात हुई थी, उतनी ही ली जाए। इसके अतिरिक्त जमीन लेने पर उसका अतिरिक्त मुआवजा दिया जाए।
बीडीसी चेयरमैन दिलीप कुमार ने अधिकारियों से कहा कि किसानों के साथ किसी तरह की नाइंसाफी नहीं होने दी जाएगी। रिंग रोड अथारिटी के अधिकारी किसानों के साथ मनमर्जी नहीं कर सकते हैं। जब तक किसानों के साथ इंसाफ नहीं होता, तब तक रिंग रोड का काम नहीं होने दिया जाएगा। किसानों को पहले मुआवजा दिया जाए, उसके बाद ही काम शुरू किया जाए।
- मैंने मौके पर पहुंचकर सारी स्थिति का जायजा लिया है। जमीन की निशानदेही भी करवाई जा रही है। किसानों की जितनी भी जमीन रिंग रोड के अधीन आएगी, उतनी ही रिंग रोड अथारिटी के हवाले की जाएगी। किसानों की ज्यादा जमीन नहीं ली जाएगी। लोगों के साथ पूरा इंसाफ होगा। -गंदीप कुमार, तहसीलदार, आरएसपुरा