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Jammu Kashmir: मच्छल सेक्टर मुठभेड़ में मारे गए तीनों आतंकियों के शव सुरक्षाबलों ने अपने कब्जे में लिए, कानूनी औपचारिकताओं पूरा करने के बाद दफनाया जाएगा

उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिला के मच्छल सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से भारतीय सीमा में प्रवेश करने की फिराक में आतंकवादियों की घुसपैठ को सीमा पर सतर्क जवानों ने नाकाम बना दिया है। पाकिस्तानी सीमा की ओर से भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने की कुछ हलचल दिखी।

By VikasEdited By: Published: Sun, 08 Nov 2020 11:04 AM (IST)Updated: Mon, 09 Nov 2020 09:39 PM (IST)
रविवार तड़के मच्छेल सेक्टर में तैनात सीमा प्रहरियाें को पाकिस्तानी सीमा की ओर से घुसपैठ करने की कुछ हलचल दिखी।

जम्मू, जेएनएन। उत्तरी कश्मीर के मच्छल (कुपवाड़ा) सेक्टर में रविवार को मारे गए तीनों घुसपैठियों के शव सुरक्षाबलों ने अपने कब्जे में ले लिए हैं। पोस्टमार्टम करने व अन्य संबधित आवश्यक कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद ही शवों को दफनाया जाएगा।

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कुपवाड़ा स्थित पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शवों का पोस्टमार्टम किया जाएगा। इसके अलावा मारे गए आतंकियों के शवों के डीएनए नमूने लिए जाएंगे ताकि अगर बाद में कभी कोई उनका वारिस हाेने का दावा करे तो पुष्टि की जा सके। सभी कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद ही आतंकियों को कोविड-19 प्रोटोकाल के साथ दफनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि मारे गए आतंकियों के पास से मिले दस्तावेजों व अन्य साजो सामान की भी जांच की जा रही है। आतंकियों की पहचान और उनके संगठन का पता लगाने के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि मारे गए आतंकियों के पास से दाे एसाल्ट राइफलें, दो मैगजीन, 60 कारतसू, एक पिस्तौल व दा मैगजीन व 29 कारतूस और एक रेडियो सेट के अलावा अन्य युद्धक सामग्री मिली है। उनके पास से भारतीय मुद्रा में 50 हजार रुपये की नकदी, दवाएं, खाने-पीने का समान भी मिलाहै। उल्लेखनीय है कि इतवार की तड़के करीब एक बजे मच्छल सेक्टर में सुरक्षाबलों ने घुसपैठ कर रहे आतंकियों को ललकारा था। इसके बाद वहां शुरु हुई मुठभेड़ में तीन आतंकी मारे गए। इस दौरान सेना का एक कैप्टन व दो जवान और एक बीएसएफ कर्मी भी शहीद हुआ है। रक्षा प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया के अनुसार कार्रवाई में सेना के दो जवान घायल भी हुए हैं।

मच्छल सेक्टर में बीएसएफ की 169वीं बटालियन के गश्ती दल ने रविवार रात करीब एक बजे नियंत्रण रेखा पर कुछ हलचल देखी। सतर्क जवानों ने तुरंत मोर्चा संभाल लिया और दो दलों में घुसपैठ कर रहे आतंकियों को चेतावनी दी, लेकिन उन्होंंने गोलाबारी शुरू कर दी। पाकिस्तानी सेना भी उनका साथ दे रही थी। इस कार्रवाई में एक आतंकी मौके पर ढेर हो गया, लेकिन अन्य आतंकी भारतीय क्षेत्र में घुस आए।

बताया जाता है कि त्रिपुरा के बीएसएफ कांस्टेबल सुदीप सरकार गोलियां लगने के बाद भी लड़ते रहे। आखिर वह शहीद हो गए। सुबह करीब चार बजे गोलीबारी बंद हो गई। इसके बाद सेना व बीएसएफ के जवानों ने एलओसी के अंदर कई किमी. क्षेत्र तक तलाशी अभियान शुरू किया। सुबह करीब साढ़े 10 बजे जवानों ने एलओसी के डेढ़ किलोमीटर के क्षेत्र के पास आतंकवादियों को घेर लिया। दोनों तरफ से हुई गोलीबारी में सेना के कैप्टन आशुतोष, हवलदार परवीन व सिपाही आर महेश्वर शहीद हो गए जबकि दो जवान घायल हैैं। दो आतंकी मारे गए। कैप्‍टन आशुतोष बिहार के मधेपुरा जिले के मूल निवासी थे। घायलों को तुरंत सैन्य अस्पताल ले जाया गया। घटनास्थल से दो एके 47 राइफल उसकी दो मैगजीन और 60 गोलियां, एक पिस्तौल, उसकी दो मैगजीन और 29 कारतूस और भारतीय करंसी के 50 हजार बरामद हुए।

दो दलों में घुसे थे आतंकी: जानकारी के मुताबिक छह से सात आतंकी दो समूहों में आए हैं। सेना को शक है कि कुछ आतंकी या तो सरहद पार भाग गए हैं या फिर एलओसी के पास छिपे हुए हैं। 31 मार्च के बाद यह घुसपैठ की सबसे बड़ी साजिश है। मार्च के अंत में केरन में घुसपैठ कर रहे पांच आतंकवादियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया था।

कुछ दिनों में बंद हो जाएंगे कई रास्ते : कुछ दिनों में बर्फबारी के बाद एलओसी से सटे कई रास्ते बंद हो जाएंगे। आतंकी संगठनों और पाक सेना की कोशिश है कि बड़ी संख्या में आतंकियों को कश्मीर में दाखिल कराया जा सके। कश्मीर में इस वर्ष अब तक 200 से अधिक आतंकी मारे जा चुके हैं।


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