Jammu Kashmir: मिड डे मील के लिए स्कूलों में उगाई जाएंगी सब्जियां, पर्यावरण को स्वच्छ रखने में मिलेगी मदद
वर्ष 2019-20 के दौरान 3597 किचन गार्डन बनाए गए। जबकि वर्ष 2020-21 के दौरान 4926 किचन गार्डन बनाने को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने मंजूरी दी है।
जम्मू, सतनाम सिंह। जम्मू प्रदेश में मिड डे मील योजना के तहत हर स्कूल में किचन गार्डन स्थापित किया जाएगा। इस योजना के तहत स्कूलों में ही सब्जियां उगाकर दोपहर का खाना तैयार किया जाएगा। इससे पर्यावरण को स्वच्छ रखने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही मिड डे मील के लिए बाजार से सब्जियां भी नहीं खरीदनी पड़ेंगी।
मिड डे मील योजना के मिशन निदेशक डॉ. अरुण मन्हास ने बताया कि स्कूलों में बच्चों और स्टाफ के सहयोग से किचन गार्डन स्थापित किए जा रहे हैं। कोरोना से उपजे हालात के कारण पिछले पांच महीनों से अधिक समय से काम नहीं हो पाया है, लेकिन स्कूलों के खुलते ही हम किचन गार्डन स्थापित करने में तेजी लाएंगे। लक्ष्य हासिल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। किचन गार्डन की शुरुआत वर्ष 2019 में की गई थी, लेकिन इसकी रफ्तार काफी धीमी रही। अब इसमें तेजी दी गई है। मार्च 2019 से पहले जम्मू कश्मीर में 267 किचन गार्डन बनाए गए थे।
वर्ष 2019-20 के दौरान 3597 किचन गार्डन बनाए गए। जबकि वर्ष 2020-21 के दौरान 4926 किचन गार्डन बनाने को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने मंजूरी दी है। आठ लाख से अधिक बच्चों के घरों में राशन पहुंचाया गया इस बीच कोरोना संक्रमण से उपजे हालात के बीच भी मिड डे मील योजना की रफ्तार को कम नहीं किया गया। इस योजना के तहत आठ लाख से अधिक बच्चों के घरों में राशन पहुंचाया गया है। जम्मू संभाग में 442768 और कश्मीर संभाग में 359718 विद्यार्थियों के घरों में राशन पहुंचाया गया है।
स्कूल शिक्षा विभाग ने 14.47 करोड़ रुपये जारी किए थे
मुख्य शिक्षा अधिकारियों के जरिए बच्चों और अभिभावकों के खाते में खाना बनाने की लागत के पैसे जमा किए जा रहे हैं। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने 14.47 करोड़ रुपये जारी किए थे। प्राइमरी कक्षा के प्रत्येक विद्यार्थी को प्रतिदिन 4.97 रुपये और अपर प्राइमरी के प्रत्येक विद्यार्थी को प्रतिदिन के हिसाब से 7.45 रुपये दिए जा रहे हैं। बच्चों को स्कूल लाने में अहम साबित हो रही यह योजना जम्मू कश्मीर में सरकारी स्कूलों की संख्या 22205 है। मिड डे मील योजना के तहत अधिक से अधिक स्कूलों में किचन गार्डन स्थापित करने की मुहिम को तेजी दी गई है। पहली कक्षा से लेकर आठवीं कक्षा तक के बच्चों को मिड डे मील दिया जाता है। ग्रामीण व दूरदराज इलाकों में मिड डे मील योजना बच्चों को स्कूल तक लाने में अहम साबित हो रही है।