Jammu Lockdown Day 5: ऑनलाइन पढ़ाने व छात्रों को शोध के टिप्स देने में गुजर रहा दिन
जम्मू विश्वविद्यालय के वीसी प्रो. मनोज धर अपने घर में आराम करने के बजाए विद्यार्थियों को उनके घरों तक आॅनलाइन रिसर्च पत्रिकाओं का फायदा पहुंचाने के प्रयास में जुटे हुए है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो । इस समय जब कोरोना से बचाव के लिए पूरे देश में लॉकडाउन है तो जम्मू विश्वविद्यालय के वीसी प्रो. मनोज धर अपने घर में आराम करने के बजाए विद्यार्थियों को उनके घरों तक आॅनलाइन रिसर्च पत्रिकाओं का फायदा पहुंचाने के प्रयास में जुटे हुए है। वह स्वयं जम्मू विश्वविद्यालय के बायोटेक्नोलाजी विभाग के ही प्रोफेसर हैं और कोरोना जैसे संक्रमण से बचाव के महत्व को समझते है। जब प्रोफेसर थे तो नियमित तौर पर विभाग में कक्षा लेते थे लेकिन वीसी बनने के बाद नियमित रूप से कक्षा पढ़ाना छूट गया। इस समय उनकी यह भी कोशिश है कि घर से आॅनलाइन कक्षा ली जाए। जम्मू विश्वविद्यालय का क्षेत्राधिकार जम्मू डिवीजन के दस जिले है। यह स्टेट विश्वविद्यालय है जिसकी स्थापना कश्मीर और जम्मू यूनिवर्सिटी एक्ट 1969 के तहत हुई थी। विवि से जम्मू संभाग के डिग्री कालेजों, मेडिकल कालेजों, इंजीनियरिंग, बीएड कालेजों को मिलाकर दौ सौ से ज्यादा कालेज मान्यता प्राप्त है। विवि के चालीस से अधिक पीजी विभाग जिनमें सात हजार के करीब विद्यार्थी पढ़ते है।
जम्मू विवि में बने वाइस चांसलर के आवास में रह रहे प्रो. मनोज धर का समय किसी से मुलाकात करने के बिना भी व्यस्त ही बीत रहा है। वह बताते है कि हमने कुछ महीने पहले रिसर्च पत्रिकाओं, जनरल को विद्यार्थियों तक पहुंचाने के प्रबंध किए गए थे। यह विवि कैंपस में नेट चलाने से उपलब्ध होते थे। अब चूंकि पूरा लॉकडाउन है, शैक्षिक गतिविधियां पूरी तरह से प्रभावित है तो ऐसे में विद्यार्थियों तक विवि की बेव साइट के जरिए रिसर्च और अकादमिक पत्रिकाओं, जनरल का लाभ आन लाइन विद्यार्थियों को दिलाने के लिए प्रयास कर रहा हूं। इसके लिए मैने मोबाइल पर ही तकनीकी सलाह अपने अध्यापकों, विशेषज्ञों से ली है। हमने करीब दो हजार आन लाइन जनरल खरीदे है। मैने संबधित एजेंसियों से भी बात की है ताकि विवि के नेटवर्क का फायदा हमारे विद्यार्थी घरों पर हासिल कर सके। यह प्रक्रिया जल्द शुरु होगी
अब आॅनलाइन बाॅयोटेक्नोलाजी की क्लास पढ़ाने की तैयारी
प्रो. मनोज धर कहते है कि जब मैं वीसी बना तो नियमित क्लास नहीं पढ़ा पाया। बीच बीच में कक्षा लेता था। मेरा विषय बायोटेक्नोलाजी है। अब मैं आन लाइन अपने विभाग के विद्यार्थियों और स्कालरों को कक्षा पढ़ाने के प्रयास में हूूं। ई क्लास लूंगा। इसके लिए सिस्टम को स्थापित किया गया है। कक्षा लेने के लिए मैने तैयारी भी की है। मैं अपने स्कालरों के साथ भी रूबरू भी हो रहा हूं। उन्हें रिसर्च के बारे में बता रहा हूं। जम्मू विश्वविद्यालय भी कोरोना की लड़ाई में सरकार को सहयोग दे रही है। हमने अपने विभाग बायोटेक्नोलाजी से कोरोना के टेस्ट के लिए मेडिकल कालेज अस्पताल जम्मू को रियल टाइम पीसीआर मशीन दी है। इस मशीन से कोरोना के टेस्ट करने में मदद मिलेगी। हमारा सहयोग जारी है।
लॉकडाउन के कारण जम्मू विश्वविद्यालय के हॉस्टलों में अधिकतर विद्यार्थी अपने घरों को जा चुके है। कुछ विद्यार्थी हॉस्टलों में ठहरे हुए है, उनके लिए प्रबंध किए गए है। मैं मोबाइल पर प्रबंधों का जायजा ले रहा हूं। टीचिंग और नान टीचिंग के प्रतिनिधियों और वरिष्ठ प्रोफेसरों से फोन पर बात होती रहती है। विवि के बंद रहने के बावजूद काफी प्रबंधों की समीक्षा नियमित तौर पर करनी पड़ती है। इसका संचालन बिना कही आए जाए किया जा रहा है। लॉकडाउन के दौरान भले ही मैं घर पर हूं लेकिन मेरी खाने पीने और सुबह उठने की दिनचर्या में कोई फर्क नहीं आया है। मैं सुबह पांच बजे उठता हूं। सुबह हल्का नाश्ता लेता हूं। तली चीजों से परहेज पहले भी करता था। दोपहर को चावल, दाल, सब्जी, चपाती और सलाद लेता हूं। रात को हल्का सादा खाना लेता हूं। दिन में एक दो बार चाय पी जाती है।