दिल्ली से श्रद्धालुओं को लेकर कटड़ा पहुंची वंदे भारत एक्सप्रेस
-एक घंटे स्टेशन पर रुकने के बाद दोपहर में तीन बजे दिल्ली के लिए रवाना हो गई ट्रेन संवाद
-एक घंटे स्टेशन पर रुकने के बाद दोपहर में तीन बजे दिल्ली के लिए रवाना हो गई ट्रेन
संवाद सहयोगी, कटड़ा: वंदे भारत एक्सप्रेस के तीन बार के सफल ट्रायल के बाद शनिवार को मां वैष्णो देवी के भक्तों को लेकर अत्याधुनिक ट्रेन अपने निर्धारित समय दोपहर में 1.55 बजे श्री माता वैष्णो देवी स्टेशन कटड़ा पहुंची। एक घंटा पांच मिनट तक कटड़ा रेलवे स्टेशन पर रुकने के बाद दोपहर में तीन बजे यह ट्रेन दिल्ली के लिए रवाना हो गई। जैसे ही ट्रेन स्टेशन पर पहुंची, तो हर कोई इस ट्रेन को देखने के लिए उत्सुक दिखा।
स्टेशन सुपरिटेंडेंट जुगल किशोर शर्मा ने बताया कि पहले दिन दिल्ली से वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में चढ़े कुल यात्रियों में से करीब 50 प्रतिशत माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आधार शिविर कटड़ा पहुंचे। वहीं, कटड़ा से जाने वाले यात्रियों में से करीब 90 प्रतिशत माता वैष्णो देवी के दर्शन करने वाले श्रद्धालु शामिल थे। उन्होंने बताया कि पांच मिनट पहले ही ट्रेन में सफर करने वालों को सूचित कर दिया जाता है कि वह ट्रेन में अपनी सीट पर बैठ जाएं, क्योंकि ट्रेन चलने के ठीक पहले उसके गेट अपने आप बंद हो जाते हैं। यह ट्रेन आठ घंटे में कटड़ा से दिल्ली के बीच की दूरी तय कर लेती है। मंगलवार को छोड़कर सप्ताह के बाकी छह दिन यह ट्रेन दिल्ली से कटड़ा के बीच चलेगी। जम्मू से ट्रेन के आगे बढ़ते ही लगने लगे माता के जयकारे
जागरण संवाददाता, जम्मू : नई दिल्ली-कटड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन शनिवार को 12 बजकर 36 मिनट पर जम्मू रेलवे स्टेशन पर पहुंची। दो मिनट रुकने के बाद कटड़ा के लिए रवाना हो गई। जम्मू रेलवे स्टेशन से जैसे ही ट्रेन कटड़ा के लिए रवाना हुई, यात्रियों ने माता के जयकारे लगाने शुरू कर दिए। पहाड़ नजर आने लगे तो लोगों ने अपने कैमरे और मोबाइल से फोटो खींचने शुरू कर दिए। ट्रेन कटड़ा रेलवे स्टेशन पर अपने निर्धारित समय से पांच मिनट पहले 1 बजकर 55 मिनट पर पहुंची तो वहां भी माता के जयकारे लगने शुरू हो गए। जम्मू में ही छूट गए कुछ यात्री
वंदे भारत ट्रेन में सवार होकर दिल्ली जाने वाले कुछ यात्री वापसी के समय ट्रेन में चढ़ नहीं पाए। दोपहर में तीन बजे कटड़ा से रवाना होने के बाद ट्रेन जम्मू रेलवे स्टेशन पर दो मिनट के लिए रुकी। कुछ यात्री इसमें चढ़ नहीं पाए। ट्रेन के इलेक्ट्रिक दरवाजे होने के कारण वे दो मिनट बाद बंद हो गए और उसके बाद ट्रेन चल पड़ी। स्टेशन पर छूटे यात्रियों में सेना के जवान भी शामिल थे। उनका कहना था कि ट्रेन के रुकने का समय कम है और इतने समय में सामान को ट्रेन में चढ़ाना भी आसान नहीं था। उन्होंने ट्रेन छूटने के बाद रेलवे के अधिकारियों को भी इस बारे में अवगत करवाया, लेकिन उनका कोई समाधान नहीं निकला।