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शोपियां में कासो के दौरान भड़की हिंसा

कश्मीर के नागबल, शोपियां में आतंकियों की धरपकड़ के लिए गए सुरक्षाबलों को आतंकी समर्थक हिंसक भीड़ के पथराव के चलते खाली हाथ लौटना पड़ा।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 26 Feb 2018 03:06 PM (IST)Updated: Mon, 26 Feb 2018 03:45 PM (IST)
शोपियां में कासो के दौरान भड़की हिंसा
शोपियां में कासो के दौरान भड़की हिंसा

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। दक्षिण कश्मीर के नागबल, शोपियां में रविवार को आतंकियों की धरपकड़ के लिए गए सुरक्षाबलों को आतंकी समर्थक हिंसक भीड़ के पथराव के चलते खाली हाथ लौटना पड़ा। जानकारी के अनुसार, होमु़रा नागबल में आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिलते ही रविवार शाम सेना की 44 आरआर के जवानों ने पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों के साथ मिलकर घेराबंदी कर तलाशी अभियान (कासो) चलाया।जवानों ने जैसे ही तलाशी शुरू की। युवकों ने भड़काऊ नारेबाजी करते हुए पथराव शुरू कर दिया।

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सुरक्षाबलों ने पहले संयम बनाए रखा, लेकिन जब पथराव की तीव्रता बढ़ने लगी तो उन्होंने भी पथराव कर रही भीड़ को खदेड़ने के लिए लाठियों और आंसू गैस का इस्तेमाल शुरू कर दिया। इसके बाद पूरे इलाके में हिंसक झड़पों का दौर शुरू हो गया।स्थिति बिगड़ते देख और किसी नागरिक क्षति से बचने के लिए अधिकारियों ने कासो को स्थगित करना ही बेहतर समझा। सुरक्षाबलों ने कुछ देर बाद घेराबंदी हटाई और अपने शिविरों में लौट गए।

रो¨हग्याओं, बांग्लादेशियों के खिलाफ प्रदर्शन 

उधर, शहर की सुरक्षा के लिए खतरा बन रहे रो¨हग्याओं, बांग्लादेशियों और बर्मा के नागरिकों के खिलाफ जम्मू कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। पार्टी के जोनल प्रधान नीरज गुप्ता के नेतृत्व में आयोजित इस प्रदर्शन में शामिल कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार तड़के सुंजवां सैन्य ब्रिगेड की संतरी पोस्ट पर पथराव के लिए भी रो¨हग्याओं और बांग्लादेशी नागरिकों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि ऐसे संवेदनशील इलाकों में इन बाहरी नागरिकों को ठहराया नहीं जाना चाहिए था, लेकिन यह भाजपा व पीडीपी सरकार की नाकामी है कि सैन्य क्षेत्रों में हमले नहीं रुक रहे हैं।

प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं का कहना था कि इन बाहरी लोगों के कारण शहर में मादक पदार्थो की तस्करी, चोरी व लड़कियों की तस्करी बढ़ गई हैं। शहर में अपराध का ग्राफ बढ़ रहा है। दंगा भड़काने के मामलों में भी ये लोग पकड़े जा चुके हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने समय रहते इन विदेशियों को राज्य से बाहर नहीं किया तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। उनका कहना था कि अगर सरकार उन्हें नहीं भेजेगी तो जम्मू के लोग खुद इन विदेशियों को बाहर का रास्ता दिखा देंगे।


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