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Kashmir : नाहिदा मंजूर कश्मीर की पहली महिला एवरेस्टर बनी

कश्मीर की नाहिदा मंजूर विश्व की सबसे ऊंची एवरेस्ट चोटी फतह करने वाली कश्मीर की पहली महिला पर्वतारोही बन गई हैं जबकि इससे पहले राज्य की छह महिला पर्वतारोही एवरेस्ट फतह कर चुकी हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 23 May 2019 06:44 PM (IST)Updated: Fri, 24 May 2019 11:15 AM (IST)
Kashmir : नाहिदा मंजूर कश्मीर की पहली महिला एवरेस्टर बनी
Kashmir : नाहिदा मंजूर कश्मीर की पहली महिला एवरेस्टर बनी

जम्मू, जागरण संवाददाता। कश्मीर की नाहिदा मंजूर विश्व की सबसे ऊंची एवरेस्ट चोटी फतह करने वाली कश्मीर की पहली महिला पर्वतारोही बन गई हैं जबकि इससे पहले राज्य की छह महिला पर्वतारोही एवरेस्ट फतह कर चुकी हैं। कश्मीर के ज़ेवन में छोटी सी दुकान करने वाले मंजूर अहमद पांपौरी की बेटी नाहिदा ने गाईड शेरपा निमा कंचा की देखरेख में इस कारनामे को अंजाम कर दिखाया है।

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नाहिदा गत 18 मई को अपने आठ अन्य साथियों के साथ एवरेस्ट बेस कैंप से 8848 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एवरेस्ट चोटी अभियान के लिए रवाना हुई थी। नाहिदा के परिजन अपनी बेटी के इस कारनामे से काफी उत्साहित हैं। उनका कहना है कि लाखों कश्मीरियों की दुआओं की ही नतीजा है कि उनकी बेटी ने जिस ख्वाब को बचपन में देखा आज वह साकार हो गया। विश्व भारती कॉलेज रैनावाड़ी कश्मीर की फाइनल वर्ष की छात्रा नाहिदा ने पर्याप्त संसाधन न होने के बावजूद उसने कश्मीर में स्थित 3966 मीटर ऊंची चोटी महादेव भी फतह की थी। वह इस पर चढ़ाई करने वाली पहली कश्मीरी महिला पर्वतारोही हैं।

नाहिदा मंजूर खो-खो, कबड्डी, वालीबॉल और राइफल शूटिंग की बेहतरीन खिलाड़ी भी हैं

नाहिदा मंजूर खो-खो, कबड्डी, वालीबॉल और राइफल शूटिंग की बेहतरीन खिलाड़ी भी हैं। वह कई प्रतियोगिताओं में भाग लेकर पदक भी जीत चुकी हैं। श्रीनगर के टूरिस्ट रिसेप्शन सेंटर नाैगाम में स्थित कृत्रिम दीवार पर हर सप्ताह तीन दिन कड़ा अभ्यास करती रही। उसकी प्रतिभा को देखते हुए ही एनसीसी, श्रीनगर द्वारा उसका चयन उत्तराखंड में स्थित 5975 मीटर ऊंची चोटी स्वर्णरोहिणी चोटी अभियान के लिए किया गया। इस अभियान से ही प्रेरित होकर उन्होंने माउंट एवरेस्ट अभियान पर जाने की मन में ठानी।

आठ अप्रैल को माउंट एवरेस्ट अभियान के लिए रवाना हुई

कश्मीर की नाहिदा आठ अप्रैल को नेपाल से विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट अभियान के लिए रवाना हुई थी। इस अभियान का आयोजन ट्रांजिट एडवेंचर क्लब हैदराबाद ने किया। इसमें देशभर से आठ पर्वतारोहियों को चुना गया। इसमें जम्मू-कश्मीर की नाहिदा एकमात्र पर्वतारोही हैं। नाहिदा ने मनाली स्थित माउंटेनरिंग क्लब से एडवांस कोर्स भी किए हैं। गौरतलब है कि नाहिदा ने पैसों की कमी की वजह से एवरेस्ट अभियान पर जाने के लिए मना कर दिया था लेकिन बाद में उसके सभी दोस्तों, रिश्तेदारों ने सभी से नाहिदा के सपने को साकार करने के लिए मदद के लिए हाथ बढ़ाने की अपील की थी। उसने कश्मीर के डिप्टी कमिश्नर सहित जेएंडके बैंक के अधिकारियों से भी मदद की अपील की थी लेकिन किसी ने भी उनकी नहीं सुनी। इस दौरान हैदराबाद का ट्रांजिट एडवेंचर क्लब ने मदद के लिए हाथ बढ़ाकर उसे एवरेस्ट अभियान पर जाने के लिए हर संभव मदद की पेशकश की थी। गाैरतलब है कि जम्मू-कश्मीर स्टेट स्पोटर्स काउंसिल ने भी गत आठ अप्रैल को आदेश संख्या नंबर-320 जारी करते हुए नाहिदा को आठ लाख रुपए की वित्तीय सहायता का अनुदान जारी किया था।

राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने नाहिदा को मुबारकबाद दी है 

इसी बीच राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विश्व की सबसे ऊंची चोटी फतह करने के लिए नाहिदा को मुबारकबाद दी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि नाहिदा राज्य की युवा पीढ़ी को एडवेंचर खेलों की ओर आकर्षित करने में कामयाब रहेंगी।

राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी टवीट के माध्यम से नाहिदा को मुबारकबाद दी है।

राज्य की छह महिला पवर्तारोही नाहिदा से पहले कर चुकी हैं एवरेस्ट फतह

इससे पहले जम्मू की बेटी 53 वर्षीय उद्यमी संगीता बहल ने 19 मई की सुबह एवरेस्ट का शिखर छूआ। इससे पहले वर्ष 2005 में सेरिंग लाडोल, 22 मई 2016 को स्टेरजिन लसकित, ताशी तसकित, सेरिंग अंगमो और रिगजिन डोलकर ने भी एवरेस्ट चोटी फतह की थी।

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