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वैष्णो देवी यात्रा इन सुविधाओं के कारण अब और सुरक्षित व आसान होगी

माता वैष्णो देवी के दर्शनों को पहुंचने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के मद्देनजर श्राइन बोर्ड विशेष इंतजाम करने जा रहा है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 28 Aug 2018 02:56 PM (IST)Updated: Tue, 28 Aug 2018 04:03 PM (IST)
वैष्णो देवी यात्रा इन सुविधाओं  के  कारण अब और सुरक्षित व आसान होगी
वैष्णो देवी यात्रा इन सुविधाओं के कारण अब और सुरक्षित व आसान होगी

कटड़ा, राकेश शर्मा। माता वैष्णो देवी के दर्शनों को पहुंचने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के मद्देनजर श्राइन बोर्ड विशेष इंतजाम करने जा रहा है। घोड़े व खच्चरों का इस्तेमाल करने वाले यात्रियों को हेलमेट व अन्य सुरक्षा संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। यात्रियों को स्थानीय घोड़े-खच्चर वालों की लूटखसोट से बचाने के लिए घोड़ों व खच्चरों पर इलेक्ट्रॉनिक चिप लगाए जाने की योजना है।

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भवन मार्ग पर मोबाइल टीमों की तैनाती के अलावा प्रीपेड सेवा काउंटर भी स्थापित किए जाएंगे। जल्द ही सभी सुविधाओं को बहाल किया जाएगा।

घोड़ों व खच्चरों पर इलेक्ट्रॉनिक चिप लगाई जाएंगी

मनमानी से बचाने के लिए श्राइन बोर्ड कई सुविधाएं शुरू करेगा। घोड़ों पर चिप लगाई जाएंगी,घोड़ों व खच्चरों पर रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआइडी) चिप लगाई जाएंगी ताकि इनके आवागमन, दूरी और किराए आदि पर नजर रखी जा सके। रास्ते में बने स्मार्ट कार्ड स्केनिंग काउंटरों से घोड़ों की स्थिति पर नजर रहेगी। घोड़े वाले श्रद्धालुओं से मनमाना दाम नहीं वसूल सकेंगे। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए नि:शुल्क हेलमेट व सुरक्षा कवच मुहैया कराए जाएंगे, जिससे गिरने पर श्रद्धालु सुरक्षित रहें। यात्रा के दौरान घोड़ों से गिरने के अनेक हादसे होते हैं।

प्रतिदिन 25 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं

माता वैष्णो देवी में प्रतिदिन करीब 25 हजार श्रद्धालु दर्शनों के लिए आते हैं। जबकि शारदीय व चैत्र नवरात्र के अलावा गर्मी की छुट्टियां यात्रा का आंकड़ा 45 हजार से अधिक हो जाता है। कटड़ा से लेकर भवन तक पारंपरिक मार्ग 13.5 किमी है। जबकि बैटरी कार मार्ग 11.5 किमी है। नया ताराकोट मार्ग बाणगंगा से भवन तक 14.5 किमी है।

10 हजार मजदूर करते हैं काम

वैष्णो देवी भवन और मार्ग पर घोड़ा-खच्चर और पालकी सेवा उपलब्ध कराने के लिए 10 हजार मजदूर काम करते हैं, मगर इन सेवाओं को लेकर श्रद्धालुओं को मनमाने दामों और र्दुव्‍यवहार आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

निजी कंपनी को इन इंतजामों की जिम्मेदारी सौंपी 

श्राइन बोर्ड प्रशासन ने एक निजी कंपनी को इन इंतजामों की जिम्मेदारी सौंपी है। यह आइटी कंपनी आधुनिक तौर-तरीकों के जरिये श्रद्धालुओं की यात्रा को सुरक्षित व सुविधायुक्त बनाने के रास्ते ढूंढेगी। बेस्ड ऑन टोल प्रोजेक्ट के तहत उक्त कंपनी अगले पांच साल तक अपनी सेवाएं देगी। कंपनी भवन मार्ग पर चलने वाले करीब 4,600 घोड़ों पर आरएफआइडी माइक्रो चिप लगाएगी।

घोड़ा, पिट्ठू, पालकी ढोने वाले मजदूरों के बायोमीटिक स्मार्ट कार्ड बनाएगी। घोड़ों पर निगरानी के लिए सभी रास्‍तों पर आरएफआइडी सेंसर एंटीना लगाने सहित अत्याधुनिक काउंटर स्थापित किए जाएंगे। मार्ग पर 15 बूथ और 550 स्पीकर लगाएं जाएंगे जिनमें धार्मिक संगीत बजेगा। यात्रा मार्ग पर जगह-जगह अत्याधुनिक सीसीटीवी कैमरे और एलईडी स्क्रीन मॉनीटर लगाए जाएंगे।

यात्रा के दौरान घोड़ा चालक अथवा कोई श्रमिक किसी श्रद्धालु के साथ र्दुव्‍यवहार या अधिक पैसे की मांग करते पाया जाता है तो कार्ड जब्त कर लिया जाएगा। वह तब तक काम नहीं कर सकेगा जब तक पुलिस, एसडीएम या फिर बोर्ड अधिकारी इजाजत नहीं देंगे।

मजदूरों से 28 से 30 रुपये जीएसटी वसूलेगी

मजदूरों और घोड़े-खच्चर-पालकी वालों से कंपनी 28 से 30 रुपये प्रति मजदूर जीएसटी युक्त शुल्क वसूलेगी।

मोबाइल टीमें घोड़ों और मजदूरों की करेगी जांच

कंपनी भवन मार्ग पर मोबाइल टीमें बनाएगी, जो भवन मार्ग पर घोड़ों के साथ ही मजदूरों की जांच करेंगी। टीमें श्रद्धालुओं से भी फीडबैक लेंगी। कंपनी द्वारा भवन मार्ग पर प्रीपेड व्यवस्था लागू की जाएगी। चेतक भवन, चरण पादुका, बाणगंगा, आद्कुंवारी, हिमकोटि, सांझी छत, भैरव घाटी और वैष्णो देवी भवन पर अत्याधुनिक काउंटर बनाए जा रहे हैं। कंपनी करीब 200 अधिकारी व कर्मचारी तैनात करेगी। पूरी व्यवस्था की निगरानी कंपनी के साथ ही श्राइन बोर्ड प्रशासन, एसडीएम भवन और एसडीएम कटड़ा करेंगे, जिसके लिए श्राइन बोर्ड के कटड़ा के आध्यात्मिक केंद्र में मुख्यालय बनाया जा रहा है।श्राइन बोर्ड के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंशुल गर्ग ने कहा कि- अक्टूबर में नवरात्र से पहले व्यवस्था को शुरू कर दिया जाएगा। श्रद्धालुओं की यात्रा सुखमय और सुरक्षित बनी रहे इसके लिए बोर्ड सुविधाएं मुहैया कराएगा। 


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