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JK industrial package 2021: जम्मू कश्मीर में निवेश पर प्रोत्‍साहन, 10 साल तक जीएसटी माफ, केंद्र ने जारी की अधिसूचना

जम्मू कश्मीर के लिए घोषित 28400 करोड़ के औद्योगिक पैकेज पर केंद्रीय वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय ने मुहर लगा दी है। शुक्रवार को जारी अधिसूचना के अनुसार पहली अप्रैल से शुरू हो रही यह योजना 16 साल के लिए अर्थात मार्च 2037 तक प्रभावी रहेगी।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Sat, 20 Feb 2021 05:30 AM (IST)Updated: Sat, 20 Feb 2021 07:40 AM (IST)
JK industrial package 2021: जम्मू कश्मीर में निवेश पर प्रोत्‍साहन, 10 साल तक जीएसटी माफ, केंद्र ने जारी की अधिसूचना
नये जम्मू कश्मीर के लिए घोषित 28,400 करोड़ के औद्योगिक पैकेज पर केंद्रीय उद्योग मंत्रालय ने मुहर लगा दी है।

जम्मू, जागरण न्‍यूज नेटवर्क: कोरोना काल और पिछले विपरीत हालात से पार पा रहे नये जम्मू कश्मीर के लिए घोषित 28,400 करोड़ के औद्योगिक पैकेज पर केंद्रीय वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय ने मुहर लगा दी है। शुक्रवार को जारी अधिसूचना के अनुसार पहली अप्रैल से शुरू हो रही यह योजना 16 साल के लिए अर्थात मार्च 2037 तक प्रभावी रहेगी। एक अनुमान के अनुसार इससे 20 हजार करोड़ का निवेश जुटाने और लाखों लोगों को रोजगार देने का अनुमान है। औद्योगिक इकाइयों के साथ-साथ स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन और फिल्म निर्माण समेत अन्य सेवा क्षेत्र के निवेशक भी इस योजना के तहत लाभ उठा सकेंगे।

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नीति में खास बिंदु

  • जम्मू कश्मीर के लिए 28,400 करोड़ के पैकेज पर केंद्र की मुहर
  • पहली अप्रैल से नई इकाइयों को 16 वर्षों तक मिलेगा अनुदान
  • उद्योगों के साथ सेवा क्षेत्र में निवेशकों को भी मिलेगा लाभ
  • 20 हजार करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद
  • जम्‍मू कश्‍मीर में लाखों रोजगार सृजित होंगे
  • 30 फीसद छूट शहरों व कस्बों में पूंजीगत निवेश पर मिलेगी
  • 50 फीसद छूट ग्रामीण क्षेत्रों में मशीनरी की खरीद पर मिलेगी
  • भौतिक संरचना और मशीनरी में निवेश के लिए ऋण पर ब्याज दर में छूट मिलेगी
  • कार्यशील पूंजी में भी पांच वर्ष के लिए ब्याज दर पर मिलेगी छूट
  • 10 साल तक जीएसटी में 100 फीसद रिफंड का वादा
  •  निवेश पर नजर रखेंगी केंद्रीय और राज्य स्तर की कमेटियां

 उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पिछले माह ही इस योजना की घोषणा की थी। निवेश पर नजर रखने के लिए केंद्रीय और राज्य स्तर की कमेटियों की भी घोषणा की गई है।

इस योजना के तहत पंजीकृत इकाइयां पूंजीगत निवेश में प्रोत्साहन के साथ, परिसंपत्तियों में निवेश और कार्यशील परिसंपत्ति में ब्याज दरों में छूट का लाभ ले सकती हैं। साथ ही 10 साल के लिए जीएसटी में छूट मिलेगी।

अधिसूचना के अनुसार, इस योजना का लाभ उठाने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण पहली अप्रैल से आरंभ हो जाएगा और सितंबर 2024 तक आवेदन करने वाले उद्योग ही योजना का लाभ ले सकेंगे। पंजीकरण के तमाम आवेदनों का मार्च 2025 तक निपटान भी कर दिया जाएगा।

राज्य प्रशासन का मानना है कि नई औद्योगिक नीति से प्रदेश में 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश जुटाया जा सकेगा और करीब 4.5 लाख रोजगार सृजित होंगे।

यह मिलेंगे निवेश पर लाभ :

1. 30 से 50 फीसद निवेश पर अनुदान

जोन-ए में आने वाले शहरों व कस्बों में पूंजीगत निवेश पर 30 फीसद तक का अनुदान मिलेगा। जोन-बी में ग्रामीण क्षेत्रों में उत्पादन व निर्माण के लिए प्लांट स्थापित करने व मशीनरी की खरीद पर 50 फीसद छूट मिलेगा। हालांकि खतरनाक उद्योगों और पर्यावरण के लिए हानिकारक उद्योग इस योजना के तहत लाभ नहीं दे सकेंगे।

2. निवेश के ऋण पर ब्याज में छूट

नए निवेश के लिए आधारभूत ढांचा और मशीनरी पर 500 करोड़ रुपये तक के ऋण पर ब्याज में छह फीसद की छूट देने का भी एलान किया गया है। सेवा क्षेत्र में भौतिक परिसंपत्तियों पर न्यूनतम एक करोड़ रुपये निवेश करने वाले भी छूट के हकदार होंगे। यह लाभ सात वर्षों के लिए मिलेगा और अगर ब्याज दल आठ फीसद से कम है तो उद्योग को मात्र दो फीसद का भुगतान करना होगा।

3. जीएसटी में माफी

नए निवेशकों को 10 वर्षों तक जीएसटी में भी प्रोत्साहन मिलेगा और यह प्रोत्साहन 100 फीसद तक होगा।

4. कार्यशील पूंजी पर ब्याज में छूट

इतना ही नहीं औद्योगिक इकाइयां कार्यशील पूंजी (वर्किंग कैपिटल) में ब्याज पर पांच वर्षों के लिए पांच फीसद छूट पा सकेंगी। छह फीसद से कम ब्याज दर पर निवेशक को केवल एक फीसद ब्याज अदा करना होगा।

यूं कराना होगा पंजीकरण :

इस योजना के तहत लाभ पाने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण पहली अप्रैल से आरंभ हो जाएगा पर केवल आवेदन से ही इकाइयां लाभ नहीं पा सकेंगी। पंजीकरण के लिए गठित कमेटी तमाम परियोजना का अध्ययन करने के बाद ही इसे मंजूरी प्रदान करेगी। पंजीकरण के तीन वर्ष के भीतर ही संबंधित उद्योग को इकाई में उत्पादन शुरू करना होगा और उसके बाद ही लाभ के हकदार होंगे।

सेवा क्षेत्र में यह इकाइयां होंगी पात्र

  1. पर्यटन क्षेत्र- पर्यटक स्‍थलों का विकास, आधारभूत ढांचा मुहैया कराना
  2. फिल्‍म पर्यटन - फिल्‍म स्‍टूडियो और अन्‍य सुविधाएं
  3. रोप-वे, मनोरंजन पार्क और अन्‍य
  4. मालभाड़ा, लाजिस्टिक पार्क, वेयरहाउस और कोल्‍डस्‍टोर का निर्माण
  5. सूचना क्रांति तकनीक में निवेश
  6. संरक्षित इमारतों की देखरेख
  7. स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं - अस्‍पताल और अन्‍य सुविधाएं
  8. शैक्षणिक और कौशल विकास सेवाएं
  9. शोध, अनुसंधान, परीक्षण और प्रमाणन सेवाएं
  10.  रखरखाव और मरम्‍मत सुविधाएं

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