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कोरोना से सेना के चार जवानों सहित 125 लोग संक्रमित

जम्मू कश्मीर में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। शुक्रवार को सेना के चार जवानों सहित 125 नए मामले दर्ज हुए। इनमें 24 से अधिक लोग हवाई सेवा से जम्मू व श्रीनगर आए थे। अभी तक प्रदेश में 2164 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं शोपियां जिले के एक मरीज की मौत हो गई जिससे मृतकों की संख्या 28 हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 09:02 AM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 09:02 AM (IST)
कोरोना से सेना के चार जवानों सहित 125 लोग संक्रमित

राज्य ब्यूरो, जम्मू : जम्मू कश्मीर में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। शुक्रवार को सेना के चार जवानों सहित 125 नए मामले दर्ज हुए। इनमें 24 से अधिक लोग हवाई सेवा से जम्मू व श्रीनगर आए थे। अभी तक प्रदेश में 2164 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, शोपियां जिले के एक मरीज की मौत हो गई, जिससे मृतकों की संख्या 28 हो गई है। 16 और मरीजों के ठीक होने पर उन्हें छुट्टी दे दी गई। अभी तक 875 मरीजों को छुट्टी मिल चुकी है।

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स्वास्थ्य विभाग के अनुसार शुक्रवार को 33 जम्मू व 92 कश्मीर संभाग में नए मामले दर्ज हुए हैं। जम्मू संभाग में 14 पुंछ, सात जम्मू, छह राजौरी, तीन कठुआ, एक ऊधमपुर व दो सांबा के हैं। जम्मू के सात मरीजों में दो गांधीनगर और एक रूपनगर का है। तीनों की ट्रैवल हिस्ट्री दिल्ली और जयपुर की है। तीनों हवाई मार्ग से आए थे और निजी होटलों में क्वारंटाइन थे। तीनों को अब सीडी अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया है।

वहीं, संक्रमित पाए गए सेना के चार जवानों में एक पूर्व सैनिक है। दो अखनूर क्षेत्र के रहने वाले हैं, जबकि दो की श्रीनगर में ड्यूटी है। जम्मू में अभी तक हवाई मार्ग से आने वाले 13 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। कठुआ के तीन मामले बसोहली व हीरानगर से

एक मामला ऊधमपुर के रामनगर तहसील का है। रामनगर के कटवालत क्षेत्र का रहने वाला व्यक्ति भी बाहर से आया है और उसे क्वारंटाइन केंद्र में रखा गया था। कठुआ के तीन मामले बसोहली व हीरानगर से हैं। यह भी बस से वापस आए थे और लखनपुर में उन्हें क्वारंटाइन करके रखा गया था। सांबा के दो मामलों में एक सपवाल और दूसरा रघुचक्क का रहने वाला है। एक ट्रेन और दूसरा बस से दिल्ली और मुंबई से वापस आए हैं। राजौरी के छह मामलों में एक पुलवामा और पांच दिल्ली से आए हैं। राजौरी के 14 मामलों में भी दिल्ली और मुंबई से वापस लौटे हैं। कश्मीर में संक्रमित मरीजों में अधिकांश बाहरी प्रदेशों से आए हैं

कश्मीर में आए 92 मामलों में छह अनतंनाग, 19 कुलगाम, 27 श्रीनगर, 18 कुपवाड़ा, आठ बारामुला, एक शोपियां, 10 पुलवामा व तीन अन्य जिले के हैं। कुपवाड़ा में एक संक्रमित मरीज किसी मामले में पुलिस लॉकअप में बंद है। इनमें से अधिकांश मरीज बाहरी प्रदेशों से आए हैं। सभी को इलाज के लिए विभिन्न अस्पतालों में भर्ती करवाया गया है। निमोनिया की शिकायत लेकर आए मरीज की हो गई मौत

शोपियां जिले के 70 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत भी हो गई। बुधवार को निमोनिया की शिकायत लेकर आए इस मरीज को श्री महाराजा हरि सिंह अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। वीरवार की सुबह उसके टेस्ट लिए गए। शुक्रवार को उसकी मौत हो गई। 16 मरीजों को अस्पतालों से छुट्टी भी हुई। इनमें दो श्रीनगर, चार कुपवाड़ा, चार बारामुला, एक बड़गाम, एक जम्मू, तीन कठुआ, एक राजौरी का है। 10 लाख लोगों में 11835 टेस्ट किए जा रहे

राज्य ब्यूरो, जम्मू : कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए जम्मू कश्मीर में दस लाख लोगों में 11835 टेस्ट किए जा रहे हैं, जो देश में सबसे अधिक है। यहां 17.2 दिनों में संक्रमितों के मामले दोगुना हो रहे हैं, जबकि स्वस्थ होने की दर करीब 44 फीसद है जो राष्ट्रीय औसत से काफी आगे है। प्रदेश में पीपीई किट, वेंटीलेटर व पीसीआर मशीनें भी पर्याप्त हैं।

वित्तीय आयुक्त स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा अटल ढुल्लू ने प्रदेश के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रहमण्यम को वीडियो कांफ्रेंस के दौरान यह जानकारी दी। मुख्य सचिव ने कहा कि हवाई सेवा, ट्रेन व बस से लोगों को आने जाने की छूट देने के बाद संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाना और उनकी निगरानी जरूरी है।

मुख्य सचिव ने सभी जिलों में कोरोना मरीजों के इलाज में स्वास्थ्य कर्मियों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में 48 फीसद मरीज संक्रमितों के संपर्क में आने के कारण हुए हैं। इससे साफ है कि उनका पता लगाने में स्वास्थ्य विभाग ने कितनी अहम भूमिका निभाई है। वहीं, 32 फीसद मामले दूसरे प्रदेशों से लोगों के आने के कारण हुए हैं। यह दूसरे प्रदेशों से आ रहे लोगों के सैंपल लेकर जांच करने के कारण संभव हो पाए हैं। उन्होंने दोनों डिवीजनल कमिश्नरों को सैंपल टेस्टिग का सही इस्तेमाल करने के लिए कहा।

स्वास्थ्य निधि के साथ हेल्थ ऑडिट पर मुख्य सचिव ने कहा कि जिन लोगों में लक्षण मिले हैं, उनके सैंपल लेकर जांच की जाए। मुख्य सचिव ने डिप्टी कमिश्नरों को आरोग्य सेतु एप को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए कहा कि अगर किसी को जरूरत नहीं है तो उसे राज्य के बाहर जाने की अनुमति न दी जाए।


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