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जम्मू कश्मीर में दो सीआइआइटी केंद्र बनेंगे, टाटा टेक्नोलॉजीस के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर

राज्य सरकार इन सेंटरों को स्थापित करने के लिए जगह उपलब्ध करवाएगी। वहीं टाटा टेक्नोलॉजीस इंडस्ट्रियल हार्डवेयर औजार उपकरण व मशीनरी उपलब्ध करवाएगा।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 30 Apr 2020 11:00 AM (IST)Updated: Thu, 30 Apr 2020 11:00 AM (IST)
जम्मू कश्मीर में दो सीआइआइटी केंद्र बनेंगे, टाटा टेक्नोलॉजीस के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर
जम्मू कश्मीर में दो सीआइआइटी केंद्र बनेंगे, टाटा टेक्नोलॉजीस के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर

जम्मू, राज्य ब्यूरो: जम्मू कश्मीर में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार सेंटर फॉर इन्वेंशन, इनोवेशन, इंक्यूबेशन एंड ट्रेनिंग (सीआइआइआइटी) के दो केंद्र स्थापित करेगी। इसके लिए टाटा टेक्नोलॉजीस के साथ आपसी सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

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इन दोनों केंद्र को स्थापित करने पर करीब 360 करोड़ रुपये खर्च आएगा, जिसमें टाटा टेक्नोलॉजीस 300 करोड़ रुपये खर्च करेगा। एक केंद्र सरकारी पॉलीटेक्निक कॉलेज जम्मू और दूसरा पॉलीटेक्निक कॉलेज बारामुला में खोला जाएगा। इन केंद्रों से नजदीकी कॉलेजों और लघु व मध्यम उद्योग को वर्कशाप की सुविधा भी मिलेगी। जम्मू कश्मीर में इन दोनों केंद्रों की स्थापना से तकनीकी शिक्षा में अकादमिक और प्रशिक्षण के पाठ्यक्रम को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। खोज करने वालों को नए उत्पादों को विकसित करने में भी मदद मिलेगी और तकनीक के स्टार्टअप को बढ़ावा मिलेगा। प्रत्येक केंद्र में 18 कोर्स शुरू किए जाएंगे और 1825 सीटों की क्षमता होगी। राज्य सरकार इन सेंटरों को स्थापित करने के लिए जगह उपलब्ध करवाएगी। वहीं, टाटा टेक्नोलॉजीस इंडस्ट्रियल हार्डवेयर, औजार, उपकरण व मशीनरी उपलब्ध करवाएगा।

जम्मू व बारामुला के पॉलीटेक्निक कॉलेज प्रतिष्ठित संस्थान बन जाएंगे: उपराज्यपाल जीसी मुर्मू की उपस्थिति में तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव नवीन कुमार चौधरी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए टाटा टेक्नोलॉजीस लिमिटेड के प्रेजीडेंट आनंद भाडे के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए। उपराज्यपाल ने इसे ऐतिहासिक एमओयू करार देते हुए कहा कि जम्मू व बारामुला के पॉलीटेक्निक कॉलेज कौशल विकास के प्रतिष्ठित संस्थान बन जाएंगे। प्रशिक्षण के बाद विद्यार्थियों की प्लेसमेंट होगी। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट पर निर्धारित समय में काम पूरा होना चाहिए ताकि पहले बैच की ट्रेङ्क्षनग को जुलाई के अंत में शुरू हो सके। इंडस्ट्री और संस्थान के बीच तालमेल का यह बेहतर उदाहरण है। इससे रोजगार के साधन बढ़ेंगे।

टाटा टेक्नोलॉजीस तीन साल तक ट्रेन दि ट्रेनर कार्यक्रम के जरिए देगी ट्रेनिंग: उपराज्यपाल ने कहा कि पॉलीटेक्निक कॉलेजों के अध्यापकों की कार्य क्षमता बढ़ाने के प्रयास किए जाने चाहिए। टाटा टेक्नोलॉजीस तीन साल तक ट्रेन दि ट्रेनर कार्यक्रम के जरिए विद्यार्थियों को ट्रेङ्क्षनग देगी। अगले कुछ वर्षों में अन्य पॉलीटेक्निक कॉलेजों में भी कौशल विकास को बढ़ावा दिया जाएगा। वहीं, नवीन कुमार चौधरी ने कहा कि कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए यह एक अहम कदम है।  


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