Jammu Kashmir : जनजातीय छात्रों को मिलेंगे नए छात्रावास, माडल स्कूल और विशेष छात्रवृत्ति
सीजनल केंद्रों में नामांकित छात्रों के लिए विशेष छात्रवृत्ति योजना तैयार करने के लिए गठित समिति की रिपोर्ट की भी समीक्षा की गई। लड़कों के लिए 450 रुपये और छात्राओं के लिए 675 रुपये के मौजूदा स्लैब की जगह नई योजना में 2400 रुपये तक की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी।
जम्मू, जागरण संवाददाता : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के निर्देश पर जनजातीय छात्रों के लिए 20 नए छात्रावास की स्थापना, माडल आवासीय विद्यालय और विशेष छात्रवृत्ति योजना शुरू की जा रही है। श्रीनगर में शुक्रवार को हुई बैठक में इस प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया गया।
जनजातीय मामलों के विभाग के सचिव डा. शाहिद इकबाल चौधरी ने बैठक की अध्यक्षता की। इसमें विशेष सचिव मोहम्मद हारून, निदेशक जनजातीय मामले मुशीर अहमद मिर्जा, सचिव सलाहकार बोर्ड मुख्तार अहमद, संयुक्त निदेशक योजना शमा उन अहमद, उप निदेशक डा. अब्दुल खबीर, नोडल अधिकारी अरशद हुसैन और मुख्तार अहमद सहित अन्य ने भाग लिया।
चालू वित्त वर्ष में 3,000 छात्रों की प्रवेश क्षमता वाले 20 नए छात्रावासों की स्थापना को मंजूरी दी गई है। इसके लिए संबंधित जिला प्रशासन द्वारा राज्य की भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। सरकार ने दो वर्ष में आदिवासी छात्रों के लिए 50 नए छात्रावास स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
सीजनल केंद्रों में नामांकित छात्रों के लिए विशेष छात्रवृत्ति योजना तैयार करने के लिए गठित समिति की रिपोर्ट की भी समीक्षा की गई। लड़कों के लिए 450 रुपये और छात्राओं के लिए 675 रुपये के मौजूदा स्लैब की जगह नई योजना में 2400 रुपये तक की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। नई योजना से 1200 सीजनल शैक्षिक केंद्रों में 34 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं को लाभ होगा। इससे जनजातीय छात्रों के बीच शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। वर्दी, स्कूल बैग, खेल सामग्री और शिक्षण सामग्री से संबंधित अतिरिक्त सहायता पर भी चर्चा की गई।
इस बीच, 10 नए एकलव्य माडल आवासीय विद्यालयों की भी सिफारिश की गई है, जबकि इस महीने छह ईएमआरएस चालू किए जा रहे हैं, जिनमें अनंतनाग, कुलगाम, बांडीपोरा, पुंछ में एक और राजौरी में दो शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि जिला ईएमआरएस समिति, अनंतनाग ने बोर्डिंग स्कूल का संचालन किया है, जबकि अन्य जिले अंतिम चरण में हैं।
नए ईएमआरएस की स्थापना के लिए जिलों को जमीन उपलब्ध कराने को भी कहा गया है। डा. शाहिद ने अधिकारियों को जिला प्रशासन और क्षेत्रीय विभागों के साथ प्रभावी समन्वय के लिए नई परियोजनाओं को समय पर शुरू करने और स्मार्ट स्कूलों सहित चल रही शैक्षिक परियोजनाओं के कार्यान्वयन को समयबद्ध तरीके से सुनिश्चित करने के लिए कहा।