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जम्मू कश्मीर की सड़कों पर कल से फिर दौड़ते नजर आएंगे यात्री वाहन

बुधवार से जम्मू संभाग में सभी यात्री वाहन चलेंगे। शत-प्रतिशत सवारियों के साथ वाहनों को चलाने की मंजूरी मिलने के बाद अब यात्री वाहनों को कोविड दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए सड़कों पर चलाया जाएगा। आल जेएंडके ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन ने मंगलवार को यह घोषणा की।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Tue, 01 Jun 2021 07:32 PM (IST)Updated: Tue, 01 Jun 2021 07:32 PM (IST)
बुधवार से सभी प्रकार के वाहन यात्रियों को बैठा सकेंगे।

जम्मू, जागरण संवाददाता : बुधवार से जम्मू संभाग में सभी यात्री वाहन चलेंगे। शत-प्रतिशत सवारियों के साथ वाहनों को चलाने की मंजूरी मिलने के बाद अब यात्री वाहनों को कोविड दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए सड़कों पर चलाया जाएगा।

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आल जेएंडके ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन ने मंगलवार को यह घोषणा की। एसोसिएशन के प्रधान विजय ने कहा कि ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने बातचीत के बाद हमने सभी वाहनों को शत-प्रतिशत सवारियों के साथ चलाने की घोषणा की है। बुधवार से सभी प्रकार के वाहन यात्रियों को बैठा सकेंगे। अलबत्ता सभी वाहन चालकों को कोविड दिशा-निर्देशों के मद्देनजर किसी भी सवारी को बिना मास्क के नहीं बैठने देने के लिए कहा गया है। इतना ही नहीं सुबह वाहनों को सैनिटाइज, धोने के बाद चलाने के लिए भी कह दिया गया है।

उनका कहना है कि फिलहाल सवारियां नहीं हैं। करीब पंद्रह दिन लग जाएंगे, तब जाकर रूटीन बनेगी। शहर में चार हजार के करीब मिनी बसें हैं। इतनी सवारियां फिलहाल नहीं होंगी। लिहाजा सभी वाहनों को चलाकर खर्च निकाल पाना अभी भी मुश्किल है। छोटे रूट्स पर यात्री वाहनों को पचास प्रतिशत क्षमता के साथ चलाया जा सकता है लेकिन इसके लिए सरकार से फिर बैठक करेंगे। उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने जल्द ही उपराज्यपाल से भेंट करवाने का भरोसा दिलाया है। उनसे ट्रांसपोर्टरों की अन्य मांगों को भी उठाया जाएगा। फिलहाल जनजीवन को पटरी पर लाने के लिए सभी वाहनों को चलाने का फैसला लिया गया है। बुधवार से वाहनों को सड़कों पर उतार दिया जाएगा। सभी जिलों में वाहनों की आवाजाही शुरू हो जाएगी। चिब का कहना है कि लोग डरे हुए हैं। वैसे ही घरों से बाहर नहीं निकल रहे। लगता नहीं कि शत-प्रतिशत सवारी मिलेगी। अगले पंद्रह दिन तक धीरे-धीरे स्थिति ठीक होगी। तभी वाहन मालिकों को भी थोड़ी राहत महसूस होगी।

22 अप्रैल से हड़ताल पर थे ट्रांसपोर्टर

लॉकडाउन लगने से पहले 22 अप्रैल को ट्रांसपोर्टरों ने 50 प्रतिशत सवारियों के साथ वाहन चलाने के सरकार के फैसले का विरोध किया था। उसके बाद ट्रांसपोर्ट हड़ताल पर चले गए। अब डेढ़ महीने बाद मिनी बसें, बसें, टैक्सी, टैंपो ट्रेवलर्स सड़कों पर उतरेंगे। ट्रांसपोर्टरों ने 50 प्रतिशत सवारियों के साथ पुराने किराए पर वाहनों को चलाने से मना कर दिया था। अब सरकार ने शत-प्रतिशत सवारियां बैठाने की अनुमति दी है।

पटरी पर लौटेगी जिंदगी

यात्री वाहनों के नहीं चलने के कारण अनलॉक होने के बावजूद लोग अपने गंतव्यों तक नहीं पहुंच पा रहे थे। कामकाज पर जाने वालों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। बेशक फैक्ट्रियां, शोरूम व अन्य कामकाज शुरू हो चुके है लेकिन वाहनों के नहीं चलने से परेशानी बनी हुई थी। लोग चाहते थे कि जल्द वाहनों को चलाया जाए ताकि वे कामकाज पर जा सकें। अब वाहनों के चलने से जिंदगी पटरी पर लौटना शुरू हो जाएगी। लाेग कामकाज तक पहुंच पाएंगे।


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