रावी पर पुल बनते ही सरपट दौड़ेंगी ट्रेनें, 2021 तक बन जाएगा यह पुल
अब सिर्फ स्टील की पटरी बिछाने का कार्य बचा है। इसका भी टेंडर हो चुका है। रेलवे इंजीनियर निर्माण कार्य जल्द शुरू होने का दावा कर रहे हैं।
राकेश शर्मा, कठुआ। रेलवे विस्तारीकरण में सबसे अहम जम्मू-पठानकोट रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण परियोजना में कई सालों से मुख्य बाधा लखनपुर के पास रावी दरिया पर निर्माणाधीन पुल है। अब इस पुल का निर्माण कार्य जोरों पर है। इस पुल के निर्माण पर 54 करोड़ रुपये की लागत आएगी। रेलवे निर्माण के इंजीनियरों के अनुसार मार्च 2021 तक इस मार्ग पर दोहरीकरण कार्य में मात्र बचे इस पुल का निर्माण भी हो जाएगा। उसके बाद पांच दशक से सिंगल ट्रैक डबल हो जाएगा। इससे जम्मू-पठानकोट के बीच प्रतिदिन हजारों यात्रियों को रेल यात्रा करने की बड़ी सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर में पर्यटकों की आमद बढ़ने से व्यापार में काफी वृद्धि होगी। इससे केंद्र शासित जम्मू कश्मीर की समाजिक, आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।
डबल ट्रैक होने से इस ट्रैक पर दौड़ने वाली ट्रेनों की संख्या कई गुना बढ़ जाएगी। इससे यात्रियों की संख्या भी बढ़ेगी। साथ ही यात्रियों को पूरा दोनों दिशाओं में रेल यात्रा की सुविधा मिलना शुरू हो जाएगी। मौजूदा समय में इस रेलवे ट्रैक पर यात्रियों को सुबह और शाम के समय में एक ही दिशा में रेल यात्रा की सुविधा मिलेगी। इसके चलते जम्मू कश्मीर में रावी दरिया पर निर्माणाधीन रेल पुल का कार्य काफी महत्वपूर्ण है, जिस पर उत्तर भारत के रेलवे अधिकारियों एवं इंजीनियरों की हर पल नजरें टिकी हुई हैं कि कब पुल तैयार हो और इस डबल ट्रैक पर 24 घंटे ट्रेन दौड़ने का सपना साकार हो। 800 मीटर लंबे पुल के सभी पिलर तैयार मौजूदा समय में करीब 800 मीटर लंबे इस पुल के निर्माण में दरिया में सभी पिलर तैयार हो चुके हैं।
अब सिर्फ स्टील की पटरी बिछाने का कार्य बचा है। इसका भी टेंडर हो चुका है। रेलवे इंजीनियर निर्माण कार्य जल्द शुरू होने का दावा कर रहे हैं। पुल निर्माण कार्य के साथ लखनपुर हाईवे पर भी फ्लाई ओवर बन चुका है। हालांकि, दरिया में पिलर तैयार करने में काफी समय लगा है। ज्यादा गहराई और हर समय पानी होने के कारण पिलर तैयार करने में इंजीनियरों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी है। अब सभी पिलर तैयार हो चुके हैं। अब सिर्फ ऊपर स्टील की पटरी बिछाने का कार्य बचा है।
रेलवे मार्ग पर ट्रेनों की बढ़ेगी संख्या पठानकोट से लेकर जम्मू तक पूरा रेलवे मार्ग दोहरीकरण हो चुका है, सिर्फ लखनपुर से माधोपुर बीच रावी दरिया वाले करीब 800 मीटर हिस्से पर अभी तक सिंगल पुल है। इसके कारण पठानकोट-लखनपुर तक अभी भी कई बार क्रॉ¨सग पड़ने से ट्रेनों की आवाजाही सुचारु नहीं हो पा रही है। ऐसे में जारी रावी दरिया पर नये पुल का निर्माण इस रेलवे मार्ग पर कितना महत्व रखता है। इसका साफ अंदाजा लगाया जा सकता है। पुल के बनने से जम्मू-पठानकोट के बीच ट्रेनों की संख्या भी बढ़ेगी। डीएमयू की भी संख्या बढ़ेगी। अभी दो ही डीएमयू चलती हैं। इससे स्थानीय लोगों को रेल सफर करने की सुविधा मिलेगी।
अभी तक यात्रियों को सिंगल रूट के कारण सुबह शाम ही एक-एक दिशा में यात्रा करने की सुविधा है। इसमें शाम के समय पठानकोट से जम्मू के लिए कोई ट्रेन नहीं चलती है,क्योंकि सिंगल ट्रैक के कारण उस समय एक दिशा में जम्मू से पठानकोट के लिए ट्रेनें रवाना की जाती है। यहीं स्थिति सुबह होती है। दिल्ली या अन्य राज्यों से पठानकोट से होकर आने वाली सभी सुबह के समय ही जम्मू के लिए रवाना होती है। ऐसी स्थिति ¨सगल रूट होने के कारण है। अब डबल होने से ट्रेनों की संख्या बढ़ने से यात्रियों की संख्या भी बढ़ेगी और इसका लाभ ट्रैक के आसपास काम करने वाले लोगों को भी होगा। सबसे अहम श्रीनगर तक सरकार के रेल विस्तारकीरण कार्य को भी बढ़ावा मिलेगा,जो सिंगल रूट होने से कम संख्या में ट्रेनों की आवाजाही व श्रीनगर तक रेलवे प्रोजेक्ट से जुड़े सामान पहुंचाने के कारण प्रभावित हो रहा है।
जम्मू-जालंधर रेल ट्रैक दोहरीकरण परियोजना के कार्य में अब सिर्फ लखनपुर-माधोपुर में पड़ने वाले रावी दरिया पर पुल का निर्माण बचा है, जिसका कार्य तेजी से जारी है। इसका निर्माण वर्ष 2017 में शुरू हुआ था और मार्च 2020 तक निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन दरिया में पानी ज्यादा होने के कारण कुछ देरी हुई है। अब निर्माण कार्य तेजी से जारी है और मार्च 2021 में पुल बन कर तैयार हो जाएगा। इसके निर्माण पर 54 करोड़ खर्च होंगे। - अर्मेंद्र कुमार, डिप्टी इंजीनियर, कंस्ट्रक्शन, रेलवे जम्मू डिवीजन