Zanskar Festival : जंस्कार के प्राकृतिक सौंदर्य से रोमांचित हुए पर्यटक, फिर आने का वायदा कर लौटे
जंस्कार के पदम में वाइट वाटर राफ्टिंग याक की सैर लोकनृत्यों का आनंद उठाने के साथ पर्यटक क्षेत्र के खानाबदोश जीवन से भी प्रभावित हुए। वीरवार को दो दिवसीय डिस्कवर जंस्कार महोत्सव संपन्न होने पर पर्यटक जंस्कार के लोगों से फिर आने का वादा कर लौटे।
जम्मू, राज्य ब्यूरो । लद्दाख के कारगिल जिले में जंस्कार की समृद्ध संस्कृति व प्राकृतिक सौंदर्य ने देश, विदेश से आए पर्यटकों का दिल जीत लिया।
जंस्कार के पदम में वाइट वाटर राफ्टिंग, याक की सैर, लोकनृत्यों का आनंद उठाने के साथ पर्यटक क्षेत्र के खानाबदोश जीवन से भी प्रभावित हुए। वीरवार को दो दिवसीय डिस्कवर जंस्कार महोत्सव संपन्न होने पर पर्यटक जंस्कार के लोगों से फिर आने का वादा कर लौटे।
लद्दाख में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आजादी का अमृ़त महोत्सव के तहत आयोजित इस महोत्सव में कारगिल हिल काउंसिल के चीफ एग्जीक्यूटिव काउंसिलर फिरोज खान के साथ पर्यटन विभाग के सचिव महबूब अली खान व पदम के काउंसिलर फुंचुक ताशी ने भी हिस्सा लिया। पर्यटकों के उत्साह को देखते हुए फिरोज खान ने उम्मीद जताई कि अब वह दिन दूर नही है जब जंस्कार, कारगिल जिले में पर्यटन गतिविधियों का केंद्र बिंदु होगा।
जंस्कार के पदम में आयोजित इस समारोह मेें सैलानी सबसे अधिक लद्दाख के खानाबदोश समुदाय के जीवन से प्रभावित हुए। जंस्कार में सर्दियों के महीनों में तापमदान शून्य से तीस डिग्री नीचे तक चला जाता है।
लद्दाख के खानाबदोश लोग माल मवेशी के साथ एक जगह से दूसरी जगह पलायन करते रहते हैं। लद्दाख में पाए जाने वाले पशु याक का उनके जीवन में बहुत महत्व है। गुजरात से परिवार के सदस्यों के साथ आए गौरव पटेल का कहना था कि जंस्कार की खूबसूरती अदभुत है। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों ने पर्यटकों का स्वागत करने में अपना पूरा उत्साह दिखाया।
पदम में इस महोत्सव का आयोजन देश की स्वतंत्रता के 75वें साल के उपलक्ष्य में किया गया था। यह आजादी का अमृृत महोत्सव के तहत लद्दाख में आयोजित छठा महोत्सव था। इसका आयोजन लद्दाख कला, भाषा एवं संस्कृति अकादमी की ओर से किया गया।
पर्यटकों को पदम लाने व उन्हें वहां पर ठहराने के लिए प्रशासन की सहयोग से बंदोबस्त किए गए थे। महोत्सव के दौरान पर्यटकों के लिए जंस्कार नदी में वाइट वाटर राफ्टिंग, तीरअंदाजी, घुड़दौड़, याक की सवारी फिट इंडिया दौड़ के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। संगीत कार्यक्रमों के आयोजन करने के साथ कला एवं संस्कति को प्रोत्साहन देने के लिए स्टाल भी लगाए गए थे।