पंजाब में किसान आंदोलन के चलते वैष्णो देवी में घटी चहल-पहल, पर्यटकों की संख्या में आई भारी गिरावट; 40 ट्रेनें रद
Rail Roko Andolan जम्मू कश्मीर में पंजाब आंदोलन का असर दिखाई दे रहा है। जम्मू में मई और जून माह में सीजन पीक पर रहता है और जून अंत में अमरनाथ यात्रा शुरू होने से यह सिलसिला जुलाई तक जारी रहता है लेकिन इस बार दिक्कत है। पंजाब के किसान आंदोलन के कारण जम्मू में रेल यातायात पिछले एक महीने से बुरी तरह से प्रभावित है।
जागरण संवाददाता, जम्मू। Rail Roko Andolan: मंदिरों के शहर जम्मू में मई के महीने में गर्मी का सीजन शुरू हो जाता है। देश के विभिन्न हिस्सों में सीबीएसई स्कूलों में गर्मी की छुट्टी होते ही श्रद्धालु श्री माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आते हैं।
इसके चलते जम्मू में भी श्रद्धालुओं की चहल-पहल बढ़ जाती है। जम्मू में मई और जून माह में सीजन पीक पर रहता है और जून अंत में अमरनाथ यात्रा शुरू होने से यह सिलसिला जुलाई तक जारी रहता है, लेकिन इस बार दिक्कत है।
किसान आंदोलन के चलते रेल मार्ग ठप
मई महीने का पहला पखवाड़ा बीत चुका है, लेकिन पहले ही तरह श्रद्धालुओं ने जम्मू का रुख नहीं किया है। पर्यटन उद्योग से जुड़े लोग इसके लिए पंजाब में जारी किसान आंदोलन की वजह से रेल यातायात प्रभावित होने को मुख्य कारण मान रहे हैं। पिछले एक महीने से पंजाब में किसान रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे रेल यातायात बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। हर दिन जम्मू आने वाली तीन से चार ट्रेनें रद हो रही हैं, जबकि शेष ट्रेनें भी घंटों देर से पहुंच रही है।
12 घंटे के सफर में लग रहे 22 घंटे
12 घंटे के सफर में 20 से 22 घंटे लग रहे हैं। इस कारण यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज हुई है और लोग ट्रेन से सफर करने से परहेज कर रहे हैं। जम्मू शहर के ऐतिहासिक रघुनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं के आने की बात करें तो यहां सामान्य रूप से रोजाना 500 से 700 श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं और मई महीने में यह संख्या बढ़कर एक से डेढ़ हजार तक पहुंच जाती है।
श्रद्धालुओं की संख्या में नहीं दिखी कोई वृद्धि
श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने से क्षेत्रीय दुकानदारों को भी रोजगार मिलता है लेकिन इस बार अभी तक श्रद्धालुओं की संख्या में कोई वृद्धि नहीं देखी गई। अलबत्ता गिरावट अवश्य दर्ज की गई है। पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों के अनुसार अगर यहीं हाल रहा तो इस साल का गर्मियों का सीजन पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा क्योंकि मई के महीने शहर के होटलों में कमरे बुक होना शुरू हो जाते हैं लेकिन इस बार अधिकतर होटल पूरी तरह से खाली पड़े हुए हैं।
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देश के अधिकांश राज्यों में मई माह में स्कूलों में छुट्टियां हो जाती हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा श्रद्धालु इसी मौसम में मां वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आते हैं। जून तक यह सिलसिला चलता है। उसके बाद अमरनाथ यात्रा शुरू हो जाती है। ऐसे में गर्मी और बरसात के मौसम में जम्मू शहर में भी कारोबार अच्छा होता है।
किसान आंदोलन की वजह से रेल यातायात प्रभावित होने से होटल खाली पड़े हैं। अब अमरनाथ यात्रा के दौरान भी अधिकतर श्रद्धालु सीधे कश्मीर से यात्रा आरंभ करते हैं। इस कारण जम्मू को बहुत नुकसान हो रहा है। -पवन गुप्ता, प्रधान आल जम्मू होटल एंड लाज एसोसिएशन
देश के अन्य हिस्सों में स्कूलों में छुट्टियां शुरू होते ही चहल-पहल शुरू हो जाती थी, लेकिन पंजाब के किसान आंदोलन ने जम्मू में कारोबार की कमर तोड़कर रख दी है। किसी भी बाजार में चले जाइए या रघुनाथ जी मंदिर को ही लें, पर्यटक बिल्कुल नदारद हैं। कारोबार ठप पड़ा हुआ है। कश्मीर का पर्यटक तो वैसे भी जम्मू में कम ही आता है। श्री माता वैष्णो देवी यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं से ही कुछ श्रद्धालु जम्मू आते थे। अब ट्रेन सीधे कटड़ा पहुंचने से इनकी संख्या भी कम हो गई है। अगर पंजाब का किसान आंदोलन एक माह चला तो जम्मू का गर्मी का सीजन बर्बाद होना तय है।-संजय गुप्ता, प्रधान, रघुनाथ बाजार बिजनेसमैन एसोसिएशन
पंजाब में किसान आंदोलन का जम्मू की अर्थ व्यवस्था पर भी असर पड़ रहा है। इससे केवल पर्यटन उद्योग ही प्रभावित नहीं हो रहा, सारे कारोबार पर असर पड़ रहा है। जम्मू की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर टिकी है। अगर पर्यटक ही नहीं आएंगे तो हर तरफ इसका प्रभाव पड़ेगा। हर सेक्टर एक दूसरे के साथ जुड़ा है। स्थानीय बाजार इन दिनों ग्राहकों की राह ताक रहे हैं। इन दिनों शादी का सीजन बंद है। ऐसे में बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों से खरीदारी की कुछ उम्मीद रहती है, लेकिन इस बार यह भी देखने को नहीं मिल रहा। रेल यातायात अगर इसी तरह प्रभावित रहा तो हालात और खराब होंगे।-मुनीष महाजन, वरिष्ठ उपप्रधान, ट्रेडर्स फेडरेशन, वेयर हाउस-नेहरू मार्केट
एक माह में 40 ट्रेनें रद
पंजाब के किसान आंदोलन के कारण जम्मू में रेल यातायात पिछले एक महीने से बुरी तरह से प्रभावित है। जम्मू पहुंचने वाली हर ट्रेन 10 से 12 घंटे देरी से पहुंच रही है। इस कारण ट्रेनें देरी से रवाना भी हो रही है। रोजाना जम्मू आने वाली तीन से चार ट्रेनें रद हो रही है। एक माह में करीब 40 ट्रेनें रद हो चुकी हैं। ट्रेनों की यह लेटलतीफी और रद होने की समस्या फिलहाल हल होती भी नजर नहीं आ रही।