स्वास्थ्य क्षेत्र में आ रही चुनौतियों से निपटने के लिए शोध जरूरी
उन्होंने कहा कि खोज बहुत जरूरी है और मौजूदा दौर में स्वास्थ्य के क्षेत्र में आ रही चुनौतियों के मद्देनजर रिसर्च पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च के इंस्टीट्यूट ऑफ माइक्रोबायल टेक्नोलॉजी (सीएसआइक्षर-आइएमटेक) चंडीगढ़ के डायरेक्टर डॉ. अनिल कौल ने जम्मू विश्वविद्यालय के स्कॉलरों से कहा कि वे आम लोगों की समस्याओं का समाधान शोध करके निकालें। नई खोजों से हम समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।
जम्मू विश्वविद्यालय के यूजीसी एचआरडी सेंटर की तरफ से राष्ट्रीय उच्चत्तर शिक्षा अभियान के तहत लेक्चर सीरीज में सीएसआइआर-आइएमटेक चंडीगढ़ के डायरेक्टर डॉ. अनिल कौल ने लेक्चर दिया। टीबी के लिए नई ड्रग और स्वास्थ्य के क्षेत्र में खोज की भूमिका पर डॉ. अनिल कौल ने कहा कि इसके लिए नया ड्रग बेडाक्यूलीन की खोज की गई है। पिछले 45 वर्ष में पहली बार यह ड्रग मंजूर हुआ है। सन फार्मा रिसर्च अवार्ड, जानसन मैडल और स्विस टीबी पुरस्कार से सम्मानित डॉ. कौल ने नए ड्रग की खोज के विभिन्न पहलुओं को उजागर किया।
उन्होंने कहा कि खोज बहुत जरूरी है और मौजूदा दौर में स्वास्थ्य के क्षेत्र में आ रही चुनौतियों के मद्देनजर रिसर्च पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि रिसर्स का स्तर ठीक होगा तभी प्रतिभाएं आगे बढ़ेंगी और देश का नाम दुनिया में रोशन करेंगी। जम्मू विश्वविद्यालय के वीसी प्रो. मनोज धर ने कहा कि विश्वविद्यालय और सीएसआइआर के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हो जाने से विश्वविद्यालय में रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा। स्कॉलरों और विद्यार्थियों को रिसर्च की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के संस्थानों से संपर्क किया जा रहा है।
विश्वविद्यालय और सीएसआइआर आइएमटेक नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करेंगे। डॉ. अनिल कौल और वाइस चांसलर मनोज धर ने एमओयू पर हस्ताक्षर भी किए। इससे पहले एचआरडीसी के डायरेक्टर राहुल गुप्ता ने लेक्चर देने वाले वक्ताओं का परिचय करवाया। रंजीत कालरा ने धन्यवाद पेश किया। सीएसआइआर आइएमटेक के वैज्ञानिक डॉ. रमन प्रकाश भी उपस्थित थे।