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जम्मू संभाग के 32 अस्पतालों में तीन मोर्चो पर कोरोना का इलाज

मरीजों में संक्रमण की स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलग-अलग स्तर पर उपचार का किया है इंतजाम -------------- यह है त्रिस्तरीय व्यवस्था प्रथम स्तर तीन अस्पतालों में गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए वेंटीलेटर की व्यवस्था द्वितीय स्तर सात अस्पतालों में 725 आइसोलेशन बिस्तरों की क्षमता तृतीय स्तर 22 अस्पतालों में सात हजार से अधिक बिस्तरों की क्षमता ---------------

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 10:31 AM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 10:31 AM (IST)
जम्मू संभाग के 32 अस्पतालों में तीन मोर्चो पर कोरोना का इलाज

रोहित जंडियाल, जम्मू

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कोरोना वायरस के मरीजों में संक्रमण की स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने इनके इलाज के लिए तीन तरह के अस्पतालों की व्यवस्था की है। पहले स्तर के अस्पतालों में सबसे अधिक गंभीर मरीजों का इलाज किया जा रहा है। मरीजों के इलाज के लिए अस्पतालों की यह त्रिस्तरीय व्यवस्था कोरोना को हर स्तर पर हराने के लिए की गई है। इतना ही नहीं, संक्रमण के फैलाव और मरीजों के इलाज पर सरकार हर स्तर पर नजर रख रही है। प्रबंधों की समीक्षा नियमित हो रही है। सरकार का पूरा ध्यान त्रिस्तरीय अस्पतालों में आइसोलेशन बिस्तर और क्वारंटाइन केंद्रों की क्षमता बढ़ाने पर है। इसके लिए वेंटीलेटर से लेकर पीपीई किट, मास्क और ट्यूब खरीदी जा रही हैं।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार कोरोना को काबू पाने के लिए वर्तमान में अस्पतालों को तीन स्तर पर बांटा गया है। जम्मू संभाग में प्रथम स्तर पर सिर्फ तीन अस्पतालों को ही रखा गया है। इनमें आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं। इनमें गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों को रखा जाएगा। इन अस्पतालों में वेंटीलेटर तक की व्यवस्था है। द्वितीय स्तर के सात अस्पताल हैं। इनमें 725 आइसोलेशन बिस्तरों की क्षमता है। गंभीर से कुछ निचली स्थिति वाले मरीजों को इलाज इन्हीं अस्पतालों में किया जा रहा है। तीसरे स्तर पर सबसे अधिक 22 अस्पताल बनाए गए हैं। इनमें सात हजार से अधिक बिस्तरों की क्षमता है। इन अस्पतालों में संदिग्ध मरीजों या फिर दूसरे राज्यों से आने वाले कुछ लोगों को भी रखा जा रहा है। कश्मीर संभाग में भी ऐसी ही व्यवस्था: कश्मीर संभाग में तीनों स्तर के अस्पतालों की व्यवस्था की गई है। कश्मीर में ऐसे अस्पतालों में करीब नौ हजार बिस्तर बनाए गए हैं। यही नहीं, वेंटीलेटर भी पर्याप्त मात्रा में अस्पतालों में लगाए गए हैं।

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प्रत्येक स्तर पर कौन से हैं अस्पताल

लेवल एक

जीएमसी अस्पताल जम्मू : 33 बिस्तर

एसएमजीएस अस्पताल जम्मू : 14

नारायणा सुपर स्पेशलिटी, कटड़ा : 15 लेवल दो

गांधीनगर अस्पताल जम्मू : 230

सीडी अस्पताल जम्मू : 140

जीएमसी अस्पतालडोडा : 45

नर्सिग होम : 288

जीएमसी राजौरी : 20

जीएमसी कठुआ : 30

एस्काम जम्मू : 100

सीआरपीएफ अस्पताल बनतालाब : 100 लेवल तीन

मनोरोग अस्पताल जम्मू : 70

सीएचसी आरएसपुरा : 40

सीएचसी बिश्नाह : 30

वैष्णवी धाम, जम्मू: 175

सरस्वती धाम जम्मू : 190

आर्मी पब्लिक स्कूल दोमाना : 190

यात्री निवास भगवती नगर : 300

जीएनएम स्कूल अखनूर : 50

जिला पुंछ : 215

जिला राजौरी : 530

जिला डोडा : 1260

जिला कठुआ : 350

जिला सांबा : 1042

जिला रियासी : 731

जिला रामबन: 518

जिला ऊधमपुर : 1023

जिला किश्तवाड़ : 502

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प्रशासनिक क्वारंटाइन बिस्तर : 30092

आइसीयू बिस्तर : 97

वेंटीलेटर : 92

ट्रांसपोर्ट वेंटीलेटर : 23

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कश्मीर संभाग

आइसोलेशन बिस्तर : 8811

आइसीयू बिस्तर : 299

वेंटीलेटर : 156

ट्रांसपोर्ट वेंटीलेटर : 81

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किट, मास्क की कमी नहीं

जम्मू कश्मीर के अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टरों के लिए पर्याप्त किट खरीदी गई हैं। वहीं, मास्क व अन्य सामान की भी किल्लत नहीं है। जम्मू कश्मीर के स्वास्थ्य संस्थानों में इस समय 71799 पीपीई किट हैं। वहीं, 71933 एन-95 मास्क हैं। इसके अलावा सात लाख 18 हजार ट्रिपल लेयर मास्क, डेढ़ लाख सैनिटाइजर और 83834 वीटीएम किट हैं। गोदामों में 30 हजार पीपीई किट, 22 हजार एन-95 मास्क, ढाई लाख ट्रिपल लेयर मास्क, साढ़े छह हजार सैनिटाइजर और 17 हजार वीटीम हैं। नए मेडिकल कॉलेजों में होंगे टेस्ट

सरकार ने नए मेडिकल कॉलेजों में भी जांच की सुविधा शुरू करने की योजना बनाई है। डोडा, राजौरी, कठुआ, बारामुला व अनंतनाग के मेडिकल कॉलेजों में आरटी-पीसीआर टेस्ट के लिए मशीनें खरीदी जा रही हैं।

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अस्पतालों में किसी प्रकार की कमी नहीं है। सभी सामान की खरीदारी हो रही है। केंद्र सरकार से भी सामान आ रहा है। टेस्ट में कोई परेशानी न हो, इसके लिए पहले की लैब में क्षमता बढ़ाने के साथ नए मेडिकल कॉलेजों में भी जांच की सुविधा शुरू करने के लिए मशीनें खरीदी जा रही हैं।

-डॉ. यशपाल शर्मा, प्रबंध निदेशक जम्मू-कश्मीर मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन

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जांच करने में पारदर्शिता नहीं रखने का आरोप

लोगों की सबसे बड़ी शिकायतें समय पर टेस्ट न होना है। उनका कहना है कि उनके सैंपल लेने के बाद गुम हो जाते हैं। जब तक विरोध प्रदर्शन न हो, कोई बताने के लिए तैयार नहीं होता। टेस्ट करने में कोई पारदर्शिता नहीं रखी गई है। पहले आने वालों की रिपोर्ट बाद में आ रही है, जबकि बाद में आने वालों के टेस्ट पहले आ रहे हैं। सोमवार को कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि उनके परिजन हवाई जहाज से जम्मू पहुंचे तो उन्हें नहीं बताया गया कि उन्हें कहां रखना है। उन्होंने जम्मू के होटल में प्रबंध किए थे, लेकिन बाद में बताया गया कि उन्हें कटड़ा ले जाया गया है।


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