Jammu : इस बार बढ़ेगी मशरूम की पैदावार, पहाड़ी क्षेत्रों में भी बढ़ा है रुझान
वहीं जम्मू के पहाड़ों पर ऐसी ऐसी जगहों पर मशरूम उत्पादन किया जाने लगा है जहां पहले कभी इसकी खेती नहीं हुई थी। दरअसल मशीन से बना बनाया कंपोस्ट उपलब्ध होने से मशरूम की खेती की राह आसान हो गई है।
जम्मू, जागरण संवाददाता : इस साल जम्मू संभाग में मशरूम की पैदावार के और बढ़ने की संभावना है। इसका अंदाजा इस बात ये लग रहा है कि नए-नए आधुनिक यूनिट तेजी से स्थापित हो रहे हैं। वहीं जम्मू के पहाड़ों पर ऐसी ऐसी जगहों पर मशरूम उत्पादन किया जाने लगा है, जहां पहले कभी इसकी खेती नहीं हुई थी। दरअसल, मशीन से बना बनाया कंपोस्ट उपलब्ध होने से मशरूम की खेती की राह आसान हो गई है। यही कारण है कि दूर-दूर के क्षेत्रों में भी मशरूम की खेती का प्रचलन बढ़ा है।
अगर सब ठीक रहा तो उम्मीद की जा रही है कि जम्मू संभाग में 16 हजार क्विंटल मशरूम की पैदावार होगी। बढ़ते इन कदमों को देखकर कृषि विभाग ने भी तैयारी की है। इस साल स्पाॅन प्रोडक्शन विंग 80 क्विंटल मशरूम के बीज तैयार करेगा जो कि पिछले साल 70 क्विंटल था। वहीं बाहरी राज्यों से भी बढ़चढ़ कर मशरूम का बीज यहां पहुंचेगा। जम्मू में बटन मशरूम की खेती अभी डेढ़ माह बाद आरंभ होगी। लेकिन पहाड़ों पर इसकी तैयारी चल रही है और जहां मौसम साजगार है, वहां मशरूम की खेती शुरू हो चुकी है।
आने वाले सीजन में बटन मशरूम व ढींगरी मशरूम की खेती होनी है। स्पॉन प्रोडक्शन आफिसर जम्मू अमन ज्योति का कहना है कि मशरूम रोजी रोटी का बेहतर साधन है। इसे छोटे से छोटे स्तर पर भी शुरू किया जा सकता है और बड़े से बड़ा यूनिट भी लगाया जा सकता है। अब तो हाई टेक यूनिट लग रहे हैं जो कि 12 माह मशरूम का उत्पादन देंगे। कुल मिलाकर यह कि आने वाले समय में जम्मू संभाग में मशरूम की अच्छी पैदावार प्राप्त हो सकेगी। उन्होंने कहा कि वैसे भी मिल्की मशरूम आने के बाद अब मशरूम की खेती 12 मासी हो चुकी है। किसान साल भर मशरूम की खेती कर अच्छा पैसा बना सकता है।