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Jammu: बटन मशरूम की अच्छी हो रही पैदावार, इस सीजन पैदावार 16 हजार क्विंटल छूने की उम्मीद

किसान अजय चदगाल का कहना है कि पहले मशरूम की खेती करना कठिन था। कंपोस्ट बनाने के लिए किसानों को 28 दिन की लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था। पहले भूसा को गीला कर उसमें सामग्री मिलाना और समय समय पर भूसा को पलटने की जटिल प्रक्रिया थी।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 01:04 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 01:04 PM (IST)
रोग मुक्त कंपोस्ट मिलने लगा है, इससे पैदावार भी अच्छी मिलती है।

जम्मू, जागरण संवाददाता: जम्मू संभाग में इन दिनों बटन मशरूम की अच्छी पैदावार निकल रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस सीजन पैदावार 16 हजार क्विंटल को छू जाएगी। यह पिछले बरस से दो हजार क्विंटल अधिक होगी। अभी तक जम्मू संभाग से सात हजार क्विंटल मशरूक की पैदावार हो चुकी है। लेकिन अभी सीजन के तीन माह का समय और पड़ा है। ऐसे में उम्मीद है कि इस बचे समय में भरपूर मशरूम किसानों को मिलेगी। पिछले साल महज 14 हजार क्विंटल मशरूम ही जम्मू संभाग से निकल पाई थी।

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विशेषज्ञों का कहना है कि यह सब मशीनी कंपोस्ट के कारण हुआ है। अब मशीन का बना बनाया कंपोस्ट किसानों को मिलने लगा है जिससे अधिक से अधिक किसान मशरूम की खेती के लिए आकर्षित हुए। कृषि विभाग द्वारा तालाब तिल्लो में लगाए गए यूनिट में किसानों को मशीनी कंपोस्ट तो मिल ही रहा है वहीं पंजाब से भी तैयार कंपोस्ट किसानों तक पहुंच रहा है। अब किसानों की दिक्कतें ही दूर हो गई हैं क्योंकि कंपोस्ट का तैयार हुआ लिफाफा किसानों को उपलब्ध होने लगा है। बस शेड में लिफाफे रखने के कुछ दिनों बाद ही मशरूम मिलना आरंभ हो जाती है।

किसान अजय चदगाल का कहना है कि पहले मशरूम की खेती करना कठिन था। कंपोस्ट बनाने के लिए किसानों को 28 दिन की लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था। पहले भूसा को गीला कर उसमें सामग्री मिलाना और समय समय पर भूसा को पलटने की जटिल प्रक्रिया थी। इस कारण कई किसान तो मशरूम की खेती में ही आने से कतराते थे। लेकिन अब राह आसान हो गई हैं। किसानों को मशीन से बना हुआ रोग मुक्त कंपोस्ट मिलने लगा है, इससे पैदावार भी अच्छी मिलती है।

कृषि विभाग के स्पाॅन प्राडक्शन आफिसर अमन ज्योति का कहना है कि मशीन से कंपोस्ट तैयार करने का यूनिट जम्मू के तालाब तिल्लो में तो है ही वहीं कठुआ में भी दो और यूनिट लगने से किसानों की राह आसान हुई। संभाग में मशरूम किसानों की संख्या 1330 से बढ़कर 1500 के पार चली गई। जाहिर है कि अब भरपूर पैदावार आ रही है।  


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