Jammu Srinagar Highway: इस माह भी सभी शुक्रवार को जम्मू-श्रीनगर के बीच नहीं दौड़ सकेंगे वाहन
इस फैसले के मुताबिक 4 11 18 और 25 दिसंबर (सभी शुक्रवार) के दिन जम्मू श्रीनगर हाईवे पर स्लाइडिंग जोन और स्टोन एरिया के साथ सड़क की मरम्मत और रखरखाव करने के हाईवे पर जम्मू से श्रीनगर जाने वाले ट्रैफिक को अनुमति नहीं दी जाएगी।
ऊधमपुर, जागरण संवाददाता: जम्मू श्रीनगर हाईवे के जरूरी रखरखाव और मरम्मत के लिए 16 नवंबर से 30 नवंबर के बीच हर शुक्रवार को हाईवे पर जम्मू से श्रीनगर आने जाने वाले वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद रखे जाने के बाद दिसंबर माह के सभी शुक्रवार को हाईवे को मरम्मत और रखरखाव के लिए बंद रखने का फैसला लिया गया। सरकार के इस फैसले पर वीरवार से अमल भी शुरु हो गया है। दोपहर ट्रकों को ऊधमपुर से आगे जाना रोक दिया गया है और शाम सात बजे के बाद छोटे यात्री वाहनों को भी रोक दिया जाएगा।
बता दें कि ऊधमपुर से लेकर जवाहर सुरंग तक विभिन्न स्थानों पर हाईवे की जर्जर हालत को सुधार कर सर्दियों के मौसम में हाईवे पर यातायात को सुचारू रखने के लिए अक्तूबर के दूसरे पखवाड़े में 16 अक्तूबर से लेकर 30 नवंबर के बीच आने वाले हर शुक्रवार को हाईवे को जम्मू श्रीनगर के बीच चलने वाले ट्रैफिक के लिए पूरी तरह से बंद रखा गया था। पहले निर्धारित समय सीमा के बीच 28 नवंबर को अंतिम शुक्रवार था। जिसके लोगों को लगा था कि अब वह सप्ताह के सभी दिन घाटी आ जा सकेंगे।
मगर सरकार ने अगले शुक्रवार से पहले दिसंबर माह के सभी शुक्रवार को भी रखरखाव के लिए हाईवे को बंद रखने का फैसला लिया है। इस फैसले के मुताबिक 4, 11, 18 और 25 दिसंबर (सभी शुक्रवार) के दिन जम्मू श्रीनगर हाईवे पर स्लाइडिंग जोन और स्टोन एरिया के साथ सड़क की मरम्मत और रखरखाव करने के हाईवे पर जम्मू से श्रीनगर जाने वाले ट्रैफिक को अनुमति नहीं दी जाएगी।
इस बारे में डीएसपी ट्रैफिक ऊधमपुर- रियासी हिम्मत सिंह ने बताया दिसंबर माह के सभी शुक्रवार को भी हाईवे बंद रखने का आदेश आया है। इसके चलते ट्रकों और भारी वाहनों को दोपहर 12 बजे तक चिनैनी नाशरी टनल से दूसरी तरफ निकाल दिया गया। इसके बाद से ट्रकों को ऊधमपुर में जखैनी से आगे जाने की अनुमति नहीं दी जा रही। जबकि छोटे यात्री वाहनों को शाम सात बजे तक जखैनी से आगे जाने की अनुमति दी जाएगी, इसके बाद छोटे यात्री वाहनों को रोक दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि चिनैनी, लाटी सहित लोकल रूटों के अलावा डोडा, किश्तवाड़ जाने वाले वाहनों को जाने दिया जाएगा। यदि आवश्यकता पड़ी तो जरूरत के मुताबिक एक से दो घंटों के लिए डोडा किश्तवाड़ और स्थानीय ट्रैफिक को भी रोक जा सकता है।