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Jammu : राजनीतिक समीकरण बिगाड़ सकते ये आंदोलनकारी कर्मचारी, सरकार को दी चेतावनी

मंगलवार को आंदोलन के 97वें दिन भी इन कर्मियों ने जोरदार प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारे लगाए। इन कर्मियों का कहना है कि सौ दिन तक हमने संयम बरता लेकिन सरकार की ओर से कोई बयान जारी नहीं हुआ।

By JagranEdited By: Lokesh Chandra MishraPublished: Tue, 27 Sep 2022 03:13 PM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2022 03:13 PM (IST)
इंप्लाइज यूनाइटेड फ्रंट के सीनियर सदस्य रवि हंस ने कहा कि अब आंदोलन कड़ा करने की बारी है।

जम्मू, जागरण संवाददाता : नियमित किए जाने की मांग को लेकर जलशक्ति विभाग का आंदोलन अब धीरे-धीरे 100वें दिन में प्रवेश कर जाएगा और इसी के साथ इन कर्मियों की धरने प्रदर्शन की नई नीति प्रभाव में आ जाएगी। इसके तहत रोड ब्लाक, रैलियां, प्रदर्शन, महारैलियां, जम्मू के प्रतिनिधियों के निवास स्थल का घेराव शामिल है। इन कर्मियों का कहना है कि बहुत देख लिया और अब आंदोलन में तेजी लाने का समय आ गया है।

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मंगलवार को आंदोलन के 97वें दिन भी इन कर्मियों ने जोरदार प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारे लगाए। इन कर्मियों का कहना है कि सौ दिन तक हमने संयम बरता, लेकिन सरकार की ओर से कोई बयान जारी नहीं हुआ। ऐसे में साफ हो गया है कि सरकार के पास इन कर्मियों के लिए कोई रोड मैप नहीं था। यह सरकार अस्थायी कर्मियों को महज अंधेरे में रखे हुए थी, लेकिन अब हम भी मैदान में हैं और पीछे हटने वाले नहीं है। पीएचई इंप्लाइज यूनाइटेड फ्रंट के सीनियर सदस्य रवि हंस का कहना है कि बीते सौ दिनों में हमने सरकार को परख लिया। अब आंदोलन कड़ा करने की बारी है।

जम्मू के प्रतिनिधि जोकि केंद्र सरकार में अपनी पैठ रखते हैं, हमारी मांगों को उठाने में नाकाम रहे हैं। इसलिए अब हमारा आंदोलन कड़ा होने वाला है। हम जम्मू के प्रतिनिधियों से सवाल पूछेंगे कि उन्होंने अस्थायी कर्मियों के लिए क्या किया और उनको जवाब देना होगा। नहीं तो 2024 में होने वाले लोक सभा के चुनाव व शीघ्र होने वाले विधानसभा चुनाव में यह अस्थायी कर्मी बहुत भारी पड़ेंगे। क्योंकि 22 हजार अस्थायी कर्मी जलशक्ति विभाग में ही हैं और कुल 60 हजार अस्थायी कर्मी हैं। हंस ने सरकार से कहा कि वह अपनी सयही भूमिका अदा करे और इन कर्मियों के साथ इंसाफ करे, नहीं तो हम अब अपने आंदोलन को कड़ा करने जा रहे हैं।


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