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JMC: बाहूफोर्ट के मुहल्लों में खुल रही स्वच्छता की पोल, जम्मू नगर निगम नहीं दे रहा ध्यान

यह हालत तब है जब म्हाशा मुहल्ले में शिव मंदिर के नजदीक नगर निगम ने टूटियों का काम शुरू किया हुआ है। यानि निगम के इंजीनियर यहां जरूर पहुंच रहे हैं लेकिन उन्हें यह सब नजर नहीं आता। गली में इतनी बदबू फैली हुई है कि खड़ा नहीं हुआ जाता।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 16 Mar 2021 11:44 AM (IST)Updated: Tue, 16 Mar 2021 11:44 AM (IST)
म्हाशा मुहल्ले की हालत प्रशासन को आइना दिखा रही है।

जम्मू, जागरण संवाददाता: स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में दो अंकों की रैंकिंग लाने के दावे कर रहे जम्मू नगर निगम की कार्यप्रणाली की पोल बाहूफोर्ट के मुहल्लों में खुल रहे हैं। बाहूफोर्ट के म्हाशा मुहल्ले में गंदगी के ढ़ेर लगे हुए हैं। गलियों में गंदगी इस कदर है कि मुंह पर रूमाल रखने बिना आगे बढ़ा नहीं जा सकता। रही-सही कसर सीवरेज के लिए पाइपें डालने के काम से पूरी हो गई है।

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म्हाशा मुहल्ले को जोड़ती बीच की गलियां स्वच्छता का तरस रही हैं। इलाके में अधिकतर लोग गरीब व पिछड़े वर्ग के हैं और निगम को यूजर चार्ज देने में भी असक्षम हैं। यही कारण है कि नगर निगम इन मुहल्लों की सफाई को तरजीह नहीं दे रहा। न तो म्यूनिसिपल कमिश्नर, न ज्वाइंट कमिश्नर और न ही हेल्थ आफिसर ने ही मुहल्ले का दौरा किया है।

यह हालत तब है जब म्हाशा मुहल्ले में शिव मंदिर के नजदीक नगर निगम ने टूटियों का काम शुरू किया हुआ है। यानि निगम के इंजीनियर यहां जरूर पहुंच रहे हैं लेकिन उन्हें यह सब नजर नहीं आता। इस मंदिर से मुहल्ले की ओर घुसते ही गली में इतनी बदबू फैली हुई है कि खड़ा नहीं हुआ जाता। मजबूर लोगों की कोई सुनता नहीं। साथ लगता एक प्लाट वर्षों से डंपिंग प्वाइंट बना हुआ है।

किसी जूनियर इंजीनियर के इस प्लाट में कई मीट्रिक टन कचरा जमा है। कोई पूछ तक नहीं रहा। ऐसा ही हाल बाहूफोर्ट के अन्य मुहल्लों का भी है जहां पर्याप्त सफाई कर्मचारी नहीं होने से सफाई व्यवस्था नहीं बन पा रही।

म्हाशा मुहल्ले की हालत प्रशासन को दिखा रही आइना: मंदिरों के शहर में पर्यटकों को लुभाने के लिए बाहूफोर्ट ही एकमात्र ऐसा क्षेत्र है जहां रोजाना सैकड़ों पर्यटक पहुंचते हैं। बाग-ए-बाहू के अलावा गंडोला भी इस क्षेत्र में शुरू किया गया है। बावजूद इसके आसपास के मुहल्लों की हालत बदतर है। गंडोला साइट से मात्र कुछ मीटर की दूरी पर स्थित म्हाशा मुहल्ले की हालत प्रशासन को आइना दिखा रही है।

सीवरेज के लिए खोदाई बनी समस्या: म्हाशा मुहल्ले में करीब दस महीने पहले सीवरेज की पाइपें डाली गईं। इसके लिए गली को उखाड़ दिया गया लेकिन दोबारा मरम्मत नहीं की गई। अब गली चलने लायक भी नहीं रह गई है। इतना ही नहीं गली के नाली के ऊपर जल शक्ति विभाग की पाइपें लगी हुई हैं जिन्हें अंडर ग्राउंड तक नहीं किया गया। सीवरेज तो जुड़ी नहीं, समस्याएं जरूर बढ़ गईं। म्हाशा मुहल्ले से लेकर कालिका कालोनी तक सीवरेज का काम होना है लेकिन महीनों गुजरने के बाद भी स्थिति जस की तस है। सीवरेज व्यवस्था से यहां रहने वाले गरीब लोगों को काफी राहत मिलेगी लेकिन यह तभी संभव है जब काम पूरा किया जाए। पाइपें बिछाने का काम भी धीमी गति से चल रहा है।

जल्द करवाएंगे काम: वार्ड नंबर 47, बाहूफोर्ट की कॉरपोरेटर शारदा देवी का कहना है कि सीवरेज की पाइपें डालने से गलियां टूटी हैं। इन्हें ठीक करवाया जाना है। क्षेत्र में सफाई कर्मचारियों की कमी है। आटो भी मुहल्ले में नहीं जाते तो थोड़ी मुश्किल होती है। उनका कहना है कि क्षेत्र से यूजर चार्ज भी नहीं आते तो कर्मचारी कन्नी काटते हैं। हम कोशिश कर रहे हैं कि इलाके को साफ-सुथरा बनाया जाए। लोग से भी सहयोग की अपील है। कुछ दिन पहले ही यहां गली का निर्माण कार्य शुरू करवाया है। शेष कार्य भी करवाए जाएंगे। मेयर व हेल्थ आफिसर को भी इलाके में सफाई कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने के लिए बोला है। 


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