अभिनव थियेटर में दिखी जम्मू-कश्मीर की समृद्ध संस्कृति
सांस्कृतिक, साहित्यिक विरासत की विभिन्नता को देखते हुए मिनी इंडिया कहे जाने वाले जम्मू कश्मीरी की समृद्ध संस्कृति बुधवार को अभिनव थियेटर परिसर में देखने को मिली।
जम्मू, जागरण संवाददाता। सांस्कृतिक, साहित्यिक विरासत की विभिन्नता को देखते हुए मिनी इंडिया कहे जाने वाले जम्मू कश्मीरी की समृद्ध संस्कृति बुधवार को अभिनव थियेटर परिसर में देखने को मिली। जम्मू-कश्मीर कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी की ओर से आयोजित तीन दिवसीय साहित्यिक एवं सांस्कृतिक मेले के पहले दिन अभिनव परिसर में मेले जैसा माहौल था।
इस साहित्यिक एवं सांस्कृतिक मेले का उद्घाटन करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यपाल एनएन वोहरा ने कहा कि हालात कुछ ऐसे नहीं रहे कि राज्य के सभी लोग अपनी संस्कृति से रुबरू हो सकें। लद्दाख वाला कारगिल तक नहीं आया। आपसी संपर्क न होने का राज्य को बड़ा नुकसान हुआ है। आपसी संपर्क के साथ ही तो देश की एकता मजबूत होती है और लोगों का आपसी मेल-मिलाप बढ़ता है। आज जब सभी भाषाओं के लोग मिल बैठकर बात कर रहे हैं तो सिर्फ राज्य में ही नहीं दुनियाभर में एक अलग संदेश जाएगा। कई सृजनात्मक लोग एक स्थान पर हैं। ऐसे कार्यक्रमों से बात आगे बढ़ती है।
एक दूसरे को समझने का मौका मिलता है। ऐसे प्रयास होने चाहिए कि इस तरह के कार्यक्रम हर वर्ष हों। राज्यपाल ने गैलरी में लगी एसआर वानी की फोटो प्रदर्शनी की सराहना करते हुए कहा कि इस फोटो प्रदर्शनी को देखकर कश्मीर के इतिहास से रूबरू हुआ जा सकेगा।
वहीं, कश्मीरी साहित्यकार नसीम शफाई ने कार्यक्रम को अकादमी के इतिहास में एक मील का पत्थर करार दिया। वहीं, धन्यवाद प्रस्ताव में अकादमी के अतिरिक्त सचिव डॉ. अरविंद्र सिंह अमन ने कहा कि जिंदा होने के अहसास के लिए जुबान जरूरी है। इस मेले से आपकी जुबान दुनिया को अपने जीवित होने का अहसास करवा सकेगी। मंच संचालन मिताली गुप्ता ने किया।