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गोलाबारी से तनाव दहशत, दोनों देशों की कड़वाहट से लोगों का जीना हुआ दूभर

भारत-पाक में जब तनाव की स्थिति बनती है तो जिंदगी पर बुरा असर पड़ता है, दोनों देशों के बीच तनाव का खामियाजा सरहदी लोगों को भुगतना पड़ता है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 09 Feb 2018 04:21 PM (IST)Updated: Fri, 09 Feb 2018 04:27 PM (IST)
गोलाबारी से तनाव दहशत, दोनों देशों की कड़वाहट से लोगों का जीना हुआ दूभर
गोलाबारी से तनाव दहशत, दोनों देशों की कड़वाहट से लोगों का जीना हुआ दूभर

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v style="text-align: justify;">रामगढ़,संवाद सहयोगी।पाक रेंजरों द्वारा अपनी गोलाबारी की शैली में किए गए बदलाव से हर समय सीमांत लोगों की जिंदगी पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। जब भी भारत-पाक सरहद पर दोनों देशों के बीच कभी तनाव की स्थिती बनती है, तो उसका इंसानी जिंदगी पर बुरा असर पड़ता है।
2 सालों में पाक गोलाबारी की शैली में होने वाले बदलाव से इंसानी जिंदगी बुरी तरह से प्रभावित हुई है। खासतौर पर छोटे से सीमांत सब सेक्टर रामगढ़ में वर्ष 2016 से लेकर वर्तमान वर्ष 2018 फरवरी तक 7 लोगों की पाक गोलाबारी में मौत हो चुकी है और 2 दर्जन लोगों को गोलाबारी का शिकार होकर अस्पतालों में भर्ती होना पड़ा। करीब एक दशक से लगातार अंतरराष्ट्रीय सीमा से लेकर नियंत्रण रेखा तक भारत-पाक के बीच हर छोटे अंतराल के बाद तनाव पैदा होता आ रहा है। दोनों देशों के बीच पैदा होने वाले तनाव का सबसे अधिक खामियाजा सरहद के साथ लगते गांव के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। जब भी सरहद के उस पार से पाक मोर्टार शैल भारतीय रिहायशी गांवों पर गिरते हैं, तो उनके धमाकों से हर तरफ तबाही का आलम पैदा हो जाता है।
दर्जनों बेजुबान मवेशियों की पाक गोलाबारी में मौत हो चुकी है और सैकड़ों रिहायशी घरों के मूलभूत ढांचे का नुकसान हुआ है।अपने दुखों को जाहिर करते हुए सीमांत गांव कमोर कैंप निवासी मास्टर मेला राम चौधरी ने कहा कि जैसे-जैसे भरत-पाक रिश्तों में कड़वाहट आ रही है, वैसे-वैसे सीमांत लोगों का जीवन मुश्किल में पड़ता जा रहा है। जेरडा निवासी पूर्व सरपंच मोहन सिंह भट्टी ने कहा कि जब तक सरहद पर गोलाबारी होती रहेगी, तब तक इंसानी जीवन पर मौत का खतरा मंडराता रहेगा। पूर्व सरपंच पंचायत लगवाल प्रेमपाल चौधरी ने कहा कि घुटन की जिंदगी और दर्दनाक मौत किसी को भी मंजूर नहीं। ऐसी जिंदगी और मौत के खतरे को महसूस करते ही लोगों के पसीने छूट जाते हैं।आखिर कब तक पाक मोर्टार शैल इंसानी जीवन को नुकसान पहुंचाते रहेंगे। भारत-पाक में जब तनाव की स्थिति बनती है तो जिंदगी पर बुरा असर पड़ता है, दोनों देशों के बीच तनाव का खामियाजा सरहदी लोगों को भुगतना पड़ता है।

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