Jammu Kashmir Coronavirus Lockdown effect:एक मास्क के सहारे कोरोना संक्रमित का अंतिम संस्कार
Jammu kashmir Coronavirus Lockdown effect जम्मू कश्मीर में अब तक कोरोना से 188 लोग संक्रमित और चार लोगों की मौत हो चुकी है।
जम्मू, रोहित जंडियाल। न हाथों पर दस्ताने, न फेस मास्क और न ही पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्वीकमेंट) किट। कोरोना वायरस के संक्रमण से मारी गई ऊधमपुर जिले के टिकरी की महिला का वीरवार को जम्मू के योगी गेट में तवी नदी के किनारे केवल एक साधारण मास्क पहनकर अंतिम संस्कार कर दिया गया। यह सब प्रशासन, स्वास्थ विभाग और पुलिस विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ, लेकिन किसी ने इसका संज्ञान तक नहीं लिया। यह हाल तब है जब केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोरोना संक्रमित के अंतिम संस्कार के लिए बकायदा एडवाइजरी जारी कर रखी है।
जम्मू कश्मीर में अब तक कोरोना से 188 लोग संक्रमित और चार लोगों की मौत हो चुकी है। जम्मू संभाग के ऊधमपुर जिले के टिकरी की रहने वाली महिला की गत बुधवार को जम्मू के मेडिकल कॉलेज (जीएससी) अस्पताल में कोरोना संक्रमण से मौत हो गई थी। वीरवार को उनके अंतिम संस्कार के लिए उसके शव को जम्मू के योगी गेट में तवी नदी के किनारे लाया गया। एंबुलेंस में लाए गए महिला के शव के साथ सात लोग थे। चार लोगों ने पूरी सुरक्षा किट पहनी हुई थी, लेकिन तीन अन्य केवल साधारण मास्क पहने हुए थे।
बताया जा रहा है कि सुरक्षा किट पहने चार लोग स्वास्थ्य विभाग के कर्मी और केवल मास्क पहने तीन लोग महिला के पति सहित परिवार के सदस्य थे। सुरक्षा किट पहने चार लोग शव को उठाकर तवी किनारे पहुंचे। उसके बाद केवल मास्क पहने दो लोगों ने शव को मुखाग्निी दी। उनके हाथों में दस्ताने तक नहीं थे। तीसरा सदस्य किट पहने अन्य कर्मियों के पास खड़ा रहा। वहीं, गुज्जर नगर स्थित तवी पुल पर पुलिस के अधिकारी ऊपर से यह सब देख रहे थे।
यह हैं नियम :
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के नियमों के अनुसार, शमशानघाट के कर्मचारियों को यह बताना होगा कि इससे आपको कोई अतिरिक्त खतरा नहीं है। स्टाफ को मास्क, दस्ताने पहनने के साथ-साथ अपनी सफाई पर भी ध्यान देना होगा। शव को छुए बिना धार्मिक रीति रिवाज करने की इजाजत है। शव को नहलाने, उसे चूमने या फिर उसके गले लगने से मनाही है। अंतिम संस्कार के बाद स्टाफ और परिजनों को अपने हाथों की सफाई करनी है। अस्थियों से कोई भी खतरा नहीं है। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन के नियमों के अनुसार, पीपीई किट पहनना भी जरूरी है।
संस्कार करने कोई नहीं आ रहा था आगे :
ऊधमपुर के टिकरी की संक्रमित महिला के अंतिम संस्कार से पहले भी विवाद बना रहा। पहले उसका संस्कार करने के लिए कोई आगे नहीं आ रहा था। इसलिए संस्कार ऊधमपुर या जम्मू में करवाने पर असमंजस बना रहा। बाद में तय किया गया कि जम्मू के योगी गेट में ही संस्कार होगा, लेकिन उसके शव को लेने के लिए कोई भी आगे नहीं आ रहा था। मेडिकल कॉलेज अस्पताल की टीम ने महिला के शव को वीरवार योगी गेट तक तो पहुंचा दिया, लेकिन वहां मौजूद रिश्तेदार आगे नहीं आए। इस पर जिला प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ा। सूत्रों के अनुसार इसके बाद प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया। अधिकारियों ने इस दौरान परिजनों को काफी समझाया। बाद में महिला के पति ने उसका संस्कार किया।