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Amarnath Yatra 2020: अमरनाथ यात्रा से पूर्व प्रथम पूजा इस बार जम्मू में होगी, 23 जून से शुरू हो रही यात्रा 15 दिन तक सीमित

Amarnath Yatra 2020धार्मिक संगठनों का आग्रह है कि प्रथम पूजा जम्मू शहर में स्थित ऐतिहासिक शिव मंदिर श्री रणबीरेश्वर में आयोजित की जाए।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 08:53 AM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 02:41 PM (IST)
Amarnath Yatra 2020: अमरनाथ यात्रा से पूर्व प्रथम पूजा इस बार जम्मू में होगी, 23 जून से शुरू हो रही यात्रा 15 दिन तक सीमित
Amarnath Yatra 2020: अमरनाथ यात्रा से पूर्व प्रथम पूजा इस बार जम्मू में होगी, 23 जून से शुरू हो रही यात्रा 15 दिन तक सीमित

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। Amarnath Yatra 2020: श्री अमरनाथ यात्रा से पूर्व होने वाली प्रथम पूजा इस बार दक्षिण कश्मीर में चंदनबाड़ी में नहीं होने जा रही। यह जम्मू में श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड कार्यालय परिसर में या श्री रणबीरेश्वर मंदिर में होगी। प्रथम पूजा यात्रा के शुरू होने से पहले ज्येष्ठ पूर्णिमा पर होती है।

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समुद्रतल से करीब 3888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा की वार्षिक यात्रा 23 जून से शुरू होनी थी। कोविड-19 लॉकडाउन और संक्रमण के संकट के चलते इसे कुछ दिन स्थगित किया गया है। पवित्र गुफा के प्रबंधन और यात्रा के संचालन क लिए जिम्मेदार श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड इस बार यात्रा 15 दिन तक सीमित रखने पर विचार कर रहा है।

सूत्रों ने बताया कि निर्धारित कार्यक्रमानुसार, इस बार ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन पांच जून की सुबह चंदनबाड़ी में प्रथम पूजा निश्चित थी। पूजा में श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अधिकारियों, श्री बाबा अमरनाथ और बाबा बुड्ढा अमरनाथ यात्री न्यास के सदस्यों ने भाग लेना था। बदली परिस्थितियों में बोर्ड ने पहले कथित तौर पर प्रथम पूजा को रद्द कर दिया था, लेकिन श्री अमरनाथ यात्रा से जुड़े विभिन्न धार्मिक संगठनों के दबाव में बोर्ड ने पूजा के लिए सहमति प्रदान कर दी है।

पूजा के आयोजनस्थल को लेकर पेंच फंस गया है। धार्मिक संगठनों का आग्रह है कि प्रथम पूजा जम्मू शहर में स्थित ऐतिहासिक शिव मंदिर श्री रणबीरेश्वर में आयोजित की जाए। उनका तर्क है जब आतंकवाद अपने चरम पर था तो इसी मंदिर से पवित्र छड़ी मुबारक पवित्र गुफा के लिए रवाना होती रही है।

बोर्ड चाहता है कि प्रथम पूजा बोर्ड कार्यालय में हो ताकि भीड़ से बचा जा सके। सूत्रों के मुताबिक, मंदिर में पूजा के आयोजन के समय भीड़ हो सकती है। वैसे भी धर्मस्थलों को प्रशासन ने बंद रखा हुआ है। प्रथम पूजा यात्रा के शुरू होने से पहले ज्येष्ठ पूर्णिमा पर होती है। 


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