जम्मू कश्मीर में परिसीमन आयोग का अंतिम आदेश पूरी तरह हुआ प्रभावी, केंद्र सरकार ने जारी की अधिसूचना
परिसीमन आयोग का अंतिम आदेश शुक्रवार को पूरी तरह प्रभावी हो गया है। भारत सरकार ने आज इस संदर्भ में आवश्यक अधिसूचना जारी कर दी है। जस्टिस (सेवानिवृत्त) रंजना देसाई की अध्यक्षता में मार्च 2020 में गठित परिसीमन आयोग ने अपनी अंतिम रिपोर्ट पांच मई 2022 को ही सौंपी थी।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : जम्मू कश्मीर में अब 83 नहीं 90 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हैं। अनुसूचित जनजातियों के लिए नौ और अनुसूचित जातियों के लिए सात सीटें आरक्षित भी हो गई हैं। परिसीमन आयोग का अंतिम आदेश शुक्रवार को पूरी तरह प्रभावी हो गया है। भारत सरकार ने आज इस संदर्भ में आवश्यक अधिसूचना जारी कर दी है। जस्टिस (सेवानिवृत्त) रंजना देसाई की अध्यक्षता में मार्च 2020 में गठित परिसीमन आयोग ने अपनी अंतिम रिपोर्ट पांच मई 2022 को ही सौंपी थी।
परिसीमन आयोग का आदेश प्रभावी होने के साथ ही जम्मू कश्मीर विधानसभा के गठन का रास्ता और ज्यादा साफ हो गया है। परिसीमन आयोग के आदेश के मुताबिक गठित 90 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता सूचियों को तैयार करने की प्रक्रिया भी अगले एक माह के दौरान शुरु हो जाएगी। इन मतदाता सूचियों के तैयार होने के बाद ही विधानसभा चुनाव होंगे। संभवत: नवंबर-दिसंबर में यह चुनाव होंगे। केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय ने आज एक अधिसूचना जारी कर कहा है कि 20 मई 2022 से परिसीमन आयोग आयोग का जम्मू कशमीर में परिसीमन संबंधी आदेश पूरी तरह प्रभावी होगा।
अधिसूचना में कहा गया है कि जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के प्रविधान 62 के उपप्रविधान (2) और (3) के तहत केंद्र सरकार तय करती है कि परिसीमन आयोग द्वारा 14 मार्च, 2022 को जारी आदेश नंबर एक और पांच मई, 2022 को जारी आदेश नंबर दो जो कि भारत के राजपत्र में प्रकाशित हैं, वे मई 2022 के 20वें दिन से प्रभावी माने जाएंगे। परिसीमन आयोग ने जम्मू कश्मीर में सात नयी सीटों को बढ़ाने की प्रक्रिया के दौरान कई पुराने विधानसभा क्षेत्रों का स्वरुप भी बदलते हुए उन्हें युक्तिसंगत बनाया है।
कई क्षेत्राें को उनके पहले के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों से अलग कर उन्हें किसी दूसरे क्षेत्र में शामिल किया गया है। इसके अलावा प्रदेश में पांच ससंदीय निर्वाचन क्षेत्रों का भी स्वरूप बदला है। अब प्रत्येक संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में 18 विधानसभा क्षेत्र हैं। इसके अलावा जम्मू और कश्मीर प्रांत में दो-दो संसदीय निर्वाचन क्षेत्र बनाते हुए पांचवें संसदीय निर्वाचन क्षेत्र को जम्मू व कश्मीर प्रांत के पुंछ, राजौरी और अनंतनाग को मिलाकर बनाया गया है।
पांच अगस्त, 2019 को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के लागू होने से पहले के जम्मू कश्मीर राज्य में 87 सीटों पर चुनाव होता था जबकि 24 सीटें जो गुलाम जम्मू कश्मीर का प्रतिनिधित्व करती हैं, खाली रखी जाती रही हैं। इन पर चुनाव नहीं होता है। जम्मू कश्मीर राज्य विधानसभा की 87 सीटों में से जम्मू प्रांत में 37, कश्मीर प्रांत में 46 और लद्दाख प्रांत में चार सीटें थी।