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खुशहाल जम्मू-कश्मीर के सपने को लखनपुर में लग रहा ग्रहण

-लखनपुर में टोल टैक्स समाप्त होने के बाद से पंजाब से राज्य में बेचने के लिए लाई जा रही ईट

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 08:00 AM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 08:00 AM (IST)
खुशहाल जम्मू-कश्मीर के सपने को लखनपुर में लग रहा ग्रहण
खुशहाल जम्मू-कश्मीर के सपने को लखनपुर में लग रहा ग्रहण

-लखनपुर में टोल टैक्स समाप्त होने के बाद से पंजाब से राज्य में बेचने के लिए लाई जा रही ईट जागरण संवाददाता, जम्मू : अनुच्छेद 370 व 35-ए समाप्त हो चुका है और अब केंद्र सरकार ने भूमि स्वामित्व अधिनियम संबंधी कानूनों में संशोधन भी कर दिया है। इससे देश का कोई भी नागरिक जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीद सकता है। केंद्र सरकार एक खुशहाल जम्मू-कश्मीर का सपना साकार करने के लिए यह सकारात्मक कदम उठा रही है, लेकिन स्थानीय स्तर पर कुछ ताकतें ऐसी भी हैं, जो इसका विरोध कर रही हैं। ऐसा ही कुछ इन दिनों जम्मू-कश्मीर के प्रवेश द्वार लखनपुर में हो रहा है। जम्मू-कश्मीर ईंट भट्ठा कानून के तहत यह प्रावधान है कि बाहरी राज्य का कोई भी व्यापारी जम्मू-कश्मीर में ईंट लाकर नहीं बेच सकता। कानून के तहत लाइसेंस प्राप्त लोग ही ईंट बना व बेच सकते हैं, लेकिन जब से लखनपुर टोल टैक्स समाप्त हुआ है, पंजाब से ईंटों की भारी तस्करी हो रही है। सरकार ने लखनपुर टोल टैक्स चाहे समाप्त कर दिया हो लेकिन कानून के तहत स्थानीय ईंट भट्ठा उद्योग को संरक्षण प्राप्त है। इसके बावजूद लखनपुर में कुछ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत से ईंटों के ट्रक लखनपुर से आ रहे है जिससे स्थानीय उद्योग को काफी नुकसान पहुंच रहा है। ईंटों की इस तस्करी को रोकने के लिए जम्मू व कठुआ के डिप्टी कमिश्नर बकायदा एक कमेटी भी गठित कर चुके है। जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट भी प्रशासन को यह तस्करी बंद करवाने के निर्देश दे चुका है, इसके बावजूद तस्करी जारी है। जानकारों की माने तो ऐसा इसलिए भी हो रहा है कि स्थानीय लोगों, विशेषकर व्यापारियों व उद्योगपतियों में यह संदेश जाए कि केंद्र सरकार का अनुच्छेद 370 व 35 ए समाप्त करना कितना गलत साबित हो रहा है। किस प्रकार पड़ोसी राज्यों के कारोबारी स्थानीय कारोबार को खा जाएंगे।

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पंजाब से ईट की आमद नहीं रुकी, तो जम्मू में बंद हो जाएंगे 300 भट्ठे

जागरण संवाददाता, जम्मू : ब्रिक क्लिन ओनर्स एसोसिएशन जम्मू प्रोविस के अनुसार अगर पंजाब से इसी तरह ईंट लाकर राज्य में बेचे जाते रहे तो जम्मू संभाग के करीब 300 ईंट भट्ठे बंद हो जाएंगे। एसोसिएशन के चेयरमैन जुगल महाजन ने बुधवार को एसोसिएशन के अन्य सदस्यों के साथ एक पत्रकार वार्ता में कहा कि ईंट भट्ठा कारोबार से 50 हजार लोग जुड़े हैं, जो बेरोजगार हो जाएंगे। इस कारोबार से सरकार को सालाना तीस करोड़ रुपये का राजस्व जाता है। इससे सरकार को भी घाटा होगा। जुगल महाजन ने कहा कि पंजाब से ईंट की तस्करी व टैक्स चोरी करने के लिए काफी कम दाम पर बिल काटे जा रहे हैं ताकि जीएसटी बचाया जा सके। इससे सरकार को भी दो तरफा चूना लग रहा है। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि इस तस्करी को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाए और जगह-जगह नाके लगाकर पंजाब से आ रहे ट्रकों को जब्त किया जाए।


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