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पानी की फिजूलखर्ची रोकने के उपाय, कितना पानी खर्च किया इसका रिकॉर्ड विभाग रखेगा

शहर में पानी की फिजूलखर्ची रोकने के लिए पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग (पीएचई) विभाग ने अब घरों में वाटर मीटर लगाना शुरू कर दिया है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 30 Aug 2018 09:55 AM (IST)Updated: Thu, 30 Aug 2018 09:56 AM (IST)
पानी की फिजूलखर्ची रोकने के उपाय, कितना पानी खर्च किया इसका रिकॉर्ड विभाग रखेगा
पानी की फिजूलखर्ची रोकने के उपाय, कितना पानी खर्च किया इसका रिकॉर्ड विभाग रखेगा

जम्मू, राहुल शर्मा । शहर में पानी की फिजूलखर्ची रोकने के लिए पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग (पीएचई) विभाग ने अब घरों में वाटर मीटर लगाना शुरू कर दिया है। अभी यह काम शहर के तीन इलाकों त्रिकुटा नगर, शास्त्री नगर और कर्ण नगर में ट्रायल तौर पर शुरू किया है। ट्रायल सफल रहा और राजस्व वसूली में सुधार हुआ तो शहर के दूसरे इलाकों में भी यह मीटर लगाए जाएंगे।

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पीएचई विभाग मानना है कि वाटर मीटर लगने से पानी की बर्बादी पर अंकुश लगेगा और कौन परिवार रोजाना कितना पानी प्रयोग करते है, उसका भी पता चलेगा। इक्नॉमिक रीकंस्ट्रशन एजेंसी (ईरा) लोगों के घरों में मीटर लगा रही है।

कालोनियों के विस्तार से शहर व साथ लगते इलाकों में पानी की मांग लगातार बढ़ रही है। वर्तमान में शहर में नियमित पानी की सप्लाई के लिए विभाग को रोजाना 65 मिलियन गैलन पानी की जरूरत है, लेकिन विभाग 50 मिलियन गैलन पानी ही सप्लाई कर पा रहा है। 15 मिलियन गैलन पानी प्रतिदिन की कमी है। विभाग का मानना है कि पानी के मीटर लगने के पानी की बर्बादी रुकने के साथ राजस्व वसूली में भी सुधार होगा। अभी तक तो उपभोक्ताओं से सालाना 1920 रुपये लिए जा रहे हैं परंतु मीटर लगने के बाद हरेक उपभोक्ता को प्रति लीटर के हिसाब से पानी का बिल देना होगा।

चीफ इंजीनियर अशोक कुमार ने कहा अभी तक विभाग ने कमर्शियल कनेक्शनों को मीटर प्रणाली के भीतर लाया है। घरेलू कनेक्शनों पर मीटर नहीं लगाए गए हैं, परंतु अब ईरा की मदद से यह काम शुरू किया गया है। इस कवायद से भविष्य में पैदा होने वाले जल संकट से भी निजात मिलने की उम्मीद है। 

पीएचईसाल में दो बार देना होगा बिल

मीटर लगने से राजस्व वसूली प्रणाली भी बदल जाएगी। पहले उपभोक्ताओं से सालाना राजस्व लिया जाता था, मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं को सितंबर और मार्च में दो बार बिल देना होगा। बिजली विभाग की तरह उपभोक्ताओं को बिल बैंक खाते में ही जमा करना होगा।

ग्रिड से जुड़ेंगे पंपिंग स्टेशन

पानी की सप्लाई हर जगह संभव हो सके, इसके लिए बिजली की ग्रिड प्रणाली की तरह ही वाटर पंपिंग स्टेशनों को भी ग्रिड प्रणाली से आपस में जोड़ा जा रहा है। मीटर लगने के बाद यदि पानी की खपत कम होती है तो बचने वाला पानी दूसरे क्षेत्रों में सप्लाई किया जाएगा। इससे पानी की कमी भी दूर होगी।

अस्थायी कनेक्शन होंगे स्थायी

मीटर लगाते समय विभाग उपभोक्ताओं के पानी कनेक्शनों की जांच भी करेगा। जिन उपभोक्ताओं के पास स्थायी कनेक्शन नहीं होगा, उन्हें मौके पर ही स्थायी कनेक्शन दिये जाएंगे। पीएचई विभाग का कहना है कि ईरा द्वारा नई पाइप लाइन बिछाने का भी विभाग को काफी फायदा हुआ। कनेक्शन संबंधी दस्तावेज देखने के बाद दोबाना कनेक्शन जारी किए गए, जो बिना कनेक्शन पानी का इस्तेमाल कर रहे थे, उनसे मौके पर ही जीआर कटवा स्थायी कनेक्शन दिए गए। 


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